5 March 2018

2436 - 2440 वजह बहाना रुकावटें रास्ते रिश्ते वहम दफ़न गलति साँसे हालात ज़ंजीर कच्चे धागे शायरी


2436
रोनेकी वजह न थी,
हसनेका बहाना न था...
क्यो हो गए हम इतने बडे,
इससे अच्छा तो वो बचपनका जमाना था!

2437
रुकावटें तो जनाब,
जिंदा इन्सानके हिस्सेमें हि आती हैं...
वरना अर्थिके लिये,
रास्ते तो सभी छोड देते हैं.......

2438
कुछ रिश्ते वहमकी कब्रमें,
दफ़न हो जाते हैं...
हर बार कसूर गलतियोंका,
कहाँ होता हैं...!

2439
उठाना खुद ही पडता हैं,
थका टूटा बदन अपना;
जब तक साँसे चलती हैं,
कंधा कोई नहीं देता...

2440
हालातने तोड़ दिया,
हमें कच्चे धागेकी तरह...
वरना हमारे वादे भी,
कभी ज़ंजीर हुआ करते थे.......!

4 March 2018

2431 - 2435 दिल वफा दुनियाँ ज़िंदगी मुलाक़ात इत्तफाक जज्बात मुश्किल गम बरसात याद पलकें वादा चाह शायरी


2431
दोस्ती तो सिर्फ एक इत्तफाक हैं !
यह तो दिलोंकी मुलाक़ात हैं !!
दोस्ती नहीं देखती यह दिन हैं की रात हैं !
इसमें तो सिर्फ वफादारी और जज्बात हैं !!

2432
"क्युँ मुश्किलोंमें साथ देते हैं दोस्त,
क्युँ गमको बांट लेते हैं दोस्त,
ना रिश्ता खूनका ना रिवाजसे बंधा,
फिरभी जिन्दगीभर साथ देते हैं दोस्त !!!

2433
बरसात आये तो ज़मीन गीली न हो,
धूप आये तो सरसों पीली न हो,
ए दोस्त तूने यह कैसे सोच लिया कि,
तेरी याद आये और पलकें गीली न हों।

2434
तु कितनी भी खुबसुरत,
क्यूँ ना हो ए ज़िंदगी,
खुशमिजाज़ दोस्तोंके बगैर,
तू अच्छी नहीं लगती.......

2435
वादा करो अगर तुम निभा सको,
चाहो उसको जिसे तुम पा सको,
दोस्त तो दुनियाँमें बहुत होते हैं,
पर एक खास रखो जिसके बिना ,
तुम मुस्कुरा सको……..

2426 - 2430 जिन्दगी मौसम बारिश फ़िज़ा रंगीन बात बेशक शफ़क़ चिराग मंज़र साँस कफ़न किस्मत परख सिक्का शायरी


2426
कोई रंग नहीं होता,
बारिशके पानीमें !
फिर भी फ़िज़ाको,
रंगीन बना देता हैं !!

2427
कहनेको तो,
इस शहरमें कुछ नहीं बदला...
पर ये बात भी उतनी ही सही हैं,
मौसम अब उतने सुहाने नही बनते.......

2428
पूछ लो बेशक परिन्दोंकी,
हसीं चेहकारसे ;
तुम शफ़क़की झील हो और,
शामका मंज़र हूँ मैं।।

2429
चिरागसे न पूछो बाकि तेल कितना हैं;
साँसोसे न पूछो बाकि खेल कितना हैं !
पूछो उस कफ़नमें लिपटे मुर्देसे;
जिन्दगीमें गम और कफ़नमें चैन कितना हैं !!

2430
कागज़के नोटोंसे आखिर,
किस किसको खरीदोगे;
किस्मत परखनेके लिए यहाँ आज भी,
सिक्का ही उछाला जाता हैं!

2 March 2018

2421 - 2425 इश्क चाहतका रंग बात राजी़ हसरत प्यार जहाँ नफ़रत शायरी


2421
उतरता अगर तेरे इश्कका रंग,
तो होली भी जरुर मना लेते हम...

2422
उसकी चाहतका रंग चढ़ा हैं मुझपर
वो उतरे तो खेलूं होली.......

2423
वो बात करने तकको,
राजी़ नहीं हैं !
और हम होलीपर रंग लगानेकी,
हसरत जमाये बैठे हैं !

2424
अब ये रंग तो छूटता ही नहीं,
मैने कहा था ना कि,
सिर्फ़ पानी मिलाना
मगर तुमने प्यार मिला दिया !!!

2425
ये किस तरहके लोग हैं,
इस जहाँमें...
रोज़ रंग बदलने वाले,
होलीपें कहते हैं,
हमें रंगोंसे नफ़रत हैं!

2416 - 2420 जिंदगी याद कोशिश ख्वाहिश उम्र मुसाफिर वाकिफ आशिक बेशक खूबसूरत चेहरे मुस्कान शायरी


2416
उसकी यादोंके रंग अब भी,
बहुत पक्के हैं...
जो लाख कोशिशोंके बाद भी,
छूटते नहीं हमसे...

