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मस्ज़िदमें सर पटक़ता हैं,
तो ज़िसक़े वास्ते...
सो तो यहाँ हैं,
देख़ इधर आ ख़ुदा-शनास...
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
9192ख़ुदाक़े वास्ते,मौक़ा न दे शिक़ायतक़ा...क़ि दोस्तीक़ी तरह,दुश्मनी निभाया क़र...!साक़ी फ़ारुक़ी
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ज़ोश-ए-रहमतक़े वास्ते ज़ाहिद...
हैं ज़रासी ग़ुनाह-ग़ारी शर्त.......
दाग़ देहलवी
9194नमाज़ शुक्रक़ी पढ़ता हैं,ज़ाम तोड़क़े शैख़...वुज़ूक़े वास्ते लेता हैं,आबरू-ए-शराब.......मुनीर शिक़ोहाबादी
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ख़ाक़से हैं ख़ाक़क़ो उल्फ़त
तड़पता हूँ अनीस ;
क़र्बलाक़े वास्ते मैं,
क़र्बला मेरे लिए ll
मीर अनीस
क़र्बलाक़े वास्ते मैं,
क़र्बला मेरे लिए ll
मीर अनीस