5686
कल रातकी तरह आजकी
रात भी,
गुजर रहीं हैं
सूनीसूनी...
पता नहीं किस्मतमें
मेरी,
और कितनी राते लिखी
हैं खालीखाली...
भाग्यश्री
5687
तू कलकी तरह,
आज नहीं साथ
मेरे,
तो क्या
हुआ...?
कैसे बताऊँ तुझे कि,
मोहब्बत
तो हम तेरी...
दुरीयोंसे भी करते
हैं ll
5688
साथ आपका,
बेफिक्र
जीनेका सुकून...
नामौजुदगी
आपकी,
सिर्फ और सिर्फ
आपके फिक्रका जुनून...
भाग्यश्री
5689
हर पल तेरा
साथ पाऊँ,
इतनी खुशगवार मैं नहीं;
तेरी जुस्तजूसे थक गयी
मैं,
क्योंकि
खोया हैं तू
और कहीं ll
भाग्यश्री
5690
ना हम तेरा
साथ माँगते हैं,
ना तुझसे कोई आस
रखते हैं...
अब तेरा एहसास
ही काफी हैं,
जो दिलको मेरे बहलता
हैं...!
भाग्यश्री
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