10 December 2019

5156 - 5160 मोहब्बत गुजारिश सिफारिश चेहरे ज़िन्दगी जिद्द हंसी शायरी


5156
मैने जब भी,
रबसे गुजारिश की है;
तेरे चेहरेपे हंसीकी,
सिफारिश की है...!

5157
उतरकर पानीमें,
फिर वो हंसके बोली...
देखो इसे कहते हैं,
पानी में आग लगाना...!

5158
कोई ठुकरा दे तो,
हंसके सह लेना;
मोहब्बत की ताबितमें,
ज़बरदस्ती नहीं होती...!

5159
मैने उससे कहाँ,
छोड़ दो या तोड़ दो मुझे,
उसने हंसकर गले लगाया और कहाँ,
छोड़ रही हूँ आज तुम्हे,
टूट तो तुम खुद जाओगे...


5160
जितना चाहे रूला दे मुझको,
तूँ जिन्दगी...
हंसकर गुजार दूँगा तुझको,
ये मेरी भी जिद्द है.......!

8 December 2019

5151 - 5155 दिल बेबसी दुनिया हिचकी उलझन नजर याद आँसू एहसास आँखे शायरी


5151
हिचकीयाँ दिलाकर,
ये कैसी उलझन बढा रहे हो...
आँखे बंद है,
फिर भी नजर रहे हो.......!

5152
सुबह होते ही,
जब दुनिया आबाद होती है;
आँख खुलते ही,
आपकी याद आती है...!

5153
रो लेते हैं कभी कभी ताकि,
आँसुओं को भी कोई शिकायत ना रहे !!!

5154
लिखना था की,
खुश हूँ तेरे बिना, पर...
आँसू ही गिर पड़े आँखोंसे
लिखनेसे पहले.......!

5155
कैसे बयान करे आलम दिलकी बेबसीका,
वो क्या समझे दर्द आँखोंकी नमीका;
उनके चाहने वाले इतने हो गये की,
उन्हे एहसास नहीं हमारी कमीका...

5146 - 5150 हालात फ़रियाद ज़माना मंजर खयाल लब ज़िगर निगाहें शायरी


5146
सुरमे की तरह पीसा है,
हमें हालातोंने...
तब जा के चढ़े है,
लोगोंकी निगाहोंमें.......

5147
फ़रियाद कर रही है,
तरसती हुई निगाहें...
देखे हुए किसीको,
ज़माना गुज़र गया...!

5148
निगाहें आज भी टकटकी लगाये है,
उस मंजर पर.......
जहाँ तुमने कहाँ,
रूको, हम लौटकर आते है...!

5149
निगाहोंसे,
कितना दूर करोगे...
खयालोंसे दूर करो,
तो मान लूँ.......!

5150
लब थरथराके रह गए,
लेकिन वो, ' ज़िगर'...
जाते हुए भी,
निगाह मिलाकर चले गए.......!

7 December 2019

5141 - 5145 ज़िन्दगी आशिकी गज़ब मजबूर सलाम महफ़िल नज़र गजल नज्म कत्ल निगाहें शायरी


5141
गज़बकी आशिकी है,
इन निगाहोमें...
जब भी देखती है,
डूबनेको मजबूर कर देती है...!

5142
बैठे है महफ़िलमें,
इसी आसमें की...
वो निगाहें उठाएं तो,
हम सलाम करे.......!

5143
उसकी निगाहोंमें,
इतना असर था की...
खरीद ली उसने एक नज़रमें,
ज़िन्दगी मेरी.......

5144
गजलके नज्म,
जैसा है तेरा चेहरा;
निगाहें शेर पढ़ती है,
तो लब इरशाद कहते है...!

5145
धारा तीनसौ सात लगनी चाहिए,
तेरी निगाहों पर...
यूँ देखना भी कत्लकी,
कोशिशों में शुमार होता है.......!

6 December 2019

5136 - 5140 दिल खिलौना नसीब जवाब रिश्ता फ़क़ीर खूबसूरत जिंदगी शायरी


5136
बचपन कितना खूबसूरत था,
तब खिलौनै जिंदगी थे...
आज जिंदगी खिलौना है.......!

5137
किसी ने पूछा,
कोई अपना छोड़कर,
चला जाये तो क्या करोगे ?
बहुत ही खूबसूरत जवाब,
अपना कभी छोडकर नहीं जाता,
और जो जाये वो अपना नहीं होता...!

5138
नसीब अच्छे हों तो,
खूबसूरती का कोई फायदा नहीं;
दिलों के शहनशाह अक्सर,
फ़क़ीर होते हैं.......

5139
किस्सों में,
और किस्तों में...
जिंदगीकी खूबसूरती है,
कुछ रिश्तोंमें.......!

5140
यूँ ही नहीं आती,
खूबसूरती रंगोली में...
अलग-अलग रंगो को,
"एक" होना पड़ता है.......!

5 December 2019

5131 - 5135 मोहब्बत मौसम बारिश खूबसूरत लिबास निगाहें लफ्ज अफसाने आँखे शायरी


5131
किसीने मुझसे कहा,
आपकी आँखे बड़ी खूबसूरत है...
मैने कहा बारिशके बाद अक्सर,
मौसम सुहाना हो जाता है.......!

5132
आपसे खूबसूरत तो,
नहीं ये नज़ारे लेकिन...
आप इन आँखों से निकलो,
तो मै जरा इन्हें भी देखूं.......

