7251
आ कि तुझ बिन इस तरह...
ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं;
जैसे हर शयमें किसी शयकी,
कमी पाता हूँ मैं...ll
जिगर मुरादाबादी
7552कभी जिंदगीके धागे टूट जाए,तो दोस्तोंके पास जाना...!दोस्त हौसलोंके दर्ज़ी होते हैं,मुफ्तमें रफू कर देते हैं.......!!!
7253
एक हसीन पलकी जरूरत हैं हमें,
बीते हुए कलकी जरूरत हैं हमें...
सारा जहाँ रूठ गया हमसे,
जो कभी ना रूठे,
ऐसे दोस्तकी
जरूरत हैं हमें.......
7254कमजोरियाँ मत ढूंढना,मुझमें तुम मेरे दोस्तों...तुम भी शामिल हो,मेरी कमजोरियोंमें.......!
7255
दौलतसे दोस्त बने वो,
दोस्त नहीं दोस्तों...
पर सच कहूँ तो दोस्त जैसी,
कोई दौलत नहीं.......!!!