4 September 2019

4681 - 4685 मोहब्बत ज़िन्दगी प्रेम इश्क़ बेवजह दीवार पल ग़म प्यार शायरी


4681
प्यार ख़ुद, ख़ुदा हैं;
या तो पूजा कर ले...
या तो प्यार.......!

4682
ये प्रेम, प्यार, इश्क़, मोहब्बतके
एक-एक अक्षर विकलांग क्यों हैं...?

4683
नाराजगी भी बड़ी प्यारीसी चीज हैं,
चंद पलोमें प्यारको...
दुगुना कर देती हैं.......!

4684
टूट कर बिखर जाते हैं वो लोग,
मिट्टीकी दीवारोंकी तरह...
जो खुदसे भी ज्यादा,
किसी औरसे प्यार करते हैं...!

4685
बेवजह अब ज़िन्दगीमें,
प्यारके बीज बोए कोई...
मोहब्बतके पेड़ हमेशा,
ग़मकी बारिश ही लाते हैं...!

4676 - 4680 जुदाई आँख जमाने नफरत तुफान शौक शर्ते यार तोहफा फर्क काबिल प्यार शायरी


4676
जुदाईका हमे क्या,
वो हसते हसते सह लेंगे...
आँखोमें उनके प्यार दिखाई दे,
तो जमानेसे रुखवत कर लेंगे...!

4677
कोई प्यारसे जरा सी,
फुंक मार दे तो बुझ जाऊँ...
नफरतसे तो तुफान भी,
हार गए मुझे बुझानेमें...!

4678
मेरे अकेलेपनको,
मेरा शौक ना समझो यारो...
बड़े ही प्यारसे तोहफा दिया हैं,
किसी चाहने वालेने.......!

4679
"कोई छुपाता हैं, कोई बताता हैं;
कोई रुलाता हैं, तो कोई हंसाता हैं;
प्यार तो हर किसीको,
किसी किसीसे हो जाता हैं;
फर्क तो इतना हैं कि,
कोई अजमाता हैं और कोई निभाता हैं...!"

4680
कैसे करे हम खुदको,
उनके प्यारके काबिल... 
जब हम आदते बदलते हैं,
तो वो शर्ते बदल देते हैं...!

1 September 2019

4671 - 4675 ज़िंदगी पहचान तूफ़ान शर्त रंग आँख इंतजार तारीफ आदत ज़ख्म प्यार शायरी


4671
तेरे प्यारने ज़िंदगीसे,
पहचान कराई हैं
मुझे वो तूफ़ानोसे,
फिर लौटाके लाई हैं

4672
शर्तपर खेलूंगी प्यारकी रंगपंचमी,
जीतू तो, तुझे पाऊँ...!
हारु तो, तेरी हो जाऊँ...!!!
 
4673
रोती हूई ख़ोंमें इंतजार होता हैं,
ना चाहते हुए भी प्यार होता हैं;
क़्यूँ देखते हैं हम वो सपने,
जिनके टुटनेपर भी इंतजार होता हैं...

4674
उसने गुस्सेसे कहां,
आपकी तारीफ ?
हमने प्यारसे कहां,
जी भरके कीजिये.......!

4675
सबको प्यार देनेकी आदत हैं में,
मुश्किलमे साथ देनेकी आदत हैं में;
कितना भी गेहरा ज़ख्म दे कोई,
उतना ही ज़्यादा मुस्कुरानेकी आदत हैं में...

31 August 2019

4666 - 4670 ज़िंदगी दुनिया अजीब रस्म मोहब्बत नफरत दस्तूर जालिम जुदाई प्यार शायरी


4666
अजीब रस्म हैं दुनियाकी,
कहते हैं सबसे मिल जुलकर रहो,
प्यार मोहब्बतसे रहो...
और जब किसीसे प्यार हो जाये,
तो कहते हैं इन सबसे दूर रहो...

4667
कुछ लोग तो आपसे,
सिर्फ इसलिए भी नफरत करते हैं...
क्योंकि...
बहुत सारे लोग, आपसे प्यार करते हैं...!


4668
ज़िंदगीमें कभी प्यार करनेका मन हो तो,
अपने दुखोंसे प्यार करना,
क्योंकि...
दुनियाका दस्तूर हैं,
जिसे जितना चाहोगे उसे उतना दूर पाओगे...

4669
काश यह जालिम जुदाई होती l
खुदा तूने यह चीज़ बनायीं होती l
हम उनसे मिलते प्यार होता l
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी होती...ll

4670
मैने कहां बहुत प्यार
आता हैं तुमपर !
वो मुस्कुराकर बोले,
और आता ही क्या हैं तुम्हे...!

28 August 2019

4661 - 4665 कयामत नफरत इस्तीफा आँखे दर्द़ लम्हें प्यार शायरी


4661
यूँ ही थामे रहना प्यारसे हमें,
क्योंकि...
जो छूटे तुझसे,
तो टूट जाएंगे हम...

4662
तुम नफरतका धरना,
कयामत तक जारी रखो;
मैं प्यारका इस्तीफा,
ज़िंदगीभर नहीं दूंगा...

4663
मुझे तेरे प्यारमें,
ऐसी ज़बरदस्ती चाहिए...
जो मैं छोडूँ हाथ तेरा तो,
तू बाँहोको थाम ले....

4664
कुछ बातें कह दी जायें,
तो मुनासिब हैं;
कि प्यार हो या नफरत,
ज़ाहिर हो जाये तो अच्छा हैं...

4665
छलकता हैं कुछ,
इन आँखोंसे रोज़...
कुछ प्यारके कतऱे होते हैं,
कुछ दर्द़के लम्हें.......

