6 January 2020

5296 - 5300 दुनिया जादू यक़ीन हक़ीक़त शक़ ख़बर खफा दुश्मन आँसु शरारत मंझिल उम्र आँख शायरी


5296
एक उम्र वो थी की,
जादू पर भी यक़ीन था...
एक उम्र ये हैं की,
हक़ीक़तपर भी शक़ हैं...!

5297
फ़ासलोंको ख़बर हो चुकी थी;
नज़दीकियोंकी उम्र हो चली हैं...

5298
आँखे जो आपको समझ सके,
वहीं अपने हैं l
वरना खूबसूरत चेहरे तो,
दुश्मनोंके भी होते हैं ll

5299
जिस दिन बंद कर ली हमने आँखें,
कई आँखोंसे उस दिन आँसु बरसेंगे;
जो कहते हैं के बहुत तंग करते हैं हम,
वही हमारी एक शरारतको तरसेंगे...

5300
मंझिल तेरी यहीं थी,
पर उम्र लगाई तूने यहाँ आते आते...
क्या मिला तुझे दुनियासे खफा हो के,
अपनोंनेही जलाया तुझे जाते जाते...

5 January 2020

5291 -5295 आँख तन्हाई नशीली बेहिसाब लफ्ज़ जहर खामोशियाँ निकाह साथ उम्र शायरी


5291
श्क़का उम्रसे,
नही कोई लेना-देना साहब...
ये वो शै है,
ज़ितनी पुरानी,
उतनी नशीली होती हैं...!

5292
इश्क़की उम्र नहीं होती,
ना ही दौर होता हैं;
इश्क़ तो इश्क़ हैं,
जब होता हैं...
बेहिसाब होता हैं...!

5293
माहौल कुछ ऐसा,
बना तेरे मेरे दरमियाँ...
लफ्ज़ोने जहर पी लिया,
और खामोशियोंकी उम्र बढ गई...

5294
तन्हाई,
तू अब निकाह करले मुझसे...
जब उम्रभर साथ ही रहना हैं,
तो चल जमानेकी,
ये रस्मे भी अदा करलें.......

5295
एक उम्रके बाद,
उस उम्रकी बातें...
उम्रभर याद आती हैं;
पर वह उम्र फिर उम्रभर नहीं आती...

4 January 2020

5286 - 5290 ज़िंदगी ज़माना मंज़र फरेब मुस्कुराहट खंजर तज़ुर्बे किताबें सबक उम्र शायरी


5286
उम्र छोटी हैं, तो क्या...
ज़िंदगीका हर एक मंज़र देखा हैं;
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं,
बगलमें खंजर देखा हैं.......

5287
तज़ुर्बे ना पूछो ज़िंदगीके,
उम्र शर्मिंदा हो जाएगी...

5288
कभी कभी धागे बड़े कमज़ोर,
चुन लेते हैं हम...
और फिर पूरी उम्र गाँठ बाँधनेमें ही,
निकल जाती हैं.......

5289
एक उम्रसे तराश रहा हूँ ख़ुदको,
कि हो जाऊं लोगोंके मुताबिक़;
पर हर रोज़ ये ज़माना मुझमें,
एक नया ऐब निकाल लेता हैं...

5290
सिखा सकी,
जो उम्र भर तमाम किताबें;
करीबसे कुछ चहरे पढे और,
जाने कितने सबक सिख लिए...!

5281 - 5285 दिल दस्तक दुनिया चौखट झलक उम्मीद मुलाकात इन्तजार दरख़्त फ़ासले उम्र शायरी


5281
दस्तकभी ना दी,
तेरे दरवाजेपे हमने...
और उम्रभी गुज़ार दी,
तेरी चौखटपर.......

5282
इक झलक देखलें तुमको,
तो चले जाएँगे...
कौन आया हैं यहाँ,
उम्र बिताने के लिए.......

5283
बस तुम कोई,
उम्मीद दिला दो मुलाकातकी,
फिर इन्तजार तो हम,
सारी उम्र कर लेंगें.......

5284
हम भी बरगदके,
दरख़्तोंकी तरह हैं...
जहाँ दिल लग जाए वहाँ,
ताउम्र खड़े रहते हैं.......!

5285
चार दिनोंकी उम्र मिली हैं,
फ़ासले जन्मोंके...
इतने कच्चे रिश्ते क्यूँ हैं,
इस दुनियामें अपनोके.......

2 January 2020

5276 - 5280 लम्हा रिश्तों उम्मीद मोहब्बत उम्र शायरी


5276
बितानी तो एक उम्र है,
तेरे बिना...
और गुजरता तो एक,
लम्हा भी नहीं......

5277
रात बाक़ी थी,
जब वो बिछड़े थे...
कट गई उम्र,
रात बाक़ी है.......

5278
पत्तों सी हो गई है,
रिश्तोंकी उम्र...
आज हरे, कल पीले,
परसों सूखे.......

5279
उम्मीदोंके ताले,
पड़े के पड़े रह गये...
तिजोरी उम्रकी,
जाने कब ख़ाली हो गई...

5280
मोहब्बतसे बाज जाओ,
मोहब्बत करने वालो...
मैने एक उम्र गुज़ारी है,
मिला कुछ भी नही.......

1 January 2020

5271 - 5275 इश्क़ बात समझ दुश्मनी मुफ़्त बेपनाह साथ पल नजर वादा दाग उम्र गुनाह शायरी


5271
ये बात समझनेमें,
उम्र लग गई कि...
बेगुनाह होना भी,
एक गुनाह है...

5272
दुश्मनी हो जाती है,
मुफ़्तमें सैकड़ोंसे साहब...
इंसानका बेहतरीन होना भी,
एक गुनाह है.......

