7281
बडी कातिलाना अदा हैं,
मेरे यारकी...!
नज़र भी हमपें,
और नाराजगी भी हमसे...!!!
7282जो कुछ भी हूँ पर, यार...गुनहगार नहीं हूँ,दहलीज हूँ, दरवाजा हूँ,पर मैं दीवार नहीं हूँ.......
7283
धमकिया देता हैं और...
वो भी जुदाईकी !
मोहोबतमें भी देखो...
बदमाशिया मेरे यारकी...!!!
7284गमे-जहाँ हो,गमे-यार हो कि तेरे सितम...जो आये आये कि हम,दिल कुशादा रखते हैं.......फैज अहमद
7285
करें किसका यक़ीन,
यहाँ सब अदाकार ही तो हैं...
गिला भी करें तो किससे करें,
सब अपने यार ही तो हैं.......!