24 May 2017

1344


अजीब सी बस्ती में
ठिकाना है मेरा,

जहाँ लोग मिलते कम,
झांकते ज़्यादा है...!

1343


जिंदगी में अपनापन तो
हर कोई दिखाता है…
पर अपना हैं कौन ?

यह वक़्त ही बताता है…

1342


हम दिल के सच्चे ज़ज़्बात लिखते है ,

अपनी नहीं सबके मन की बात लिखते है...!!

1341


जब वो अपने हांथो की लकीरों में,
मेरा नाम ढूंढ कर थक गयी...
"तो सिर झुकाकर बोली...
लकीरें तो झूठ बोलती है...

तुम सिर्फ मेरे हो…....

23 May 2017

1340


मेरे सजदे की दुआएँ
तुम क्या जानो हमदम…

सर झुका तो तेरी खुशी माँगी
हाथ उठे तो तेरी जिँदगी . . .

1339


कुछ तो बात है
तेरी फितरत में ऐ यार;

वरना तुझको याद करने की
खता हम बार-बार न करते !

1338


हमारी "क़द्र" होगी उन्हें
"तनहाइयों" में,

अभी तो बहुत लोग हैं,
उनके पास दिल्लगी के लिए ...!!!

1337


सभी पुराने ठौर ठिकाने,
टोक रहे है आते - जाते,
मैं भी खुश हूँ, तुम भी खुश हो ,

काश के "हम" भी खुश हो पाते.....!

1336


लो खत्म कर रहें हैं जिंदगी
तेरे जाने के बाद,
पर तुम याद तो आओगे ही मुझे

मर जाने के बाद…

22 May 2017

1335


ये आप कहाँ घूमते हो यार

ये तो बस गम का है बाजार...

1334


अपनी तक़दीर में तो कुछ,
ऐसा ही सिलसिला लिखा है,
किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनाया,

तो किसी ने अपना बना कर,
वक़्त गुज़ार लिया.......

1333


वो अब पास से अनजान बनकर
गुज़र जाते है !
जो कभी हम को दूर से पहचान

लिया करते थे.......

1332


वैसे इतना हक़ तो बनता है मेरा तुम पर...!
बस...
यही दुआ है कि...

मेरी तरह कोई और न चाहे तुम्हें ...

1331


इजाजत किसे दें दिल में आने की,
सब दरबाजे बन्द करलिये तेरे जाने के बाद;
गुलजार था जो गुलशन तुजे पाने के बाद,

बिरान है हबेली तेरे जाने के बाद...

21 May 2017

1330


“​ज़िन्दगी में कुछ खोना पड़े तो...
यह दो लाइन याद रखना ,
"जो खोया है उसका ग़म नहीं,
जो पाया है वह किसी से कम नहीं,
जो नहीं है वह एक ख्वाब हैं,

और जो है वह लाजवाब है…!"

1329


दिल करता है
तेरे दिल मे उतरकर देखू …….
कौन है उसमे जो,

मुझे बसने नही देता . . . !

1328


सांसों की जरूरत उन्हें होती हैं

जिन्हें पता होता है
की अब वो इस दुनिया से
रुक्षत होने वाले है…

1327


यह भी एक जमाना
देख लिया हमने,

दर्द जो अपना सुनाया तो
तालियां गूँज उठी महफ़िल में ।

1326


रहते हैं आस-पास ही
लेकिन साथ नहीं होते…
कुछ लोग जलते हैं मुझसे

बस खाक नहीं होते|

20 May 2017

1325


मोहब्बत से रिहा होना ज़रूरी हो गया है...!
मेरा तुझसे जुदा होना जरूरी हो गया है...
वफ़ा के तुज़ुर्बे करते हुए तो उम्र गुज़री है...

ज़रा सा बेवफा होना जरूरी हो गया है . . . !

1324


वजह की तलाश
न तब थी, न अब है . . .
बेवजह तुझे याद करना

आदत है मेरी . . . . . . .

1323


दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते,
गम के आंसू न बहते तो और क्या करते,
उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ,

हम खुद को न जलाते तो और क्या करते . . . !

1322


तुम खुश-किश्मत हो,
जो हम तुमको चाहते है वरना,
हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग,

इजाजत लेकर आते है।

1321


गम मिलते हैं तो,
और निखरती है शायरी,
बात यह है तो...

सारे जमाने का शुक्रिया l

19 May 2017

1320


जो कहती थी के तू न मिला . . .
तो मर जाएंगे हम...,

वो आज भी ज़िंदा है,
ये बात किसी और से कहने के लिए . . . !

1318 गुनाह सजा बेवफा कबूल शायरी


हर गुनाह कबूल है हमें,
    "बस..."      
सजा देने वाला,
बेवफा न हो...!

