6876
ज़मानेसे ना पूँछों,
हाल-ए-दिल...
आँसू बयान करते हैं,
ज़ख़्मोंकी गहराई.......
6877ज़िन्दा था तो,एक नज़र न देखा प्यारसे, फराज़...मर गए हैं तो,अब कब्रपें आँसू बहाने आ गए.......
6878
जब कुछ सपने अधूरे रह जाते हैं;
तब दिलके दर्द, आँसू बनकर बह जाते हैं;
जो कहते हैं कि हम सिर्फ आपके हैं;
पता नहीं कैसे, अलविदा कह जाते हैं ll
6879यूँ किसीकी यादमें रोना फ़िज़ूल हैं...इतने अनमोल आँसू खोना फिज़ूल हैं...रोना तो उनके लिए जो हमपर निशार हैं;उनके लिए क्या रोना, जिनके आशिक हज़ार हैं...
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आखिर गिरतेहुए आँसूने, पूछ ही लिया...
मुझसे गिरा दिया ना.......
मुझे उसके लिए,
जिसके लिए तू,
कुछभी नहीं.......