15 September 2019

4726 - 4730 तावीज दौलत मुकाम काफिला ज़िंदगी जमाना नींद कब्र अजीब बात होठ सुकून शायरी


4726
सारे तावीज पहनकर देख लिए,
सुकून तो बस,
तुझे देखनेसे ही मिलता हैं...!

4727
कही बिक रहा हो सुकून,
तो बताओ.......
हम दौलत बेशुमार,
लेकर बैठे हैं.......

4728
"अजब मुकामपे,
ठहरा हुआ हैं काफिला जिंदगीका;
सुकून ढूढनें चले थे,
नींद ही गवा बैठे......."

4729
कहते हैं कब्रमें,
सुकूनकी नींद होती हैं;
अजीब बात हैं की यह बात भी,
जिन्दा लोगोने कही हैं...!

4730
होठोंपे मुस्कान थी,
कंधोपे बस्ता था;
सुकूनके मामलेमें,
वो जमाना सस्ता था...

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