10 December 2021

7946 - 7950 दिल अंज़ान महसूस साँस अल्फ़ाज़ सुक़ूँ मंज़िल बेरुख़ी ख़ामोशी बेताबी शायरी

 

7946
रख़ हाथ दिलपर मीरक़े,
दरियाफ़्त क़र लिया हाल हैं l
रहता हैं अक़्सर यह ज़वाँ,
क़ुछ इन दिनों बेताब हैं ll

7947
शायद क़ी इधर आक़े,
क़ोई लौट गया हैं...
बेताबीसे यूँ मुँहक़ो,
क़लेज़ा नहीं आता.......

7948
बेताबीक़ा, ख़ामोशीक़ा,
इक़ अंज़ानासा नग्मा हैं...
महसूस इसे क़रक़े देखो,
हर साँस यहाँ एक़ सदमा हैं...

7949
 ये क़ैसी बेरुख़ीसी,
छायी हैं हमारे दरमियाँ ;
अल्फ़ाज़ भी नहीं मिल रहे, 
ये बेताबी बयाँ करनेक़ो...ll

7950
बेताबी सुक़ूँक़ी,
हुईं मंज़िलें तमाम...
बहलाएँ तुझसे छुटक़े,
तबीअत क़हाँ क़हाँ.......

7941 - 7945 दिल सकूँ तमन्ना उम्मीद इंतज़ार आशिक़ी महफ़िल लफ्ज़ तलब बेताब बेताबी शायरी

 

7941
आशिक़ी सब्र-तलब और,
तमन्ना बेताब...
दिलक़ा क़्या रंग़ क़रूं,
ख़ून--ज़िग़र होते तक़...
                          मिर्ज़ा ग़ालिब

7942
ठहरने भी नहीं देती हैं,
उस महफ़िलमें बेताबी...
मग़र तस्क़ीन भी ज़ाक़र,
उसी महफ़िलमें होती हैं.......

7943
सुबहक़ा इंतेज़ारभर,
सारा दिन शाम होनेक़ी बेताबी...
ना चैन इसमें ना सकूँ उसमें,
बस इतनीसी मेरी क़हानी.......

7944
ये रात ये दिलक़ी धड़क़न,
ये बढ़ती हुई बेताबी...
एक़ ज़ामक़े ख़ातिर ज़ैसे,
बेचैन हो क़ोई शराबी.......

7945
ज़वाबक़ी बेताबी,
इंतज़ारक़ो इन्तहा बना देती हैं ;
क़हनेक़ो तो एक़ लफ्ज़ हैं,
पर उम्र उम्मीदमें गुज़र ज़ाती हैं...ll

5 December 2021

7936 - 7940 दिल इश्क़ तन्हा बेचैन अज़ीब क़सक़ महफ़िल सुबह शाम रात बेताबी शायरी

 

7936
एक अज़ीबसी बेताबी हैं,
तेरे बिना...
रह भी लेते हैं और,
रहा भी नहीं ज़ाता.......!

7937
दिलक़ी बेताबी,
नहीं ठहरने देती हैं मुझे...l
दिन क़हीं, रात क़हीं,
सुबह क़हीं, शाम क़हीं...ll
नज़ीर अक़बराबादी

7938
बेताबी क़्या होती हैं,
पूछो मेरे दिलसे...
तन्हा तन्हा लौटा हूँ,
मै तो भरी महफ़िलसे.......

7939
इश्क़में बेताबीक़ी,
इंतिहा हुई...
दिल बेचैन हो रहा हैं,
पल पल.......

7940
बेताबी अभी,
हदसे ग़ुज़री नहीं, शायद !
एक़ क़सक़सी हैं,
ज़ो सोने नहीं देती...!!!

4 December 2021

7931 - 7935 दिल इश्क़ वफ़ा मोहब्बत बेचैनियाँ फ़रेब वक़्त बेताबी बेक़रारी शायरी

 

7931
बेचैनियोंक़ी,
फ़ाँक़ शिक़ायत फ़िज़ूल हैं...
क़िसक़ो सुक़ूँ मिला हैं,
ज़हाने ख़राबमें.......

7932
वो अचानक़ नहीं बिछड़ा,
बड़े दिनोंसे थी बेक़रारी उसे.......

7933
समझ लिया फ़रेबसे,
मुझे तो आपने...
दिलसे तो पूछ लीज़िये,
बेक़रार क़्यों हैं.......

7934
दिलमें दर्द हैं,
आँख़ोंमें बेक़रारी हैं ;
हमक़ो लग़ी हैं,
इश्क़क़ी अज़ीब बेमारी हैं...!!!

7935
मोहब्बत क़रो तो,
अदाब--वफ़ा भी सीख़ो...
फ़ारिग़ वक़्तक़ी बेक़रारी,
मुहब्बत नहीं होती.......!

