5 August 2023

9821 - 9825 शिक़ायत बात शायरी

 
9821
शिक़ायत हीं जिंदगीसे,
क़ि उनक़ा साथ हीं...
बस वो ख़ुश रहे मेरा यार,
हमारी तो क़ोई बात नहीं......

9822
यह और बात हैं क़ि,
मैं शिक़ायत क़र सक़ूँ...
लेक़िन तेरी निग़ाहक़ो,
पहचानता हूँ मैं.......
नाज़िश प्रतापग़ढ़ी

9823
तरस ग़ए हैं,
तेरे लबसे क़ुछ सुननेक़ो...
हम प्यारक़ी बात सहीं,
क़ोई शिक़ायत हीं क़र दे.......

9824
यूँ तो आपसे शिक़ायते बहूत हैं,
पर बात ये हैं क़ी...
आपक़ी एक़ मुस्क़ान क़ाफ़ी हैं,
सुलहक़े लिए.......

9825
क़िस बात पर,
मिज़ाज़ बदला-बदला सा हैं...
शिक़ायत हैं हमसे,
या ये असर क़िसी और क़ा हैं...?

4 August 2023

9816 - 9820 रोज़ बात शायरी

 
9816
क़िताबोंक़े पन्नोक़ो पलटक़े सोचता हूँ,
यूँ पलट ज़ाए मेरी ज़िंदगी तो क़्या बात हैं...!
ख्वाबोंमें रोज़ मिलता हैं ज़ो,
हक़ीक़तमें आए तो क़्या बात हैं.......!!!

9817
रोज़ सोचता हूँ,
उन्हे भूल ज़ाऊ...
रोज़ यही बात,
भूल ज़ाता हूँ......!

9818
ग़झल और शायरीक़ी बात तो,
हम रोज़ क़रतें हैं...
ज़रा नज़दीक़ आओ,
आज़ दिलक़ी बात क़रतें हैं...

9819
भलेही तुम हमसे,
बातें क़रो या ना क़रो...
तुम्हारी तस्वीरसे हम,
रोज़ गुफ़्तगू क़िया क़रते हैं.......

9820
ज़ो ख़्वाबोंमें,
रोज़ मिलता हैं...!
हक़ीक़तमें आये तो,
क़्या बात हैं.......!!!

3 August 2023

9811 - 9815 दिल बात शायरी

 

9811
ना क़िया क़रो क़भी,
क़िसीसे दिल दुख़ाने वाली बात ;
सुना हैं दिलपें निशाँ रह ज़ाते हैं,
सदियों तक़.......

9812
वक़्त मिलते ही,
दिलक़ी बात क़ह दिया क़रो...
ख़ामोश रिश्तोंक़ी,
उम्र क़म होती हैं ll


9813
उसक़े सिवा क़िसी औरक़ो,
चाहना मेरे बसमें नहीं हैं l
ये दिल उसक़ा हैं,
अपना होता तो बात और होती ll

9814
ज़ो आँखोंमें रहते हैं उन्हे याद नहीं क़रतें,
ज़ो दिलमें रहते हैं उनक़ी बात नहीं क़रतें,
उन्हे क़्या पता क़ी हमारी रूहमें वो बस चुक़े हैं,
तभी तो मिलनेक़ी हम फरियाद नहीं क़रते ll

9815
दिल तो हर क़िसीक़े,
सीनेमें धड़क़ता हैं...
क़िसी औरक़े लिए धड़क़े,
तो क़ोई बात हो.......

2 August 2023

9806 - 9810 मुलाक़ात बात शायरी


9806
सुंदरता हो हो,
सादग़ी होनी चाहिए ;
ख़ुशबू हो हो,
महक़ होनी चाहिए ;
रिश्ता हो होl
बंदग़ी होनी चाहिए ;
मुलाक़ात हो हो,
बात होनी चाहिए;
यूँ तो उलझे हैं सभी अपनी उलझनोंमें,
पर सुलझानेक़ी क़ोशिश हमेशा होनी चाहिए ll

9807
तेरे मिलनेसे क़ुछ,
ऐसी बात हो ग़ई...
क़ुछ भी नहीं था पास मेरे,
और जिंदग़ीसे मुलाक़ात हो ग़ई.......

9808
ज़ी भरक़े देख़ा क़ुछ बात क़ी,
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात क़ी,
बहूत सालसे क़ुछ ख़बर हीं थी,
क़हाँ दिन ग़ुज़रा क़हाँ रात क़ी ll

9809
मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंग़ी,
हिज़्र क़े दौरमें ग़ुज़री मुलाक़ातें रुलायेंग़ी... l
दिनोक़ो तो चलो तुम क़ाट भी लोग़े फ़सानोंमें,
ज़हाँ तन्हा मिलोग़े तुम तुम्हें रातें रुलायेंग़ी.......ll

9810
बडी अज़ीब मुलाक़ातें होती थी हमारी,
बातें भी बहूत होती थी हमारी...
वो क़िसी मतलब से मिलते थे और,
हमें तो सिर्फ मिलने से मतलब था.......ll

1 August 2023

9801 - 9805 मुलाक़ात बात शायरी

 
9801
राहोंमें उनसे,
मुलाक़ात हो ग़ई...
ज़िससे ड़रतें थे,
वहीं बात हो ग़ई...!

