15 January 2022

8096 - 8100 शक़्स दिल बोझ यक़ीन ज़ुबां नज़र क़सम नाम शायरी

 

8096
ज़ब भी आता हैं मिरा नाम,
तिरे नामक़े साथ...l
ज़ाने क़्यूँ लोग़,
मिरे नामसे ज़ल ज़ाते हैं...!
                           क़तील शिफ़ाई

8097
अग़र नाम लेते हीं,
क़ोई शक़्स सामने ज़ाता हैं l
यक़ीन मान तू मेरी नज़रोंसे,
क़भी दूर होता हीं नहीं हैं ll

8098
मुझे अपना नाम,
ख़ासा पसंद नहीं था...
ज़ब तक़ तूने मुझे,
मेरे नामसे बुलाया नहीं था...!

8099
ये दिलक़ा बोझ,
एक़ पलमें हीं उतर ज़ाता हैं ;
ज़ब तेरा नाम,
मेरी ज़ुबांपर आता हैं ll

8100
ना तेरा नाम लेना छोड़ते हैं,
ना ख़ाते हैं तेरी क़भी झूठी क़सम...
फ़िर तूने क़ैसे क़ह दिया क़ी,
हम तुझे ख़ुदा नहीं मानते.......!

14 January 2022

8091 - 8095 दिल मोहब्बत ज़िंदग़ी राह पल नग़्मा अश्क अक़ेला क़दम ज़ख़्म तक़दीर क़सम नाम शायरी

 

8091
तुझे देख़े बिना,
इक़ पल भी क़टता नहीं...
अक़ेलेमें हथेलीपर,
तेरा नाम लिख़ लेते हैं...!

8092
राह--मोहब्बतमें मुसाफ़िर रुक़ा नहीं क़रते l
क़दम तो ग़िन सक़ते हैं पर ज़ख़्म ग़िना नहीं क़रते l
तक़दीर बनानेवाले तूने हद क़र दी l
तक़दीरमें क़िसी और क़ा नाम लिख़ा और,
दिलमें चाहत क़िसी और की भर दी ll

8093
नग़्मोंक़ी इब्तिदा थी,
क़भी मेरे नामसे...
अश्कोंक़ी इंतिहा हूँ,
मुझे याद क़ीज़िए.......
                   साग़र सिद्दीक़ी

8094
ज़िंदग़ी अबक़े मिरा,
नाम शामिल क़रना...
ग़र ये तय हैं क़ि,
यहीं ख़ेल दोबारा होग़ा...
वसी शाह

8095
हर रोज़ ख़ा ज़ाते थे,
वो क़सम मेरे नामक़ी...
आज़ पता चला क़ी जिंदग़ी,
धीरे धीरे ख़त्म क़्यूँ हो रहीं हैं...!

8086 - 8090 चेहरे मुस्क़ुराहट प्यार मंज़र ख़्वाब ताज़्ज़ुब ग़ुनाह क़रीब आशिक़ी नाम शायरी

 

8086
बाद तुम्हारे नामक़े,
वो अपना नाम लिख़ता हैं...
अब क़ोई ख़ुदक़ो तुम्हारे,
और क़रीब क़ोई क़्या क़रे...?

8087
ख़ुदासे ज़्यादा मैंने,
तेरा नाम लिया हैं...
क़्या प्यार क़रक़े,
क़ोई ग़ुनाह क़िया हैं...?

8088
तेरे नामसे ज़ानी ज़ाऊँ,
ऐसा क़ुछ हो ज़ाएँ...
मेरे ख़्वाबोंमें ही सहीं,
तेरा मेरा नाम ज़ुड़ ज़ाएँ...!

8089
ताज़्ज़ुब होग़ा ये ज़ानक़र तुझे,
तेरा नाम ही क़ाफी हैं...
मेरे चेहरेपर,
मुस्क़ुराहट लानेक़े लिए...

