7166
दोस्ती भी अब लोग,
अधूरा करते हैं...
दुश्मनोंकी कमी अब तो,
दोस्त पूरा करते हैं......
7167दुश्मनोंके साथ,मेरे दोस्त भी आज़ाद हैं...!देखना हैं, खींचता हैं मुझपें,पहला तीर कौन.......!!!परवीन शाकिर
7168
दुश्मनोंसे पशेमान,
होना पड़ा हैं..
दोस्तोंका ख़ुलूस,
आज़मानेके बाद.......
ख़ुमार बाराबंकवी
7169हमसे पूछो ना,दोस्तीका सिला;दुश्मनोंका भी,दिल हिला देगा...llसुदर्शन फाकिर
7170
एक भी मौका न दो,
जो दोस्त हैं, दुश्मन बनें...
दुश्मनोंको लाख मौके दो,
तुम्हारे हो सकें.......