4656 - 4660 लफ़्ज़ ज़ुबान मज़बूरी सवाल आबरू रिश्ता आख कर्ज़ मतलब खामोश शायरी


4656
लफ़्ज़ोंके बोझसे थक जाती हैं,
ज़ुबान कभी कभी...
पता नहीं खामोशी,
मज़बूरी हैं या समझदारी?

4657
हजार जवाबोंसे,
अच्छी हैं खामोशी...
ना जाने कितने सवालोंकी,
आबरू रखती हैं...!

4658
हम समंदर हैं,
हमें खामोश रहने दो;
ज़रा मचल गए तो,
शहर ले डूबेंगे.......

4659
रिश्तोंकी जोड़ी कमज़ोर होती हैं,
आखोंकी बातें खामोश होती हैं;
कोई पूछे जब दोस्तीका मतलब,
हमारी उंगली बस आपके ओर होती हैं...

4660
तेरी दोस्तीने बहुत कुछ सीखा दिया,
मेरी खामोश दुनियाको जैसे हँसा दिया;
कर्ज़दार हूँ मैं खुदाका, जिसने मुझे,
आप जैसे दोस्तसे मिला दिया...!

26 August 2019

4651 - 4655 दिल याद फिर्याद जिंदगी किस्से उम्र महसूस अल्फ़ाज कमाल बात खामोश शायरी


4651
हर ख़ामोशीमें एक बात होती हैं,
हर दिलमें एक याद होती हैं;
आपको पता हो या ना हो पर...
आपकी ख़ुशीके लिए रोज़ फिर्याद होती हैं !

4652
समेटकर रखे ये कोरे पन्ने,
एक रोज बिखर जाएंगे...
जिंदगी तेरे किस्से खामोश रहकर,
भी बयाँ हो जायेंगे.......!


4653
एक उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने,
उनकी ख़ामोशी पढते हुए...
एक उम्र गुज़ार देंगे,
उन्हे महसूस करते हुए...!

4654
मिलो कभी इस ठंडमें,
चायपर कुछ किस्से बूनेंगे...
तुम खामोशीसे कहना,
और हम चुपचाप सुनेंगे...!

4655
ये जो ख़ामोशसे,
अल्फ़ाज लिखे हैं ना;
पढ़ना कभी ध्यानसे,
ये चीखते कमालके हैं...!

24 August 2019

4646 - 4650 रिश्ता मोहताज जिम्मेदारी आहट दर्द जवाब आवाज बात खामोश शायरी


4646
रिश्तोंको शब्दोंका,
मोहताज ना बनाइये...
अगर अपना कोई खामोश हैं तो,
खुद ही आवाज लगाइये...!

4647
बोलूँ,  लिखूँ,
तो ये मत समझना...
कि भूल गए हम,
खामोशियोंने भी,
कुछ जिम्मेदारी ले रखी हैं...


4648
शब्दोंका शोर,
तो कोई भी सुन सकता 
हैं
खामोशियोंकी,
आहट समझो तो कोई बात बने।।

4649
धुंआ दर्द बयाँ करता हैं,
और राख कहानियाँ छोड़ जाती हैं;
कुछ लोगोंकी बातोंमें भी दम नही होता,
और कुछ लोंगोकी खामोशियाँ भी
निशानियां छोड़ जाती हैं.......!

4650
बुद्धिमान व्यक्ति कई बार,
जवाब होते हुए भी पलटकर नही बोलते;
क्योंकि कई बार रिश्तोंको जितानेके लिए,
खामोश रहकर हारना जरूरी होता हैं...!

23 August 2019

4641 - 4645 मोहब्बत लफ्ज़ रुख़्सार शाम सन्नाटा शोर आँख दस्तक रूह खामोश शायरी


4641
"कभी ख़ामोशी बोली उनकी,
कभी शब्द-निःशब्द कर गए...
एक उनके साथ जीनेकी जिद्दमें हम,
कई-कई मर्तबा मर गए...

4642
कोई तो करे शुरू,
रिवाज बातचीतका...
ये ख़ामोशी निगल गयी,
ना जाने "लफ्ज़" कितने...!

4643
तेरे "रुख़्सार" पर ढले हैं,
मेरी "शाम" के "किस्से...
"ख़ामोशी" से "मागी हुई,
"मोहब्बत" की "दुआ" हो तुम...!

4644
मेरी ख़ामोशीमें सन्नाटा भी हैं,
और शोर भी हैं...
मगर तूने देखा ही नहीं,
आँखोंमें कुछ और भी हैं...

4645
दस्तक और आवाज तो,
कानोंके लिए 
हैं;
जो रूहको सुनायी दे,
उसे खामोशी कहते 
हैं...

22 August 2019

4636 - 4640 प्यारे नजरिया ज़िन्दगी तकलीफ बात दीवानगी दीवाने शायरी


4636
दीवानगी मेरी कायम रहेगी,
बस तुम दीवाना बनाते रहना...!

4637
सिर्फ तूने ही कभी,
मुझको अपना समझा...
जमाना तो आज भी मुझे,
तेरा दीवाना कहता हैं.......!

4638
मेरी इस दीवानगीमें,
कुछ कसूर तुम्हारा भी हैं...
तुम इतने प्यारे ना होते,
तो हम भी इतने दीवाने ना होते...!

4639
नजरिया बदलके देख,
हर तरफ नजराने मिलेंगे...
ज़िन्दगी यहाँ तेरी,
तकलीफोंके भी दीवाने मिलेंगे...

4640
हजारो हैं मरे,
अल्फाजके दीवाने...
कोई ख़ामोशी सुननेवाला होता,
तो और बात थी.......!