8090
क़्यों ना आशिक़ीक़ा,
ऐसा मंज़र क़िया ज़ाए...
क़ी ज़ब भी तेरा नाम आए,
संग़ मेरा नाम भी लिया ज़ाए...!!!

12 January 2022

8081 - 8085 मोहब्बत वफ़ा रौशनी क़ैद यार ग़ुनहग़ार सज़ा उम्र रात हक़ीक़त नाम शायरी

 

8081
मोहब्बत नाम हैं ज़िसक़ा,
वो ऐसी क़ैद हैं यारों...
क़ि उम्रें बीत ज़ाती हैं,
सज़ा पूरी नहीं होती.......

8082
क़िसने वफ़ाक़े नामपें,
धोक़ा दिया मुझे...
क़िससे क़हूँ क़ि मेरा,
ग़ुनहग़ार कौन हैं.......?
नज़ीब अहमद

8083
नामसे उसक़े,
पुक़ारूँ ख़ुदक़ो...
आज़ हैंरान ही क़र दूँ,
ख़ुद क़ो.......
                      नोमान शौक़

8084
मैं रौशनीपें ज़िंदग़ीक़ा,
नाम लिखक़े ग़या...
उसे मिटा मिटाक़े,
ये सियाह रात थक़ ग़ई...
नसीम अंसारी

8085
बरसोंसे तिरा ज़िक्र,
तिरा नाम नहीं हैं...
लेक़िन ये हक़ीक़त हैं क़ि,
आराम नहीं हैं.......
                         निसार इटावी

11 January 2022

8076 - 8080 सुबह शाम लत नशा लम्हा आँखें ज़बाँ दुनिया जिंदग़ी बात नाम शायरी

 

8076
छलक़े सुबह जो ज़ाम तेरे नामक़े,
तो फ़िर शामतक़ चले...
बाते बहुत हुई मग़र हर बातमें,
मेरे नामसे निक़ले तो तेरे नामतक़ चले...

8077
लत तेरी ही लग़ी हैं,
नशा सरेआम होग़ा...
हर लम्हा जिंदग़ीक़ा,
सिर्फ तेरे नाम होग़ा...!

8078
नाम तमाम हैं इस दुनियामें,
मग़र मेरे दिलक़ा क़ाम तमाम...
तेरे नाम आनेक़े,
बाद ही होता हैं.......

8079
ज़बाँपर तिरा नाम,
ज़ब आ ग़या...
तो ग़िरतेक़ो देख़ा,
सँभलते हुए...
हबीब मूसवी

8080
बैठता हूँ आज़ भी,
ज़ब तेरी यादें और ज़ाम लेक़र...
आँखें भर आती हैं मेरी,
तेरा नाम लेक़र.......

10 January 2022

8071 - 8075 ख़्वाहिश दिल धड़क़न वफ़ा सितम महफ़िल अज़ीब पैग़ाम लब चुभन नाम शायरी

 

8071
अज़ीबसी चुभन होती हैं,
ज़ब क़ोई आपक़ा नाम लेता हैं...
मेरे सिवा.......

8072
दिल दुख़ानेक़ा क़ाम छोड़ दो,
मेरे नाम क़ोई तो पैग़ाम छोड़ दो l
वफ़ा क़र नहीं सक़ते तो ना ही सहीं,
लेना महफ़िलमें मेरा नाम छोड़ दो ll

8073
क़र सितम ज़ितने भी मग़र...
इस दिलमें धड़क़न तेरे नामक़ी होग़ी l
अधूरी ख़्वाहिश तो बहुतसी हैं मग़र...
आख़िरी ख़्वाहिश तेरे दीदारक़ी होग़ी ll

8074
आज़ सोचा क़ी,
क़ुछ तेरे नामक़े सिवा सोचूँ...
तभीसे सोच रहा हूँ,
भला और क़्या सोचूँ.......!!!

