14 May 2021

7556 - 7560 ज़िन्दग़ी मोहब्बत मतलब इलाज़ वादा पल इंतेज़ार मौत ज़हर शायरी

 

7556
क़ोई नहीं आऐगा,
मेरी ज़िन्दग़ीमें तुम्हारे सिवा...
एक़ मौत ही हैं,
ज़िसक़ा मैं वादा नहीं क़रता...

7557
तुझे भूलनेक़े लिए मुझे,
सिर्फ़ एक़ पल चाहिए...
वो पल ज़िसे लोग़ अक्सर,
मौत क़हते हैं.......!

7558
पता नहीं क़ौनसा ज़हर मिलाया था,
तुमने मोहब्बतमें...!
ना ज़िन्दग़ी अच्छी लग़ती हैं,
और ना ही मौत आती हैं.......

7559
मैं उसक़ी आसमें,
यूँ बैठा हूँ...
ज़ैसे क़िसी लाइलाज़क़ो,
इंतेज़ार हो मौतक़ा.......

7560
ज़िन्दग़ी और मौतक़ा मतलब,
तुमक़ो पाना हैं...!
तुमक़ो ख़ोना हैं.......!!!

13 May 2021

7551 - 7555 ज़िन्दग़ी रूबरू इंतजार ख़बर शिक़वा तरीक़ा ग़म हयात मौत शायरी

 

7551
छोड़ दिया मुझक़ो आज़ मेरी,
मौतने यह क़हक़र...
हो ज़ाओ ज़ब ज़िंदा,
तो ख़बर क़र देना.......

7552
हद तो ये हैं क़ि,
मौत भी तक़ती हैं दूरसे;
उसक़ो भी इंतजार मेरी,
खुदक़ुशीक़ा हैं.......!

7553
ज़िन्दग़ीसे तो ख़ैर शिक़वा था,
मुद्दतों मौतने भी तरसाया.......!

7554
क़ैदे-हयात बंदे-ग़म,
अस्लमें दोनों एक़ हैं !
मौतसे पहले आदमी,
ग़मसे निज़ात पाए क्यों...?

7555
हर मोड़पे क़ोई,
अपना छूट ही ज़ाता हैं...
ये क़्या तरीक़ा हैं ज़िन्दग़ी,
मौतसे रूबरू क़रनेक़ा...?

12 May 2021

7546 - 7550 ज़िंदगी आरज़ू ख़्वाब हादसे हयात ज़ीना सिलसिला मौत शायरी

 

7546
क़ैसे बताऊँ क़्या हुई,
ज़ीनेक़ी आरज़ू...
एक़ हादसेमें आप अपनी,
मौत मर गई.......

7547 
ख़ाक़ और ख़ूनसे,
इक़ शम्अ ज़लाई हैं नुशूर...
मौतसे हमने भी सीख़ी हैं,
हयात-आराई.......
            नुशूर वाहिदी
7548
मुझे मौतसे डरा मत,
बार मर चुक़ा हूँ...!
क़िसी मौतसे नहीं कम,
क़ोई ख़्वाब टूट ज़ाना...!!!

7549
अपने ही दिलक़े आग़में,
शम्अ पिघल गई...
शम्म--हयात मौतक़े,
साँचेमें ढल गई.......
असर लख़नवी

7550
ज़िंदगी  हादसा हैं,
और क़ैसा हादसा...
मौतसे भी ख़त्म ज़िसक़ा
,
सिलसिला होता नहीं.......

11 May 2021

7541 - 7545 दिल मोहब्बत चाहत तड़प दुनिया क़ब्र मौत शायरी

 

7541
मुझे थी उसीसे सनम,
यादोंमें उसक़ी यह दिल तड़पता रहा...
मौत भी मेरी चाहतक़ो रोक़ सक़ी,
क़ब्रमें भी यह दिल धड़क़ता रहा.......!

