4681
प्यार ख़ुद, ख़ुदा हैं;
या तो पूजा
कर ले...
या तो प्यार.......!
4682
ये प्रेम, प्यार, इश्क़, मोहब्बतके
एक-एक अक्षर
विकलांग क्यों हैं...?
4683
नाराजगी
भी बड़ी प्यारीसी चीज हैं,
चंद पलोमें प्यारको...
दुगुना कर देती हैं.......!
4684
टूट कर बिखर
जाते हैं वो
लोग,
मिट्टीकी
दीवारोंकी तरह...
जो खुदसे
भी ज्यादा,
किसी
औरसे प्यार
करते हैं...!
4685
बेवजह अब ज़िन्दगीमें,
प्यारके
बीज न बोए
कोई...
मोहब्बतके पेड़ हमेशा,
ग़मकी बारिश
ही लाते हैं...!
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