23 April 2020

5761 - 5765 कदर जिंदगी हाल इश्क माहौल मुस्कराहट दुआ दवा शायरी


5761
कदर करना सिख लो,
ना जिंदगी वापस आती हैं,
ना जिंदगीमें आये हुये लोग...
कई बार तबियत दवा लेनेसे नहीं,
हाल पूछनेसे भी ठीक हो जाती हैं...

5762
नींद आनेकी दवाईयाँ हजार हैं;
ना आने के लिए इश्क काफी हैं...!

5763
ऐसे माहौलमें दवा क्या हैं,
दुआ क्या हैं...?
जहाँ कातिलही खुद पूछे की,
हुआ क्या हैं...?

5764
किसी दवासे,
आराम नहीं था हमें;
आपकी मुस्कराहट,
वो काम कर गई...!

5765
हम दोनोंको कोई भी,
बीमारी नहीं हैं...
फिर भी वो मेरी और,
मैं उसकी दवा हूँ.......!

No comments:

Post a Comment