1319


ना कर गिला मेरे बहते अश्को का,
मेरे दिल को सभी ने रुलाया है,
न ढूंढो मेरे दिल के किताब में खुशियों का पन्ना...

हर एक पन्ना मेरे किसी अपने ने ही जलाया है...

1317


दिल में आप हो और कोई खास कैसे होगा;
यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा;
हिचकियॉं कहती हैं आप याद करते हो;

पर बोलोगे नहीं तो मुझे एहसास कैसे होगा।

1316


कितनी अजीब है
मेरे अन्दर की तन्हाई भी,
हजारो अपने है

मगर याद तुम ही आते हो…

14 May 2017

1315


समझ नही आ रहा किसकी सुनु
आँख कह रही सोने दे,
दिल कह रहा है

थोडा और रो लेने दे...!

13 May 2017

1314


ना कोई इजहार है,
ना कोई इकरार है,
फिर ना जाने क्यूं...

ये दिल इतना बेकरार है l

1313


दिल मजबूर हो रहा है
तुम से बात करने को,

बस जिद ये है कि
सिलसिले का आग़ाज़ तुम करो...

1312


मुझे अपनी मौत का,
तो कोई गम नहीं है लेकिन...
तेरे आशियां पे मरते,

तो कुछ और बात होती…....

1311


ऐ इश्क़ सुना था तू अँधा है...

फिर मेरे घर का रास्ता,
तुझे किसने बताया...?

12 May 2017

1310


एक अजीब सा मंजर नज़र आता है,
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,

हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं…

1309


बड़ी अजीबो-गरीब हैं
नादाँ दिल की ख्वाहिश।
या रब मेरे !
अमल में कुछ भी नहीं और

दिल तलब्गार हैं जन्नत का।

1308


अपने हर आह की दास्तां अर्ज किया है हमने l
अपने हर जुर्म का बयां दर्ज किया है हमने ll

मुजरिम हुआ ऐ हुस्न, सूली पे लटका दो मुझे l
गुनाह कुबूल है मुझे, तुमसे इश्क किया है हमने ll

मेरे गजल सुबूत हैं, देख लो ऐ दिल के मालिक l
अपने हर आंसू की कीमत वसूल किया है हमने ll

तेरे दर पे मुझे कुछ न मिलेगा, ये जानकर भी l

इस दिल के सहारे तेरी बंदगी किया है हमने ll

1307


कैसा अजीब रिश्ता है
ये दिल आज भी
धोखे में हैं...
और

धोखेबाज आज भी दिल में....!!!

1306


प्रेम कोई व्यवहार थोड़े ही ना है,

कि तू करे,
तो ही मैं करुँ ?

9 May 2017

1305


आ, लिख दूं आज कुछ तेरे बारे में...
मुझे पता है,
तू रोज ढूंढती हैं,

खुद को मेरे अल्फाज़ो में . . . !

1304


वफ़ा करने से मुकर गया है दिल;
अब प्यार करने से डर गया है दिल !
अब किसी सहारे की बात मत करना;

झूठे दिलासों से भर गया है अब यह दिल !!

1303


नादानगी की हद तो देखो...,
मेरे सनम की.......

मुझे खोकर आजकल,
मेरे जैसा ढूँढ रही है !

1302


साक़ी को गिला है कि
उसकी बिकती नहीं शराब...

और एक तेरी आँखें हैं कि
होश में आने नहीं देतीं...

1301



रुठुंगी अगर तुजसे
तो इस कदर रुठुंगी की ,

ये तेरी आँखे मेरी एक
झलक को तरसेंगी !!

8 May 2017

1300


मुझे कोई प्यार करे...
ऐसी फिरयाद नही है मेरी

पर में सबसे प्यार करू...
ऐसा दिल जरूर दिया है रब ने...

1299


अर्थ लापता हैं
या फिर शायद शब्द खो गए हैं,

रह जाती है मेरी हर बात क्यूँ
इरशाद होते होते...

1298


क्या हुआ जो हमसफ़र ना बन सके,
दोस्त ही सही,

ये मोहब्बत भी ना जाने ...
कितने समझौते करवाती है . . .

1297


एक दिल मेरे दिल को ज़ख़्म दे गया
ज़िंदगी भर ना मिलने की कसम दे गया!
लाख फूलों में से चुना था एक फूल

जो काटो से भी गहरी चुबन दे गया !

1296


खुद से भी छुपाई है,
धड़कन अपने सीने की,

हम को जीना पड़ता है,
ख्वाईश कब है जीने की..!!

6 May 2017

1295


बेशक अपनी मंजिल तक जाना है,
लेकिन जहाँ से अपना दोस्त ना दिखे;

वो ऊँचाई किस काम की ...!