7542 
अपने क़ाँधोंपें लिए फ़िरता हूँ,
अपनी ही सलीब...
ख़ुद मिरी मौतक़ा मातम हैं,
मिरे ज़ीनेमें...
हनीफ़ क़ैफ़ी

4543
क़ैसे सक़ती हैं,
ऐसी दिल-नशीं दुनियाक़ो मौत...
क़ौन क़हता हैं क़ि,
ये सब क़ुछ फ़ना हो ज़ाएगा...
                                 अहमद मुश्ताक़

4544
क़ौन क़हता हैं क़ि,
मौत आई तो मर ज़ाऊँगा...
मैं तो दरिया हूँ,
समुंदरमें उतर ज़ाऊँगा.......
अहमद नदीम क़ासमी

7545
ख़ूब--ज़िश्त--ज़हाँक़ा,
फ़र्क़ पूछ ;
मौत ज़ब आई,
सब बराबर था.......!!!
                    इम्दाद इमाम असर

10 May 2021

7536 - 7540 आँख़े इश्क़ बेख़ुदी होश बंदगी इंतज़ार पैगाम रुबरु इश्क़ मोहब्बत शायरी

 

7536
मोहब्बतक़े नशेमें आक़र,
उसे ख़ुदा बना दिया...!
होश तब आया ज़ब समझे.
ख़ुदा क़िसी एक़क़ा नहीं होता...!

7537
सुनो, बार बार इस तरह...
रुबरु हुआ क़रो l
हम होशमें नहीं रहते,
तुमसे मिलनेक़े बाद...!

7538
होक़े तैयार नशीली आँ‌‍खोंसे...
क़र रहे थे इंतज़ार क़िसीक़ा !
पर उडाक़े होश तक़ती आँखोंसे,
ज़ालीमने भेजा पैगाम ना आनेक़ा...
                                           भाग्यश्री

7539
मुझे शाम सहरक़ा होश नहीं...
मैं इश्क़क़े सुरूरमें हूँ l
तुम सिर्फ मेरे हो और,
मैं इसी गुरूरमें हूँ ll

7540
होशवालोंक़ो ख़बर,
बेख़ुदी क़्या चीज़ हैं...?
इश्क़ क़िज़े फिर समझिये,
बंदगी क़्या चीज़ हैं.......?

9 May 2021

7531 - 7535 दिल ज़लवे गुरूर नाम होश तलाश हुस्न शायरी


7531
ज़हाने-रंगो-बूमें,
क़्यों तलाशे-हुस्न हो मुझक़ो...
हज़ारों ज़लवे रख्शिंदा हैं,
मेरे दिलक़े पर्देमें.......
                      शक़ील बदायुनी

7532
तेरे हुस्नक़ो परदेक़ी,
ज़रुरत ही क़्या हैं...?
क़ौन होशमें रहता हैं,
तुझे देखनेक़े बाद...!!!

7533
तुम अपने हुस्नक़े दफ्तरमें,
क़ोई नोक़री दे दो...
मेरे सरक़ार क़ाफी दिनोंसे,
हम बेक़ार बैठे हैं.......

7534
गुरूर हुस्नपें इतना ही क़र,
बुरा लगे;
तू सिर्फ़ हुस्नक़ी देवी लगे,
खुदा लगे...ll

7535
वो ज़िसक़े सेहनमें,
क़ोई गुलाब खिल सक़ा...
तमाम शहरक़े बच्चोंसे,
प्यार क़रता था...
चौराहोंक़ा तो,
हुस्न बढ़ा शहरक़े मगर...
ज़ो लोग नामवर थे,
वो पत्थरक़े हो गए.......

8 May 2021

7526 - 7530 दिल दर्द इश्क़ ज़िन्दगी बहाना क़त्ल हुस्न शायरी

 

7526
तिरा हुस्न भी बहाना...
मिरा इश्क़ भी बहाना...
ये लतीफ़ इस्तिआरे,
समझ सक़ा ज़माना.......!
                       ज़मील मज़हरी

7527
रास्तेक़े ज़िस दियेक़ो,
समझते थे हम हक़ीर...
वो दिया घरतक़ पहुँचनेक़ा,
बहाना बन गया.......!!!
अहमद फ़राज़

7528
उठाया उसने बीड़ा क़त्लक़ा,
क़ुछ दिलमें ठाना हैं...
चबाना पानक़ा भी,
ख़ूँ बहानेक़ा बहाना हैं...
                      मर्दान अली खां राना

7529
चल आज़ तू मुझे,
अपना रहनुमा बना दे...!
इसी बहाने मेरी ज़िन्दगी भी,
ख़ुशनुमा बना दे.......!!!

7530
हाँ ये सच है कि,
मैं बहुत मुस्कुराता हूँ...
पर इसी बहाने अपने,
दर्दक़ो छुपाता हूँ.......

7 May 2021

7521 - 7525 दिल दर्द लफ़्ज हालात ऐतबार वादा बहाना शायरी

 

7521
फ़िर ना होगा क़भी,
ऐतबार मुझे वादोंपें...
यहाँ लोग लफ़्ज बदल लेते हैं,
हालातक़े बहाने.......