2 December 2021

7926 - 7930 दिल ख़्याल प्यार चींख़ क़यामत उदासियाँ क़ोशिश निग़ाह शौक़ बेक़रार शायरी

 

7926
बेक़रारी देख़ी हैं,
तो मेरा ज़ब्त देख़ो...
इतना चुप रहूँग़ा क़ी,
चींख़ उठोग़े तुम.......

7927
दिलक़ी बेक़रार उमंग़ोपें,
क़रम फ़रमा l
इतना रुक़रुक़क़े चलोग़ी तो,
क़यामत होग़ी...ll

7928
देख़ा ज़ो मुफ़िसोंक़े,
मक़ानोंमें झाँक़क़र...
बेचैनियाँ उदासियाँ,
सिसक़ारियाँ मिलीं...

7929
क़रार देक़र क़भी,
बेक़रार क़रते हो...
ग़ले लग़ाक़र क़हो,
क़ितना प्यार क़रते हो...!!!

7930
इतनी क़ोशिश तो हो,
निग़ाह--शौक़में शाक़ी...
इधर दिलमें ख़्याल आऐ,
उधर वो बेक़रार हो ज़ाए.......!

1 December 2021

7921 - 7925 दीदार ख़ामोश तमन्ना ख़्याल ख़्वाब इंतज़ार बेक़रारी बेक़रार शायरी

 

7921
बेक़रारी भी मेरी देख़ती हैं,
अब हमारा सबर भी देख़ना...
इतना ख़ामोश हो ज़ाएँग़े क़े,
ख़ुद रो पड़ोग़े.......

7922
उफ्फ़ दिल बेक़रारक़ी,
ये तमन्ना तो देख़ो...
क़्या होता ज़ो हम भी,
पहलु--यारमें सोते...

7923
बेक़रार क़र देता हैं,
हर एक़ ख़्याल तेरा...
एक़ तू हैं ज़िसक़ो,
ना आता हैं ख़्याल मेरा...

7924
बड़ी तलब हैं तेरे दीदारक़ी,
मेरी बेक़रार निगाहोंक़ो...
क़िसी शाम चले आओ,
आँख़ोंमें रातोंक़ा ख़्वाब बनक़र...

7925
नज़र नज़र बेक़रारसी हैं,
नफ्सम नफ्समें शरार सा हैं l
मैं ज़नता हूँ तुम ना आओग़े,
फ़िरभी क़ुछ इंतज़ार सा हैं ll

30 November 2021

7916 - 7920 दिल याद ज़िन्दग़ी मासूम दर्द बेक़रारी बेक़रार शायरी

 

7916
क़ोई दिल नहीं ज़हाँमें,
ज़िसे हो क़रार हासिल...
क़ोई बेक़रार ज़्यादा,
क़ोई बेक़रार क़म हैं.......!

7917
अक़ेलापन नहीं ख़लता,
उदासी भाग ज़ाती हैं l
क़भी ज़ब बेक़रारीमें,
तुम्हारी याद आती हैं ll

7918
बेक़रारी ही बेक़रारी हैं,
ज़ो ग़ुज़ारी ना ज़ा सक़े हमसे...
हमने वो ज़िन्दग़ी ग़ुज़ारी हैं.......

7919
मासूम बेक़रारी हैं,
मेरे ख़मीरमें ;
उड़ती हैं मेरी खाक़,
उडा़ता नहीं हूँ मैं.......

7920
ये बेचैनी, ये बस्कूनी,
ये बेक़रारी...
ज़ब तू मेरा नहीं हैं,
तो ये दर्द मेरा क्यों हैं...?

26 November 2021

7911 - 7915 आँख़ें बग़ैर नींद ज़िन्दग़ी तनहाई ख़्याल ख़्वाब क़दम बेक़रारी बेक़रार शायरी

 

7911
ग़ुज़र तो ज़ाएग़ी,
तेरे बग़ैर भी लेक़िन...
बहुत उदास,
बहुत बेक़रार ग़ुज़रेग़ी...

7912
बेक़रारीमें इन आँख़ोंक़ो,
क़रार आता हैं...
ज़ब भी तुम ख़्वाबोंमें आते हो,
ज़िन्दग़ीक़ी तरह.......!!!
वाज़िद

7913
नींद और तुम,
क़हाँपर रहते हो...
दोनो ही रातभर,
नहीं आते.......

7914
रुक़े रुक़ेसे क़दम,
रुक़क़े बार बार चले...
क़रार लेक़े तेरे दरसे,
बेक़रार चले.......
ग़ुलज़ार

7915
शाम--तनहाईमें,
इज़ाफ़ा बेक़रारी...
एक़ तेरा ख़्याल ज़ाना,
दूसरा तेरा ज़वाब ना आना...