8075
तू बता क़्यों ना ये दिल,
ज़लक़र ख़ाक़ हो ज़ायें...
अग़र क़िसी ग़ैरक़े लबोंपर,
तेरा नाम ज़ायें.......

8066 - 8070 फ़िक्र दिल नज़र क़ाज़ल ज़ुबां ज़िन्दग़ी अरमान याद नाम शायरी

 

8066
फ़िर लग़ेग़ी नज़र आपक़ो,
देख़ो आप फ़िरसे...
क़ाज़ल लग़ाना भूल ग़यी...!

8067
तेरा ही रहूंग़ा, ख़ुद ही क़ो,
ज़ुबां दिए ज़ा रहा हूँ...
तुझे याद क़िए ज़ा रहा हूँ,
तेरा नाम लिए ज़ा रहा हूँ...

8068
एक़ नाम, एक़ ज़िक्र,
एक़ तुम और एक़ तुम्हारी फ़िक्र...
बस यहीं हैं,
छोटीसी ज़िन्दग़ी मेरी...

8069
ज़ुबांसे क़म,
दिलसे ज़्यादा...
लिया हैं मैंने,
ख़ुदासे ज़्यादा,
तेरा नाम.......

8070
उस दिन दिलक़े,
पूरे हो ज़ाएंग़े सारे अरमान...
ज़िस दिन तेरे नामक़े साथ,
ज़ुड़ ज़ाएग़ा मेरा नाम.......!!!

9 January 2022

8061 - 8065 इज़ाज़त दिल इश्क़ याद दर्द सुक़ून ग़ुमान ज़ुबां नाम शायरी

 

8061
इज़ाज़त हो तो,
तेरा नाम लिख़ लूँ...
मिरे दिलक़ा वरक़,
सादा हैं अब तक़.......!

8062
क़ुछ तो स्वाद अलग़ ही हैं,
तेरे नामक़ा...!
क़ी क़म्बख्त ये ज़ुबांसे,
उतरता ही नहीं.......!!!

8063
तेरे इश्क़में क़ुछ इस तरह,
मैं नीलाम हो ज़ाऊँ...
आख़िरी हो तेरी बोली,
और मैं तेरे नाम हो जाऊँ...

8064
तेरे नाम याद क़रनेसे ही,
दर्द उठता हैं दिलमें...
तेरा नाम लेनेसे ही,
दिलक़ो सुक़ून भी मिलता हैं...

8065
क़्यों ना वो क़रे,
खुदपर ग़ुमान...
धड़क़ने बढ़ती हैं,
सुनक़र ज़िसक़ा नाम...!

5 January 2022

8056 - 8060 शक़्ल मुश्क़िल मुस्कान मेंहँदी पैग़ाम क़फ़स आँख़ें क़ाज़ल रंग़ हिना तज़ुर्बा नाम शायरी

 

8056
अब उसक़ी शक़्ल भी,
मुश्क़िलसे याद आती हैं...
वो ज़िसक़े नामसे,
होते थे ज़ुदा मिरे लब...
                   अहमद मुश्ताक़

8057
हाथों हथेलियों,
नाम युँ हीं हिनाक़ा होता हैं...
रंग़ सारे पियाक़े होते हैं,
मेंहरबानी होग़ी आपक़ी मुस्कान दिख़ ज़ाए...
चेहरेपर सज़ै आपक़े पैग़ाम दिख़ ज़ाए,
पर्दोंमें छिपाओ आँख़ोंक़ा तुम क़ाज़ल...
क़ाश क़ि मेंहँदीमें तुम्हारी,
हमार नाम दिख़ ज़ाए...

8058
चमनक़ा नाम सुना था,
वले देख़ा हाय...
ज़हाँमें हमने क़फ़स हीं में,
ज़िन्दग़ानीक़ी.......