5273
चल एक खूबसूरत,
गुनाह कर लें...
साथ दो पलका सही,
इश्क़ बेपनाह कर लें...!

5274
बेगुनाह कोई नहीं,
सबके राज होते है;
किसीके छुप जाते है,
किसीके छप जाते है...

5275
हर नजरमें मुमकिन,
नहीं है बेगुनाह रहना...
वादा ये करें की खुदकी,
नजरमें बेदाग रहें.......!

5266 - 5270 इश्क़ बात मुहब्बत होश सुर्ख लब रुखसार नज़रें शबाब शराब महफिल मयखाने शायरी


5266
मुहब्बतसे गुजरा हूँ,
अब मयखानेमें जाना है;
दोनोंका असर एक ही है,
बस होश ही तो गवाना है...

5267
ये सुर्ख लब, ये रुखसार,
और ये मदहोश नज़रें...
इतने कम फासलों पर तो,
मयखाने भी नहीं होते.......!

5268
कभी मंदिरोंमें,
इश्क़की बातें सुनी मैंने...
मयखानोंमें हर तरफ,
इश्क़के ही चर्चे थे...

5269
मयखानेमें अब ऐसी बात नहीं...
तेरे शबाबसी बात राबमें नहीं...!

5270
कई महफिलोंमें गया हूँ,
हजारों मयखाने देखे...
तेरी आँखोंसा शाकी कहीं नहीं,
गुजरें कहीं जमाने देखे...

31 December 2019

5261 - 5265 दिल आँख नशेबाज हसरत दीदार दुनिया जुदा हिचकी धड़कन महसूस मयखाने शायरी


5261
मैं उन आँखोंके मयख़ानेमें,
थोड़ी देर बैठा था...
मुझे दुनिया आज भी,
नशेबाज कहती हैं.......!

5262
हम तुम्हें कभी खुदसे,
जुदा होने नहीं देंगे...
तुम देरसे मिले,
इतना नुकसान ही काफी हैं...

5263
बहुत देरसे कोई,
हिचकी नहीं आयी...
भूलाने वालोंकी,
रब खेर करे.......

5264

बहुत देर कर दी तुमने,
मेरी धड़कन महसूस करनेमें...
वो दिल नीलाम हो गया,
जिसको कभी हसरत तुम्हारे दीदारकी थी...!

5265
बड़ी देर कर दी,
उसने मेरा दिल तोड़नेमें...
ना जाने कितने शायर,
मुझसे आगे निकल गये...!

30 December 2019

5256 - 5260 दिल प्यार इंतज़ार धड़कन ज़िंदगी दुनिया रास्ते बेवफा खफा बेशक किताब याद शायरी


5256
जाओ के तुम्हे अब भी याद करते हैं,
ज़िंदगीसे ज़ियादा तुम्हे प्यार करते हैं;
आप जिस रास्तेसे गुज़रते भी नहीं,
हम उन रास्तोमें भी आपका इंतज़ार करते हैं...

5257
दिल, तू धड़कना बंद कर...
जब जब तू धड़कता हैं,
तब तब उनकी याद आती हैं;
वो तो खुश हैं अपनी दुनियामें,
जान तो पल पल हमारी जाती हैं...

5258
प्यारके रास्ते बेवफा हो नहीं सकते,
हम आपसे खफा हो नहीं सकते;
आप बेशक हमें भूलकर सो जाओ,
मगर हम आपको याद किये बिना सो नहीं सकते...

5259
किताबोंकी अहमियत,
अपनी जगह जनाब...
सबक वही याद रहता हैं,
जो वक़्त और लोग सिखाते हैं...

5260
भूलने वाली सारी बातें,
याद हैं.......
इसीलिए ज़िन्दगीमें,
विवाद हैं...

28 December 2019

5251 - 5255 प्यार रिश्ता दिल दर्द साँस धड़कन कत्ल वक़्त सबूत तलाश इबादत याद शायरी


5251
ऐसा भी क्या,
रिश्ता हैं तुमसे...
दर्द कोई भी हो,
याद तुम्हारी ही आती है...!

5252
उनकी याद आयी है,
साँसों जरा धीरे चलो...
धड़कनों से भी इबादतमें,
खलल पड़ता है.......

5253
मेरे कत्लमें,
जब सबूतोंकी तलाश हुई...
मौका--वारदात पर,
बरामद तेरी याद हुई...!

5254
सिर्फ याद बनकर,
रह जाये प्यार मेरा...
कभी कभी कुछ वक़्तके लिए,
आया करो.......

5255
तुम्हें भूलने कि जिदमें,
खुद को भूल गया हूँ...
कहाँ मुमकिन - तू याद आये,
और मैं रो दूँ.......

5246 - 5250 दुनिया शिकवा खामोश बात आँख गुज़ारिश याद शायरी


5246
तुमसे ही रूठकर,
तुम्ही को याद करते हैं...
हमे तो ठीकसे,
नाराज़ होना भी नही आता...!

5247
बस इतनाही याद रखना की,
दुनियाके किसी कोनेमें,
एक इन्सान है;
जो बहोत खुश है,
क्योंकी तुम खुश हो...!

5248
नींदको आज भी,
शिकवा है मेरी आँखोंसे...
मैने आने दिया उसको,
कभी तेरी याद से पहले...!

5249
खामोश रहकर भी,
मुझे हर बात बताते है तेरी...
कुछ फूल किताबो के,
आज भी याद दिलाते हैं तेरी...!

5250
मुझे कुछ नहीं कहना,
बस इतनी गुज़ारिश है...
मुझे तुम उतने ही मिल जाओ,
जितने याद आते हो.......!