2417
निकले थे इस आसपें,
किसीको बना लेंगे अपना ,
एक ख्वाहिशने उम्र भरका,
मुसाफिर बना दिया...

2418
ऐ समन्दर, मैं तुझसे वाकिफ हुँ,
मगर इतना बताता हुँ...
वो आँखें तुझसे ज्यादा गहरी हैं,
जिनका मैं आशिक हुँ.......!

2419
लोग कहते हैं कि सुधर जाओ वरना...
जिंदगी रुठ जायेगी....
हम कहते हैं...;
जिंदगी तो वैसे भी रुठी हैं,
पर हम सुधर गए तो,
हमारी पहचान रुठ जायेगी...!!

2420
बेशक,
वो खूबसूरत आज भी हैं फ़राज़।
पर चेहरेपर वो मुस्कान नहीं,
जो हम लाया करते थे..........

28 February 2018

2411 - 2415 दिल ज़िन्दगी मोहब्बत हसीना पाबंदी जनाज़े वजूद निशाँ तसल्लियाँ दर्द साथ बारिश शायरी


2411
एक ही शहरसे इतने जनाज़े ग़ालिब,
हसीनाओपें कोई पाबंदी लगाओ !

2412
मोहब्बत यूँ ही किसीसे,
हुआ नहीं करती...,
अपना वजूद भूलाना पडता हैं,
किसीको अपना बनानेके लिए.......

2413
ना किया करो कभी किसीसे,
दिल दुखानेवाली बात,
सुना हैं दिलपें निशाँ
रह जाते हैं सदियोंतक. 
2414
अकेले ही गुजारनी पड़ती हैं,
ये ज़िन्दगी...!
लोग तसल्लियाँ तो देते हैं,
पर साथ नहीं...!

2415
आज बारिश भी,
मेरे दर्दकी तरह हैं...
हल्की हल्की हैं,
पर होती जा रहीं हैं...

27 February 2018

2406 - 2410 इश्क़ दिल मोहब्बत आँख क़त्ल उम्मीद हौंसला इंतजार अहसास सलाह तजुर्बा जुबां साँस जरूरत शायरी


2406
निहत्था खड़ा हैं,
इश्क़के मैदानमें ये दिल,
जब जीमें आये,
आँखोंसे क़त्ल कर देना...

2407
दिलकी उम्मीदोंका
हौंसला तो देखो ,
इंतजार उनका जिन्हें,
अहसास तक नहीं .....!

2408
मुझसे मोहब्बतमें
सलाह मांगते हैं लोग...
तेरा इश्क़ मुझे
ये तजुर्बा दे गया.......

2409
जुबां कह न पायी मगर,
आँखे बोलती ही रही,
कि मुझे साँसोसे पहले,
तेरी जरूरत हैं.......

2410
उनके होंठोको देखा,
तब एक बात उठी ज़हनमें ...
वो लफ्ज़ कितने नशीले होंगे ,
जो इनसे हो कर गुज़रते हैं ।।

26 February 2018

2401 - 2405 जिंदगी ख्वाहिश ठोकरें अहसास लकीरें तकदीर शिकवें साथ लहर दामन पत्थर आँसु शायरी


2401
हलकी फुल्कीसी हैं जिंदगी
बोज तो सिर्फ ख्वाहिशोका हैं,
तमाम ठोकरें खानेके बाद...
ये अहसास हुआ मुझे...
कुछ नहीं कहती हाथोंकी लकीरें...
खुद बनानी पड़ती हैं बिगङी तकदीरें...!

2402
कुछ शिकवें ऐसे भी हैं.......
जो खुद ही किये
और खुद ही सुने.......

2403
अभी तो साथ चलना हैं,
समंदरों कि लहरोंमें;
किनारोंपर ही देखेंगे...
किनारा कौन करता हैं.......

2404
बादलोंसे टूटकर भी,
लिपटी हैं पत्तोंके दामनसे;
ज़मींपर गिरनेसे डरती हैं,
शायद कुछ बूंदे.......

2405
"सुनते आये हैं की,
पानीसे कट जाते हैं पत्थर,
शायद मेरे आँसुओंकी धार ही,
थोड़ी कम रही होगी..."

25 February 2018

2396 - 2400 जिंदगी दौर इत्मीनान ख़ुशी ग़मकी मुस्कुरा आदत धड़कन मुश्किल ख्याल आँख याद खजाना शायरी


2396
गुजर जाएगा ये दौर भी ज़रा,
इत्मीनान तो रख...
जब ख़ुशी ही ना ठहरी,
तो ग़मकी क्या औकात हैं...।

2397
रूठे-रूठे से रहते हो,
तरकीब बताओ मनानेकी।
हम जिंदगी गिरवी रख देंगे,
तुम कीमत बताओ मुस्कुरानेकी।

2398
पलकोंको अब,
झपकनेकी आदत नहीं रही;
जाने क्या हुआ हैं,
तुम्हें देखनेके बाद.......

