11 September 2019

4711 - 4715 दिल इश्क़ बेचैनियाँ यार याद आँखें साँसे ज़िन्दगी कारवाँ वक़्त बेचैन शायरी


4711
बेचैनियाँ बाजारमें,
नहीं मिला करती यारों...
बाँटने वाला कोई,
बहुत नजदीकी होता हैं...!

4712
बेताब आँखें... बेचैन दिल...
बेपरवाह साँसे... बेबस ज़िन्दगी...
बेहाल हम... बेख़बर तुम.......

4713
थकान, टूटन, उदासी,
ऊब, बेचैनी, अकेलापन...
तुम्हारी यादके संग,
इतना लम्बा कारवाँ क्यूँ हैं...?

4714
चैनकी ज़िंदगी थी मेरी,
उनके बगैर भी...
बस उन्होंने अपना कहके,
मुझे बेचैन कर दिया.......!

4715
वक़्तको भी हुआ हैं,
ज़रूर किसीसे इश्क़...
जो वो बेचैन हैं इतना कि,
ठहरता ही नहीं.......!

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