28 April 2020

5786 - 5790 दिल रास्ता चाहत शमा इज़ाफ़ा गुनाह डर दुआ शायरी



5786
दुआ करो मैं कोई,
रास्ता निकाल सकूँ...
तुम्हे भी देख सकूँ,
खुदको भी सम्भाल सकूँ...!

5787
हम ये नहीं चाहते की,
कोई आपके लिए दुआ ना मांगे...
हम तो बस इतना चाहते हैं की,
कोई दुआमें आपको ना मांगे...

5788
कर लो इज़ाफ़ा,
तुम अपने गुनाहोंमें...
मांग लो एक बार,
हमको दुआओं में...

5789
डरते हैं तुमसे कुछ कहनेसे,
और रोज मरते हैं, ना कहनेसे;
बस इतनी ही दुआ करते हैं खुदासे,
हम बुझे ना यह शमा कभी...
जो हमने जलाके हैं.......

5790
दुआ करना, दम भी...
उसी दिन निकले...
जिस दिन तेरे,
दिलसे हम निकले...!

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