3231
अंदाज़ा मेरी मोहब्बतका,
सब लगा
लेते हैं...
जब तुम्हारा नाम सुनकर,
हम मुस्कुरा
देते हैं...
3232
हम तो तेरे
शख्सियतके दिवाने
हैं.
वो और होंगे
जो
जिस्मानी पसंदको ही प्यार
समझते हैं...
यहीं वजह हैं की
तुम हमसें
दुर रहके भी
पास हो...!
3233
आँखोंमें नजर
आती हैं,
होंठोंपर महक
जाती हैं...
लाख छुपाओ मोहब्बतको
मगर,
अदाओंमें झलक
जाती हैं...
3234
जिस्मपर जो,
जख्मके निशान
हैं...
वो बचपनके
हैं,
बादके तो
सारे दिलपर
हैं...!
3235
मैं ख़ूबसूरत न सही...
आशिक़ तो हूँ;
इतना
तो पता हैं,
तुम्हें भी.......