1294


लो खत्म हुई,
रंग-ऐ-गुलाल की शोखियां;

चलो यारो फिर,
बेरंग दुनिया में लौट चले . . . ।

1293


मुफ्त में नहीं आता,
यह शायरी का हुनर…
इसके बदले ज़िन्दगी हमसे,

हमारी खुशियों का सौदा करती है…!

1292


कभी बंद आँखों से पढ़ लेती थी,
तुम मेरे साये की आवाज को…
आज भरी महफ़िल में,
मेरे नाम को अनसुना सा कर दिया...

1291


जिंदगी देने वाले, मरता छोड़ गये;
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये;
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की;

वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये।

1290


"तेरी चाहत में हम ज़माना भूल गये,
किसी और को हम अपनाना भूल गये,
तुम से मोहब्बत हैं बताया सारे जहाँ को,

बस एक तुझे ही बताना भूल गये......"

1289


गलती इतनी हुई की
तुझें जान से ज्यादा चाहने लगे हम
क्या पता था की मेरी इतनी परवाह

तुझें लापरवाह कर देगी!

1288


हम इतने बदनाम है कि
लडकिया हमें खुद फोन लगाकर बोलती है
आप हमारी गली मे मत आया करो
लोग शक बहुत करते है . . .

1287


होली के दिन तू मुझे मिलना
ज़रूर ऐ ज़िन्दगी।

तुझे खुशियो के रंगो से
रँगने की ख्वाहिश है ।।

1286


संभल कर रहना जीवन में
उन लोगों सॆ दोस्तों ..,

जिनके दिल के अंदर भी
दिमाग रहता हे ..!!

3 May 2017

1285


न जाने कितनी अनकही बातें,
कितनी हसरतें साथ ले जाएंगे...
लोग झूठ कहते हैं कि
खाली हाथ आये थे,
खाली हाथ जाएंगे . . . 

1283 - 1284


तु इस कदर मुझे,
अपने करीब लगता है ।
तुझे अलग से जो सोचूं तो,
अजीब लगता है . . . ।

परवीन शाकिर

ज़ाने क़ितनी अनक़हीं बातें,
क़ितनी हसरतें साथ ले ज़ाएंग़े...
लोग़ झूठ क़हते हैं क़ि,
ख़ाली हाथ आये थे,
ख़ाली हाथ ज़ाएंग़े......

1282


"कितनी अजीब बात है;
जब हम गलत होते है तो समझौता चाहते हैं...,
और दुसरे गलत होते है तो;

हम न्याय चाहते हैं...!

1281


हाल तो पुछ लूं तेरा...
पर डरता हूँ आवाज से तेरी,
जब जब सुनी है...

कम्बख्त मोहोब्बत ही हुई है...!

2 May 2017

1280


जिंदगीने कैसी खिंची
यह तसवीर हमारी।
छुपा न सकी वो,

हॅसते हुए पलकोंके, पिछे के आंसूभी ।।

1279


किस्मत की किताब तो
खूब लिखी थी मेरे रब ने,

बस वही पन्ना गुम था . . .
जिसमे तेरा जिक्र था।

1278


तेरी मोहब्बत भी,
किराये के घर की तरह थी . . .

कितना भी सजाया,,,
पर मेरी न हो सकी...

1277


दिल तोड़ के जाने वाले सुन...
दो और भी रिश्तें बाक़ी हैं;
एक सांस की डोरी अटकी है,

एक प्रेम का बंधन बाक़ी है...!

1276


दीवार क्या गिरी
मेरे कच्चे मकान की…

लोगों ने मेरे आँगन से
रास्ते बना लिए…

1275


ए बुरे वक्त,
जरा आदब से पेश आ...
वक्त ही कितना लगता है ,

वक्त बदलने में !

1274


क्या मांगू खुदा से में आपको पाने के बाद,
किसका करू इंतेज़ार में आपके आने के बाद,
क्यूँ दोस्तों पर जान लुटाते हैं लोग,

मालूम हुआ आपको दोस्त बनाने के बाद !

1273


बैठे बैठे ज़िन्दगी बरबाद ना की जिए,
ज़िन्दगी मिलती है कुछ कर दिखाने के लिए,
रोके अगर आसमान हमारे रस्ते को,
तो तैयार हो जाओ आसमान झुकाने के लिए |

1272


कभी इनका हुआ हूं मै,
कभी उनका हुआ हूं मै,
खुद के लिए कोशिश नहीं की,
मगर सबका हुआ हूं मै…
मेरी हस्ती बहुत छोटी,
मेरा रूतबा नही कुछ भी
लेकिन डूबते के लिए सदा

तिनका हुआ हू मै

1271


क्या करे रिश्तों के बजार में आजकल…
वो लोग हमेशा अकेले पाये जाते हैं,
साहेब जो दिल और जुबान के सच्चे होते हैं,

जैसे हम . . . !