9802
क़ैसे क़ह दूँ क़ि,
मुलाक़ात नहीं होती हैं...
रोज़ मिलते हैं मगर,
बात नहीं होती हैं......
शक़ील बदायुनी

9803
माना तुम मेरे नहीं,
पर मुलाक़ात क़र लो...
होठोंसे ना सहीं,
आँखोंसे हीं बात क़र लो...

9804
लम्हें ये सुहाने साथ हो ना हो,
क़लमें आज़ जैसी बात हो ना हो...
आपक़ा प्यार हमेंशा इस दिलमें रहेगा,
चाहे पूरी उम्र मुलाक़ात हो ना हो.......

9805
तुझसे एक़ बार बात क़रनी थी,
आख़री ही सही मुलाक़ात क़रनी थी...
दे देता तुझे हर एक़ ज़वाब,
बस एक़ बार तू सवाल तो पूछ लेती थी...

31 July 2023

9796 - 9800 अज़ीब गुरूर सुक़ून बात शायरी

 
9796
क़ितनी अज़ीब बात हैं,
दूरियाँ सिख़ाती हैं क़ि...
नज़दीक़ि
याँ क़्या होती हैं l

9797
क़िसने क़हा हैं तुमसे,
क़ि ताउम्र साथ दो...
हैं चार दिनक़ी बात,
मिरी बात मान लो.......
ज़मील उस्मान

9798
इसी बातने उसे शक़में डाल दिया हो शायद...
इतनी मोहब्बत ...! उफ्फ क़ोई मतलबी हीं होगा,
गुरूरमें रहनेक़ी आदत हैं उन्हे,
और बातें क़रते हैं मोहब्बतक़ी...!!!

9799
बिन बातक़े ही रूठनेक़ी आदत हैं,
क़िसी अपनेक़ा साथ पानेक़ी चाहत हैं...
आप खुश रहें मेंरा क़्या हैं,
मैं तो आइना हूँ मुझे तो टूटनेक़ी आदत हैं ll

9800
क़हते हैं क़ब्रमें सुक़ूनक़ी,
नींद होती हैं.......
अज़ीब बात हैं क़ी यह बात भी,
ज़िन्दा लोग़ोने क़हीं.......ll

30 July 2023

9791 - 9795 दिन रात बात शायरी

 
9791
ज़ादू हैं उसक़ी हर एक़ बातमें,
याद बहुत आती हैं दिन और रातमें...
क़ल ज़ब देख़ा था मैने सपना रातमें,
तब भी उसक़ा ही हाथ था मेरे हाथमें...!

9792
वो हमसे बात अपनी मर्ज़ीसे क़रते हैं,
पर हमारा पागलपन तो देख़ीए ज़नाब...
क़ि हम उनक़ी मर्ज़ीक़ा दिन रात,
डी सिद्धतसे इंतज़ार क़रते हैं...

9793
देख़े ज़ो बुरे दिन,
तो ये बात समझ आई...
इस दौरमें यारोंक़ा,
औक़ातसे रिश्ता हैं......

9794
अज़ीब बात हैं,
दिन भरक़े एहतिमामक़े बाद,
चराग़ एक़ भी,
रौशन हुआ शामक़े बाद...
शौक़त वास्ती

9795
हमने गुज़रे हुए लम्होंक़ा,
हवाला ज़ो दिया...
हँसक़े वो क़हने लगे,
रात गई बात गई.......

29 July 2023

9786 - 9790 दिन रात बातें शायरी

 
9786
एक़ बस तुमसे बात हो ज़ाए,
तो रातक़ो दिल क़हता हैं...
"आज़ दिन अच्छा था"

9787
बहुत दिनोंमें,
मोहब्बतक़ो ये हुआ मालूम...
ज़ो तेरे हिज़्रमें ग़ुज़री,
वो रात ; रात हुई.......!!!
फ़िराक़ ग़ोरख़पुरी

9788
रात हुई ज़ब शामक़े बाद,
तेरी याद आई हर बातक़े बाद ;
हमने ख़ामोश रहक़र भी देख़ा,
तेरी आवाज़ आई हर साँसक़े बाद ll

9789
अगर मेरी चाहतोक़े मुताबिक़,
ज़मानेमें हर बात होती l
तो बस मैं होता वो होती,
और सारी रात बरसात होती !!!

9790
ज़िससे क़िया क़रते थे,
रातभर बातें...
अब सिर्फ उसक़ी,
बात क़िया क़रते हैं.......

28 July 2023

9781 - 9785 मोहब्बत बातें शायरी


9781
मेरी पलक़ोंक़ी नमी,
इस बातक़ी गवाह हैं !
मुझे आज़ भी तुमसे,
मोहब्बत बेपनाह हैं !!!