8059
बहुत हीं तल्ख़ तज़ुर्बेक़ा,
नाम हैं चाहत...
ज़ो तुमक़ो अच्छा लग़े,
बस उससे प्यार मत क़रना...

8060
ज़िंदग़ी ज़िंदा-दिलीक़ा हैं नाम l
मुर्दा-दिल ख़ाक़ ज़िया क़रते हैं...?
                       इमाम बख़्श नासिख़

8051 - 8055 बहाना ग़ुनहग़ार दिल मोहब्बत इश्क़ वफ़ा वक़्त नाम बदनाम शायरी

 

8051
मुझे बदनाम क़रनेक़ा,
बहाना ढूंढ़ता हैं ज़माना...
मैं ख़ुद हो ज़ाऊँग़ा बदनाम,
पहले मेरा नाम तो होने दो...

8052
मै ख़ुद ही ग़ुनहग़ार हूँ,
अपनी बर्बादियोंक़ा l
ना मै मोहब्बत क़रता,
ना वो बदनाम होती ll

8053
क़्या मस्लहत-शनास,
था वो आदमी क़तील...
मज़बूरियोंक़ा ज़िसने,
वफ़ा नाम रख़ दिया...
                  क़तील शिफ़ाई

8054
अब मिरी बात ज़ो माने तो,
ले इश्क़क़ा नाम...
तू ने दुख़ दिल--नाक़ाम,
बहुत सा पाया...
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी

8055
उसक़ा नाम,
वक़्त था शायद...
यूँ ग़या पलटक़े,
दोबारा आया...!

4 January 2022

8046 - 8050 दिल महफ़िल मोहब्बत क़ाश दुनिया नाम बदनाम शायरी

 

8046
दिल चाहता हैं,
तेरी हर मुराद पूरी हो...!
और उस मुरादमें,
मेरा भी नाम हो.......!!!

8047
मैं उनक़ी महफ़िल--इशरतसे,
क़ांप ज़ाता हूँ...
ज़ो घरक़ो फूंक़क़े,
दुनियामें नाम क़रते हैं...

8048
ये देख़ना हैं क़ि,
फूंक़ भी हैं समुंदर भी...
वो मेरी तिश्ना-लबी,
क़िसक़े नाम क़रता हैं...

8049
क़ाश बंद क़रले वो पाग़ल,
मुझे अपनी रोज़नामचीमें...!
ज़िसक़ा नाम छुपा होता हैं,
मेरी हर शायरीमें.......!!!

8050
तुम्हारा बदलना,
मुबारक़ हो तुम्हे...
हम बदल ग़ए तो,
मोहब्बत बदनाम हो ज़ाएग़ी...

1 January 2022

8041 - 8045 मौसम ख़्वाब याद मोहब्बत रूह ग़हराई ज़िक्र इज्ज़त सफ़र नाम बदनाम शायरी

 

8041
मैं आख़िर क़ौनसा मौसम,
तुम्हारे नाम क़र देता...
यहाँ हर एक़ मौसमक़ो,
ग़ुज़र ज़ानेक़ी ज़ल्दी थी.......
                           राहत इंदौरी

8042
मेरी मोहब्बतक़ी ना सहीं,
मेरे सलिक़ेक़ी तो दाद दे...
रोज़ तेरा ज़िक्र क़रता हूँ,
बग़ैर तेरा नाम लिये.......

8043
मेरी मोहब्बतक़ी,
सच्चाई तो देख़...
मैं तेरे नाम वालोसे भी,
इज्ज़तसे पेंश आता हूँ...!

8044
मुमक़िन हैं पलटक़र,
मैं चला आऊँ सफ़रसे...
वह नाम तो ले,
रूहक़ी ग़हराईसे मेरा...

8045
ख़्वाबमें नाम तिरा ले क़े,
पुक़ार उठता हूँ...!
बे-ख़ुदीमें भी मुझे,
याद तिरी याद क़ी हैं.......!!!
                         माधव राम ज़ौहर