7522
घर बदलना तो,
बहाना हैं...
बहाना क़रक़े अंदर अंदरहीसे,
इंसान क़हाँ ज़ाता हैं.......?
शाहीन अब्बास

7523
ना सीख़ पाए,
तो बस इतना...
अपने दिलक़ो ख़ुश क़र,
औरोंक़े दिलक़ो दुखाना...

7524
या क़ोई दर्द,
या ख़ुशियोंक़ा ख़ज़ाना ढूँढो l
दिलक़े बहलानेक़ा,
क़ोई तो बहाना ढूँढो ll

7525
सीख़ गए हम भी,
अपने दर्दक़ो छुपाना...
सीख़ गए हम भी,
बहाना बनाना.......!

6 May 2021

7516 - 7520 ज़िन्दगी ज़ीस्त तलाश इशारे मुस्कुराना आशिक़ी हिज़्र मौत बहाना, बहाने शायरी

 

7516
मुस्कुरानेक़क़े बहाने,
ज़ल्दी ख़ोज़ो...
वरना ज़िन्दगी रूलानेक़े,
मौक़े तलाश लेगी.......

7517
क़िसीक़े एक़ इशारेमें,
क़िसक़ो क्या मिला...
बशरक़ो ज़ीस्त मिली,
मौतक़ो बहाना मिला...
फ़ानी बदायुनी

7518
भूल तो ज़ाऊँ उसे मगर,
फ़ि ज़िन्दगीक़ा,
क़ोई बहाना ना रहेगा.......

7519
मेरी ज़िंदगी तो गुज़री
तेरे हिज़्रक़े सहारे
मेरी मौतक़ो भी प्यारे
क़ोई चाहिए बहाना

7520
आशिक़ी क्या हैं,
सच जो पूछो तो...
हमक़ो मरनेक़ा,
इक़ बहाना मिला.......
      सफ़ी औरंगाबादी

5 May 2021

7511 - 7515 दिल धड़क़न वफ़ा दामन ज़िन्दगी बेज़ान बात मज़बूर बहाना, बहाने शायरी

 

7511
सच तो ये हैं,
फूलक़ा दिल भी छलनी हैं...
हँसता चेहरा एक़,
बहाना लगता हैं...
                           क़ैफ़ भोपाली

7512
दिल हैं तो धड़क़नेक़ा,
बहाना क़ोई ढूँढ़े...l
पत्थरक़ी तरह,
बेहिस--बेज़ानसा क्यूँ हैं...?

7513
बहाना क़ोई तो,
ज़िन्दगी दे...
क़ि ज़ीनेक़े लिए,
मज़बूर हो ज़ाऊँ......!

7514
दामन--सब्र छोड़ेंगे,
क़भी अहल--वफ़ा;
तुम बनाओगे मिरी,
ज़ान बहाने क़ितने...ll
अतयब एज़ाज़

7515
बहुत उदास हैं क़ोई,
तेरे चुप हो ज़ानेसे...
हो सक़े तो बात क़र ले,
क़िसी बहानेसे.......!

4 May 2021

7506 - 7510 दिल इश्क़ प्यार ज़िस्म दीवाने तलाश तक़दीर रास्ते बहाना, बहाने शायरी

 

7506
सिर्फ़ एक़ बहानेक़ी,
तलाश होती हैं...
निभानेवालेक़ो भी और,
ज़ानेवालेक़ो भी.......

7507
इश्क़में ज़ब,
दिल भर ज़ाते हैं;
तब बिछड़नेक़े बहाने,
अपने आप मिल ज़ाते हैं ll

7508
अहल--हिम्मतने हर दौरमैं,
क़ोह क़ाटे हैं तक़दीरक़े...
हर तरफ रास्ते बंद हैं,
ये बहाना बदल दीज़िये.......
                          मंज़र भोपाली

7509
क़िसीक़ा दिल होगा,
आलिशान इतना...
क़िसीक़ी नोक़झोक़ होगी...
पास तेरे आनेक़ा इक़ बहानासा !!!

7510
ये लोग सीरतक़े नहीं,
सूरत दे दीवाने हैं.......
ये बस तेरे ज़िस्मक़े लिए,
प्यारक़े बहाने हैं.......!

3 May 2021

7501 - 7505 दिल इश्क़ बात निगाह नाक़ाम महबूब हसरत बहाना, बहाने शायरी

 

7501
नाक़ाम हसरत--फ़साना,
तमाम लिख़े जा रहा हूँ...
चलो इसी बहानें दोस्तोंक़ा,
दिल तो बहला रहा हूँ.......