25 November 2021

7906 - 7910 दिल क़तरा पल मोहब्बत आँख़ बेक़रारी बेक़रार शायरी

 

7906
बूंद बूंद बेक़रारी हमारी,
क़तरा क़तरा मोहब्बत तुम्हारी...!

7907
क़हें ख़ुद हाले दिल अपना,
ये नौबत ही नहीं आती...
बता देते हैं राज़े बेक़रारी,
आँख़क़े आँसू.......
साजन पेशावरी

7908
तुमसे मिलनेक़ो,
बेक़रार था दिल...
तुमसे मिलक़र भी,
दिल बेक़रार रहा...!

7909
तेरे फ़िराक़क़ी.
बेचैनियाँ ही क़्या क़म थी...
ज़ो याद और.
चली रही हैं तड़पाने...
जमील अजमेरी

7910
क़ुछ पलक़ा,
साथ देक़र तुमने...
पल पलक़े लिए,
बेक़रार क़र दिया.......

24 November 2021

7901 - 7905 दिल ज़ुदा नज़र मासूम आहट इंतजा़र शाम फरेब दर्द बेक़रारी बेक़रार शायरी

 

7901
मासूम बेक़रारी हैं,
मेरे ख़मीरमें...
उड़ती हैं मेरी ख़ाक़,
उड़ाता नहीं हूँ मैं.......

7902
आहटपें क़ान, दर्दपें नज़र,
दिलमें इज़तराब...
क़ुछ इस तरहक़ी बेक़रारी हैं,
तेरे इंतजा़रक़ी.......

7903
उदासी शाम क़सक़,
यादोक़ी बेक़रारी...
मुझे सब सौंपकर,
सूरज उतर ज़ाता हैं पानीमें...

7904
इतना बेक़रार ना हो,
मुझसे बिछड़नेके लिए...
तुम्हें नज़रोंसे नहीं,
दिलसे ज़ुदा क़रना हैं.......

7905
समझ लिया फरेबसे,
मुझे तो आपने...
दिलसे तो पूछ लीजिये,
बेक़रार क़्यों हैं.......

22 November 2021

7896 - 7900 दिल इश्क़ ज़ालिम शरारत शिक़ायत नज़ाक़त मोहब्बत शौंक़ बेक़रारी बेक़रार शायरी

 

7896
बड़ी मुश्क़िलसे दिलक़ी,
बेक़रारीक़ो क़रार आया...
मुझे ज़िस ज़ालिमने तड़पाया,
उसीपें मुझक़ो प्यार आया.......!!!

7897
अज़बसी बेक़रारी हैं,
दिन भी भारी था ;
रात भी भारी हैं,
अग़र मेरा दिल तोड़ना हैं तो ;
शौंक़से तोड़िए,
क्योंक़ि चीज़ ये हमारी नहीं,
तुम्हारी हैं.......!!!

7898
शरारत होती,
शिक़ायत होती l
नैनोंमें क़िसीक़े,
नज़ाक़त होती l
होती बेक़रारी,
होते हम तन्हा,
अग़र ज़हाँमें क़मबख़्त,
ये मोहब्बत होती...ll

7899
हर एक़ शख़्स हैं,
अपने वज़ूदसे बाहर...
हर एक़ शख़्सक़े,
चेहरेपें बेक़रारी हैं.......

7900
दिलमें दर्द हैं,
आँख़ोमें बेक़रारी हैं...
हमक़ो लग़ी हैं इश्क़की,
अज़ीब बेमारी हैं.......

21 November 2021

7891 - 7895 इश्क़ तसव्वुर तन्हा सोच आँख़ आँसू क़तरा सुक़ून बेक़रारी बेक़रार शायरी

 

7891
सभीक़ो दुख़ था,
समंदरक़ी बेक़रारीक़ा...
क़िसीने मुड़क़े,
नदीक़ी तरफ़ नहीं देख़ा...

7892
इश्क़में चैन क़हूँ,
या आलम बेक़रारीक़ा...
तसव्वुर मरने नहीं देता,
तन्हा ज़ी नहीं सक़ते.......

7893
सोचा था उनसे,
दूर रहक़र शाद रहेंगे...
बेक़रारीसी बेक़रारी हैं,
और नाशाद हैं हम.......

7894
आँसू नहीं हैं आँख़में,
लेक़िन तेरे बग़ैर...
तूफ़ान छुपे हुए हैं,
दिल--बेक़रारमें.......

7895
बेक़रारी हैं क़भी,
पूरे समन्दरक़ी तरह...
और क़भी मिल ज़ाता हैं बस,
एक़ क़तरेमें सुक़ून.......