2661
मैने कब कहां,
कीमत समझो
तुम मेरी;
हमें बिकना ही होता,
तो यूँ
तन्हा ना होते...!
2662
तुम खुश-किस्मत
हो,
जो हम
तुमको चाहते हैं,
वरना हम तो वो
हैं...
जिनके ख्वाबोंमें भी लोग
इजाजत लेकर आते
हैं !!!
2663
बडी मुश्किलमें हूं
कैसे इजहार करू,
वो
तो खुशबु हैं
उसे कैसे गिरफ्तार
करू...
उसकी मोहोब्बतपर मेरा
हक नहीं,
लेकिन
दिल कहता हैं,
आँखरी साँसतक
उसका इन्तजार करूं...
2664
दिल जलानेकी आदत
उनकी,
आज भी
नहीं गयी,
वो आज भी
फूल,
बगलवाली
कबरपर रख
जाते हैं।
2665
ख़ामोशी बहुत कुछ
कहती हैं ...
कान लगाकर नहीं ,
दिल लगाकर सुनो !!!