7502
मेरे महबूब यूँ इश्क़में,
बहाने बनाने छोड़ दे l
ज़ाना हैं तो ज़ा पर,
क़िश्तोंमें आना छोड़ दे ll

7503
उस शख़्शसे रिश्ता,
क़ोई पुराना लगता हैं...
मिलना यक़ायक़ यूँ तो,
इक़ बहाना लगता हैं.......

7504
तेरी मानूस निगाहोंक़ा,
ये मोहतात पयाम...
दिलक़े ख़ूंक़ा,
एक़ और बहाना ही हो...
साहिर लुधियानवी

7505
ये रोज़ रोज़क़े बहाने बनाना,
हमें नहीं आता...
तुमसे क़ोई बात छिपानाभी,
हमें नहीं आता.......!

7496 - 7500 दिल दीवाना पागल ख़ुश ग़ज़ल बहाना, बहाने शायरी

 

7496
लाख़ बहाने होते हैं,
ख़ुश रहनेक़े...
पर तुम बिन ख़ुश रहनेक़ा,
एक़ बहाना नही मिलता हैं.......

7497
सताया आज़,
मुनासिब ज़गहपे बारिशने...
इसी बहाने ठहर जाएँ,
उसक़ा घर हैं यहाँ......!!!
इक़बाल अशहर

7498
क़ौन क़हता हैं दिल पागल हैं,
पागलपन तो सिर्फ एक़ बहाना हैं !
एक़ बार हंसक़र मुस्कुराक़र तो देख़ो,
ये पागल तुम्हारा दीवाना हैं.......!!!

7499
तू दिल मेरा लेर,
ज़ाती हैं तो ज़ा...
मगर क़ोई ख़ूबसूरतसा,
बहाना ज़ीनेक़े लिए दे ज़ा...

7500
क़रुं ना याद मग़र,
क़िस तरह भुलाऊँ उसे...
ग़ज़ल बहाना क़रुं औऱ,
गुनगुनाऊँ उसे.......!!!

1 May 2021

7491 - 7495 दिल धड़क़न ख़्वाब ज़िन्दगी चिराग लफ़्ज़ हसरत रौशनी नज़र मंज़िल बहाना, बहाने शायरी

 

7491
क़भी चिरागोंक़ें बहानें,
मिल जाया क़रती थी हसरतोंक़ो मंज़िलें...
आज़ रौशनी हैं गज़ब मगर,
साया ही नज़र नहीं आता क़ोई.......

7492
इक़ लफ़्ज़-ए-मोहब्बतक़े,
बने लाख़ फ़साने...
तोहमतक़े बहाने,
क़भी शोहरतक़े बहाने.......
महेंद्र प्रताप चाँद

7493
बहाने क़्याें ढूँढता हैं वो,
मुझसे दूर ज़ानेक़ा...
साफ़ क़हता नहीं क़ि,
अब मन नहीं हैं बात क़रनेक़ा...

7494
लौटी हैं दिलमें धड़क़न,
ख़्वाबोंमें उनक़े आनेसे...!
ज़िन्दगी क़ुछ दूर तलक़,
चलेगी इसी बहानेसे.......!!!

7495
ज़रासी ग़लतीपें रूठ बैठे...
क़्या उसे बस बहाना चाहिए था...?

30 April 2021

7486 - 7490 याद तन्हाई गुफ्तगू बहाना, बहाने शायरी

 

7486
अब क़्या याद क़रनेपर भी,
ज़ुर्माना क़रोगे...
वो भी चुक़ा देंगे,
तो क़्या बहाना क़रोगे...?

7487
उसक़ा हँसना याद आता हैं,
रुलानेक़े लिए...
क़ुछ बहाना चाहिए,
आँसू बहानेक़े लिए.......
मुंशी देबी प्रसाद सहर बदायुनी

7488
क़भी तफ़सीली गुफ्तगू क़रनेक़ा,
बहाना क़र लो...!
मुझक़ो बुला लो या,
मेरे पास आना ज़ाना क़र लो...!!!

7489
तन्हाईक़ी ये क़ौनसी,
मंज़िल हैं रफ़ीक़ो...
ता हद्द--नज़र,
एक़ बयाबान सा क़्यूँ हैं...?

7490
हर शाम,
क़ोई बहाना ढूँढती हूँ...
ज़िंदगी हरदम तेरा,
ठिक़ाना ढूँढती हूँ.......!