17 September 2019

4736 - 4740 हसीन धड़कन साँस यादें आँख आँसू मुस्कान शिकायते अरमान शायरी


4736
चाहा हैं तुम्हें अपने अरमानसे भी ज्यादा,
लगती हो हसीन तुम मुस्कानसे भी ज्यादा, 
मेरी हर धड़कन हर साँस हैं तुम्हारे लिए,
क्या माँगोगे जान मेरी जानसे भी ज्यादा।

4737
दिन बीत जाते हैं सुहानी यादें बनकर,
बाते रह जाती हैं कहानी बनकर,
पर यार हमेशा साथ रहते हैं;
कभी मुस्कान तो कभी,
आँखोंका पानी बनकर...!

4738
खुदको देखकर आईनेमें,
आँसू निकल आये...
दूसरोंको मुस्कान देनेकी खातिर,
खुदको क्या बना लिया.......!

4739
उस मुस्कानसे खूबसूरत, 
और कुछ नहीं हैं...
जो आँसुओंसे संघर्ष कर,
आती हैं.......

4740
यु तो आपसे,
शिकायते बहूत हैं...
पर आपकी एक मुस्कान,
काफी हैं सुलहके लिए.......!

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