7321
लोग आज कल मेरी,
ख़ुशीका राज़ पूछते हैं...!
इजाज़त हो तो तुम्हारा,
नाम बता दूँ.......!!!
7322राज़ किसीको ना कहो तो,एक बात कहूँ...हम रफ्ता रफ्ता तेरे,होते जा रहें हैं.......
7323
ना राज़ हैं ज़िन्दगी,
ना नाराज़ हैं ज़िन्दगी...
बस जो हैं वो,
आज हैं ज़िन्दगी.......
7324राज़ ये सबको बतानेकी,ज़रूरत क्या हैं.......दिल समझता हैं तेरे ज़िक्रमें,लज़्ज़त क्या हैं.......!!!
7325
दुनियाँमें इतनी रस्में क्यों हैं,
प्यार अगर ज़िंदगी हैं;
तो इसमें कसमें क्यों हैं,
हमें बताता क्यों नहीं ये राज़ कोई,
दिल अगर अपना हैं,
तो किसी और के बसमें क्यों हैं.......!