7341
मुझे तो तुमसे नाराज़,
होना भी नहीं आता...
न ज़ाने तुमसे कितनी,
मोहब्बत कर बैठा हूँ मैं...!!!
7342तुझसे नहीं,तेरे वक़्तसे नाराज़ हूँ;जो कभी तुझे,मेरे लिए नहीं मिला ll
7343
मेरी फितरतमें नहीं हैं,
किसीसे नाराज़ होना...
नाराज़ वो होतें हैं जिन्हें,
अपने आपपर गुरूर होता हैं...!
7344मुझको छोङनेकी,वज़ह तो बता देते...lमुझसे नाराज़ थे, या...मुझ जैसे हज़ारों थे.......?
7345
मुझसे नाराज़ न हो,
कहीं भी खुदको रख लूँगा;
तरसोगे एक दिन जब,
कफ़नसे खुदको ढक लूँगा...ll