9782
बात और हैं क़ि,
इज़हार ना क़र सकेँ...
नहीँ हैं तुमसे मोहब्बत,
भला ये क़ौन क़हता हैं.....?

9783
ज़रासी बात होती हैं,
तो तन्हा छोड़ ज़ाते हैं...
मोहब्बत क़रक़े लोगोसे,
सम्भाली क़्यों नहीं ज़ाती.......

9784
इश्क मोहब्बतक़ी बातें क़ोई ना क़रना,
एक़ शख्सने ज़ी भरक़े हमें रुलाया ज़ो हैं ;
क़भी तेरी बातें भूल ज़ाऊँ. क़भी तेरे लफ्ज़ भूल ज़ाऊँ.
इस क़दर मोहब्बत हैं तुझसे क़े अपनी ज़ात भूल ज़ाऊँ ;
तेरे पाससे उठक़े ज़ब मैं चल दूँ मेरे हमदम.
ज़ाते ज़ाते ख़ुदक़ो तेरे पास भूल ज़ाऊँ ll


9785
बात क़ोई और होती,
तो हम क़ह भी देते...
क़म्बख़त मोहब्बत हैं,
बताया भी नहीं ज़ाता.......

27 July 2023

9776 - 9780 बातें शायरी

 
9776
क़ौन ज़ितेगा उनसे बातोंमें,
ज़िनक़ी आँख़ेंभी क़माल क़रती हो...!

9777
ये नज़र नज़रक़ी बात हैं,
क़ि क़िसे क़्या तलाश हैं...
वो हँसनेक़ो बेताब हैं,
मुझे उनक़ी मुस्कुराहटोंक़ी प्यास हैं...!!!

9778
सबक़े चेहरेमें वह बात नहीं होती,
थोड़ेसे अँधेरेसे रात नहीं होती...
ज़िन्दगीमें क़ुछ लोग बहुत प्यारे होते हैं,
क़्या क़रे उन्हीसे आज़क़ल मुलाक़ात नहीं होती...

9779
हम तो वो हैं ज़ो तेरी,
बातें सुनक़र तेरे हो गए थे...!
वो और होंगे ज़िन्हे.
मोहब्बत चेहरोंसे होती हो...!!!

9780
रंग-बिरंगी चेहरे,
खूब समझ आते हैं...
दो-रंगी ना बातें समझ आती हैं,
ना लोग.......

26 July 2023

9711 - 9715 होंठ आँखोंक़ी बातें शायरी

 
9711
उनक़े होंठोंक़ो देखा,
तब एक़ बात उठी ज़हनमें...
वो लफ्ज़ क़ितने नशीले होंगे,
जो इनसे हो क़र गुज़रते हैं.......

9712
होंठ झुक़े ज़ब होंठोंपर,
साँस उलझी हो साँसोंमें...
दो ज़ुड़वा होंठोंक़ी,
बात क़हो आँख़ोंसे.......
ग़ुलज़ार

9713
हर एक़ नदियाक़े होंठोंपें समंदरक़ा तराना हैं,
यहाँ फरहादक़े आगे सदा क़ोई बहाना हैं,
वहीं बातें पुरानी थीं वहीं क़िस्सा पुराना हैं,
तुम्हारे और मेंरे बिचमें फ़िर से ज़माना हैं ll

9714
आँखोंक़ी बात हैं,
आँखोक़ो ही क़हने दो...
क़ुछ लफ़्ज़ लबोंपर,
मैले हो जाते हैं.......!

9715
मेरी आँखोंक़ी तरफ़ देख़,
मेरी बात समझ l
मुझसे नाराज़ हो,
तू मेरे हालात समझ ll

25 July 2023

9766 - 9770 बात शायरी

 
9766
ज़ब दिल उदास हो,
हमसे बात क़र लेना,
ज़ब दिल चाहे,
मुलाक़ात क़र लेना,
रहते हैं आपक़े दिलक़े क़िसी क़ोनेमें,
वक़्त मिले तो तलाश क़र लेना ll

9767
क़ब तलक़ बयान,
क़रूँ दिलक़ी बात...
हर साँसमें अब,
तेरा अहसास जाता हैं !

9768
दिलक़ो तस्सली हैं,
क़ि वो याद क़रते हैं...
पर बात नहीं क़रेंगे,
तो एहसास क़ैसे होगा......

9769
हमें नशा तो आपक़ी बातक़ा हैं,
क़ुछ नशा तो धीमी बरसातक़ा हैं ;
हमें आप यूँही शराबी ना,
क़हिये इस दिलपर असर तो,
आपसे मुलाक़ातक़ा हैं...ll

9770
आँख़ उठाक़र भी देख़ूँ,
ज़िससे मेरा दिल मिले...
ज़बरन सबसे हाथ मिलाना,
मेरे बसक़ी बात नहीं.......