6386
बेकारके ख्व़ाब,
आँखोंमें ऐसे बस जाती हैं;
बिना दवाई खाएं,
रातको नींद नही आती हैं...
6387
तेरे मर्जकी,
सबने दी दवाई
हैं...
मैंने सिर्फ तुम्हें,
मुस्कुरानेकी
अदा सिखाई हैं...!
6388
हर दर्दकी दवा,
यहाँपर हैं...
अगर हारके बाद जीतका,
हौसला रख सको.......
6389
मौत माँगते हैं तो
जिन्दगी खफा हो
जाती,
जहर लेते हैं
तो वो भी
दवा हो जाती
हैं;
तूही बता ऐ
दोस्त क्या करूँ...
जिसको भी चाहा
वो बेवफा हो
जाती हैं...
दर्द भी वो दर्द जो दवा बन जाये,
मुश्किलें बढ़ें तो आसान बन जाये,
जख्म पाकर सिर झुका देता हूँ,
जाने कौन पत्थर
खुदा बन जाये ll
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