25 April 2017

1255 मर मिटे पगली रूठ संभल शायरी


1255
कैसे ना मर मिटे,
उनपर हम.......
पगली रूठकर भी,
कहती हैं...
सुनो......
संभलके जाना...!!!

1254 बेरुखी ऐतराज़ हाल शायरी


1254
तेरी बेरुखीपें कोई,
ऐतराज़ नहीं हैं हमें...
किस हालमें हैं हम...
इतना तो पूँछ लिया करो . . .

1253 दिल आँख हकीकत रिश्ता हमदर्द हाथ दर्द दुआ शायरी


1253
आँखोंमें देखकर,
वो दिलकी हकीकत जानने लगे;
उनसे कोई रिश्ताभी नहीं,
फिरभी अपना मानने लगे;
बनकर हमदर्द कुछ ऐसे,
उन्होंने हाथ थामा मेरा;
कि हम खुदासे,
दर्दकी दुआ मांगने लगे ll

1252 इश्क़ जूनून मयख़ाने सिर दरवाज़ा शायरी


1252
फिर इश्क़का जूनून,
चढ़ रहा हैं सिरपें,
मयख़ानेसे कहदो जरा की...
दरवाज़ा खुला रखे !!! 

1251 मुहब्बत दर्द जान शायरी


1251
कैसे बताऊ तुम्हे...
मुहब्बतका दर्द...
जान जाओगी,
तो जानसे जाओगी.......!

24 April 2017

1250 जिंदगी अजीब खेल याद लफ्ज शायरी


1250
यह अजीब खेल हैं ,
मेरी जिंदगीमें...
जहां यादका लफ्ज आजाये ,
वहां तुम याद आते हो...

1248 कोशिश ख्वाहिश डर जुदाई शायरी


1248
कोशिश तो होती हैं,
की तेरी हर ख्वाहिश पुरी करूं,
पर डर लगता हैं की तू ख्वाहिशमें...
मुझसे जुदाई न मांग ले...

1249 जहर असरदार जनाब राजी मौत शायरी


1249
जहरके असरदार होनेसे,
कूछ नहीं होता जनाब...
खुदा भी राजी होना चाहिए,
मौत देनेके लिए…

1247 मोहब्बत खास रात आखरी खयाल सुबह पहली सोच शायरी


1247
कुछ खास नहीं,
बस इतनीसी हैं मोहब्बत मेरी…!
हर रातका आखरी खयाल और,
हर सुबहकी पहली सोच हो तुम…!!!

1246 मजबूरी समझ मजबूरी वापस शायरी


1246
मैने तुम्हारी मजबूरीयाँ समझी,
और तुम्हे जाने दिया...
अब तुम भी मेरी मजबूरी समझो,
और वापस आ जाओ...

22 April 2017

1245 इश्क होश नशा मजबूरी शायरी


1245
हमने तो इश्कके नशेमें,
उनको खुदा बना डाला,
होश तो तब आया जब उन्होंने कहां,
कि खुदा किसी एकका नहीं होता…

1244 छुपे सरेआम रिश्ते एहसास नाम शायरी


1244
छुपे छुपेसे रहते हैं,
कभी सरेआम नहीं हुआ करते;
कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं,
उनके नाम नहीं हुआ करते…

1243 दिल आँख ख्वाब सुलगते तूफ़ान रास्ते क़दम निशान शायरी


1243
देख मेरी आँखोंमें ख्वाब किसके हैं,
दिलमें मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं,
नहीं गुज़रा कोई आजतक इस रास्तेसे,
फिर ये क़दमोंके निशान किसके हैं...?

1241 इश्क़ आँख आँसू ख्वाब दूर रुला एहसास शायरी


1241
आँसू निकल पड़े ख्वाबमें...
उसको दूर जाते देखकर,
आँख खुली तो एहसास हुआ...
इश्क़ सोते हुए भी रुलाता हैं !

1242 महक फ़िज़ा कलआज शहर शायरी


1242
कुछ तो महक रहा था,
फ़िज़ाओंमें... कलसे...
हमें आज मालूम हूआ,
के वो मेरे शहर आये थे...

21 April 2017

1240 जिंदगी इम्तिहान आसमान मुठ्ठी ज़मीन उड़ान शायरी


1240
जिंदगीकी असली उड़ान अभी बाकी हैं,
जिंदगीके कई इम्तिहान अभी बाकी हैं,
अभी तो नापी हैं मुठ्ठीभर ज़मीन आपने,
आगे अभी सारा आसमान बाकी हैं !

1238 दिल कोशिश याद चाहत फुर्सत बहाने लम्हे शायरी


1238
करिये तो कोशिश हमको याद करनेकी;
फुर्सतके लम्हे तो अपने आप मिल जायेंगे;
दिलमें अगर हैं, चाहत हमसे मिलने की;
बहाने मिलनेके खुद-ब-खुद बन जायेंगे।

1239 दुनियाँ गम फ़साना खुशियाँ ढूढ आशियाना वक़्त उदास मुस्कुराना शायरी


1239
गम न हो वहां, जहाँ हो फ़साना आपका,
खुशियाँ ढूढती रहें आशियाना आपका,
वो वक़्त ही न आये जब आप उदास हों,
ये दुनियाँ भुला न सके मुस्कुराना आपका !

1236 सुकून चौखट सर झुके भटक शायरी


1236
एक ही चौखटपर सर झुके,
तो सुकून मिलता हैं.....
भटक जाते हैं वो लोग,
जिनके हजारो खुदा होते हैं.......

1237 जिंदगी उसूल यार खातिर काँटे फूल कबूल कांच टुकडे शायरी


1237
अपनी जिंदगीके अलग उसूल हैं,
यारकी खातिर तो काँटे भी कबूल हैं,
हंसकर चल दूं कांचके टुकड़ोंपर भी,
अगर यार कहे, यहें मेरे बिछाए हुए फूल हैं !