2399
शोर न कर धड़कन जरा,
थम जा कुछ पलके लिए...
बड़ी मुश्किलसे मेरी आँखोंमें,
उसका ख्याल आया हैं.......

2400
किसीने पुछा मुझसे
क्या हैं तेरी जिन्दगीका खजाना,
मूझे याद आ गया उनका,
वो हलकेसे मुस्कुराना.......

23 February 2018

2391 - 2395 ज़िंदगी मोहब्बत प्यारी रंग बात ख्वाब हक़ीकत रुठ खुबसुरत शिकायत बेवफा बदल फुल शायरी


2391
मुझे बहुत प्यारी है,
तुम्हारी दी हुई हर एक निशानी...
चाहे वो दिल का दर्द हो,
या.....आँखों का पानी......

2392
"किताबों के पन्नो को पलट के सोचता हूँ,
यूँ पलट जाए मेरी ज़िंदगी तो क्या बात है;
ख्वाबों मे रोज मिलता है जो,
हक़ीकत में आए तो क्या बात है."

2393
ऐ ज़िँदगी,
अब तू ही रुठ जा मुझसे...
ये रुठे हुए लोग,
मुझसे मनाए नहीँ जाते.......

2394
बहुत खुबसुरत होती हैं,
एक तरफा मोहब्बत...
ना कोई शिकायत होती हैं,
ना कोई बेवफा कहलाता हैं...

2395
वो अक्सर मुझे कहते हैं,
'बदल गए हो तुम'
उन्हें क्या पता.......

टूटे हुए फुलों के रंग,
बदल जाते हैं...

22 February 2018

2386 - 2390 दिल दुनियाँ जिंदगी गुलशन लफ्ज़ ज़िक्र गम ज़ीनत मुक्कमल शक आदत सपना सख्श अंजाम शायरी


2386
मुक्कमलसी लगती हैं,
मेरी शायरी...!!!
लफ्ज़ जब सारे मेरे होते हैं,
और ज़िक्र सारा तेरा...!!!

2387
गुलशनकी फ़कत फुलोंसे नहीं,
काँटोसे भी ज़ीनत होती हैं...
जीनेके लिए इस दुनियाँमें,
गमकी भी जरुरत होती हैं.......

2388
लाख समझाया उसको की,
दुनियाँ शक करती हैं...
मगर उसकी आदत नहीं गयी,
मुस्कुराकर गुजरनेकी.......!

2389
फिरसे वो सपना सजाने चला हूँ...
उमीदोंके सहारे...
दिल लगाने चला हूँ...
पता हैं कि...
अंजाम बुरा ही होगा मेरा...
फिर भी...
किसीको अपना बनाने चला हूँ.......

2390
तुम मेरी जिंदगीका,
वो एकलौता सच हो,
जिसके बारेमें मैने दुनियाँके हर सख्शसे,
झूठ कहा हैं.......

2381 - 2385 दिल महोब्बत ख्वाहिश ज़िन्दगी वफ़ा अजीज बेज़ान लाजवाब फरमाइश खौफ दर्द दौलत चीज़ पल शायरी


2381
तेरी वफ़ाके तकाजे,
बदल गये वरना,
मुझे तो आज भी,
तुझसे अजीज कोई नहीं।

2382
हम तो बेज़ान चीज़ोंसे भी,
वफ़ा करते हैं l
तुझमे तो फिर भी,
मेरी ज़ान बसी हैं...

2383
लाजवाब फरमाइश हैं,
मेरे दिलकी...
फिरसे महोब्बत करनी हैं,
और तुमसे ही करनी हैं.......

 2384
कोईभी लुटेरा न हैं,
मेरे आस - पास;
बेखौफ लिए फिरता हूँ'
मैं दर्दकी दौलत...

2385
वो एक पल ही सही,
जिसमें तुम मिल जाओ मुझे,
और उस एक पलसे ज़्यादा ज़िन्दगीकी,
ख्वाहिश भी नहीं मुझे.......!

20 February 2018

2376 - 2380 मोहब्बत इश्क जिंदगी याद जान दर्द प्यार मुश्किल नफरत तेरी भी कमाल इन्तजार शायरी


2376
तुमपें गुजरेगी तो
तुम भी जान जाओगे.....
कोई अपना याद न करे तो
कितना दर्द होता हैं।।

2377
सुना हैं प्यारमें,
मुश्किल नहीं कुछ भी;
चलो समंदरमें,
आग लगाकर आज़माते हैं...।

2378
कितने पहेलवान पछाडे हैं,
ख्वाहिशोंके हमने...
ऐ जिंदगी तेरे श्कने हमे,
सुल्तान बना दिया ।

2379
क्या ओकात हैं तेरी,
ए जिन्दगी...
चार दिनकी मोहब्बत,
तुझे बरबाद कर देती हैं...

2380
अब ना शिकवा,
ना गीला,
ना मलाल रहा,
नफरत तेरी भी कमाल रही,
इन्तजार मेरा भी कमाल रहा...