5133
खूबसूरती सूरतमें है,
लिबासमें है;
निगाहें जिसे चाहे,
उसे हसीन कर दें.......!

5134
कैसे लफ्जोंमें बयां करूँ मैं,
खूबसूरती तुम्हारी...         
सुंदरताका झरना भी तुम हो,
मोहब्बतका दरिया भी तुम हो...!

5135
कौन कहता है की खूबसूरती...
उम्रकी मोहताज है;
हमने आज भी पुराने पन्नो पर,
नए अफसाने लिखे देखे है.......!

3 December 2019

5126 - 5130 होठ लब खत मोड़ तन्हा आँखे सवाल जवाब शायरी


5126
मेरे सारे सवाल,
होठोपर ही रह जाते हैं...
और तुम सारे जवाब,
आँखोसे दे जाती हो...!

5127
जवाब तो बहोत थे,
मेरे लबोंपे लेकीन...
काश के उनके होंठोपे भी,
कोई सवाल होता.......

5128
लिफाफेमें,
मेरे ही खतके टुकड़े थे;
और मुझे लगा कि...
जवाब आया है.......

5129
बस यही सोच कर,
किसी और का हाथ नहीं थामा मैंने...
किसी मोड़पर तु तन्हा मिल गयी,
तो क्या जवाब दूँगा.......

5130
नशेमें आने दे वक्त...
होश में रहकर,
तेरे सब जवाब...
नहीं दे सकतामैं.......

2 December 2019

5121 - 5125 मोहब्बत खबर नजारे आँखे हाल सज़ा रिश्ते शर्त फ़क़ीर बेहतर शायरी


5121
तुझे शायद खबर नहीं,
मेरे बेइन्तहा मोहब्बत की...
अब बेहतर भी यहीं है की,
तु बेखबर ही रहे.......!

5122
तुमसे बेहतर तो नहीं है,
ये नजारे...
तुम जरा आँखसे निकलो,
तो इन्हें भी देखुँ.......!

5123
तुझे तेरे हालपर छोड़ दिया...
इससे बेहतर तेरी सज़ा क्या होगी.......

5124
हमेशा समझोता करना सीखो,
क्यूंकि थोडासा झुक जाना,
किसी रिश्तेका हमेशाके लिए,
टूट जानेसे बेहतर है ll

5125
दूसरेकी शर्तोंका,
सुलतान बननेसे बेहतर है;
अपनी ही मौजका,
फ़क़ीर बने रहना.......

1 December 2019

5116 - 5120 ज़िंन्दगी इरादे आँखे दुवा दस्तक आवाज़ दु:ख खुशी शायरी


5116
ज़िंन्दगी,
तू खेलती बहुत है खुशियों से...
हम भी इरादेके पक्के हैं,
मुस्कुराना नहीं छोडेंगे...!

5117
आँख खुलते ही,
याद जाता हैं तेरा चेहरा...
दिनकी ये पहली खुशी भी,
कमाल होती है.......!

5118
जो लोग दुसरोंको,
अपनी दुवाओंमे शामिल करते है...
खुशीयाँ सबसे पहले,
उनके दरवाजेपर दस्तक देती है...!

5119
बहुत खास होते हैं वो लोग,
जो आपकी आवाज़से...
आपकी खुशी और दु:खका,
अंदाज़ा लगा लेते हैं.......!

5120
कल खुशी मिली थी...
जल्दीमॆं थी,
रूकी नही.......
                      गुलजार

5111 - 5115 वक्त याद जज़्बात इनकार ताल्लुक तबाही आँसू आँख शायरी


5111
इनकार कर दिया आँसूओंने,
आँखमें आनेसे...
क्यूँ गिराते हो हमे,
एक गिरे हुए शख्सकी खातिर...

5112
बहुत अन्दर तक,
तबाही मचाता है...
वो आँसू...
जो आँखसे बह नहीं पाता...


5113
कब तक बहाना बनाते रहें,
आँखमें कचरा चले जानेका...
ले आज सरेआम कहते हैं,
तुझे याद करके रोते हैं.......!

5114
कमी तो होनी ही है,
पानीकी, शहरमें...
किसीकी आँखमें बचा है,
किसीके जज़्बातमें...

5115
वक्तकी धुंधमें हरदम,
छुप जाते हैं ताल्लुक...
बहुत दिनों तक किसीकी,
आँखसे ओझल ना रहिये...

30 November 2019

5106 - 5110 जिंदगी ख़्याल रिश्ता तस्वीर अंदाज़ लफ्ज बेइंतहा मोहब्बत नाराज परवाह शायरी


5106
एक परवाह ही बताती है कि,
ख़्याल कितना है;
वरना कोई तराजू नहीं होता,
रिश्तोमें.......

5107
हम भी मुस्कुराते थे कभी,
बेपरवाह अंदाज़में...
देखा है खुदको आज,
एक पुरानी तस्वीरमें...!

5108
मेरे लफ्जोंको,
वो तासीर दे, खुदा...
लोग वाह-वाह ना करें,
पर परवाह करे.......

5109
उजड़ जाते हैं,
सिरसे पाँव तक वो लोग;
जो किसी बेपरवाहसे,
बेइंतहा मोहब्बत करते हैं...

5110
उनसे क्या नाराजगी रखना जिंदगी...
जिन्हें तुम्हारी परवाह तक भी नहीं.......