31 December 2019

5261 - 5265 दिल आँख नशेबाज हसरत दीदार दुनिया जुदा हिचकी धड़कन महसूस मयखाने शायरी


5261
मैं उन आँखोंके मयख़ानेमें,
थोड़ी देर बैठा था...
मुझे दुनिया आज भी,
नशेबाज कहती हैं.......!

5262
हम तुम्हें कभी खुदसे,
जुदा होने नहीं देंगे...
तुम देरसे मिले,
इतना नुकसान ही काफी हैं...

5263
बहुत देरसे कोई,
हिचकी नहीं आयी...
भूलाने वालोंकी,
रब खेर करे.......

5264

बहुत देर कर दी तुमने,
मेरी धड़कन महसूस करनेमें...
वो दिल नीलाम हो गया,
जिसको कभी हसरत तुम्हारे दीदारकी थी...!

5265
बड़ी देर कर दी,
उसने मेरा दिल तोड़नेमें...
ना जाने कितने शायर,
मुझसे आगे निकल गये...!

30 December 2019

5256 - 5260 दिल प्यार इंतज़ार धड़कन ज़िंदगी दुनिया रास्ते बेवफा खफा बेशक किताब याद शायरी


5256
जाओ के तुम्हे अब भी याद करते हैं,
ज़िंदगीसे ज़ियादा तुम्हे प्यार करते हैं;
आप जिस रास्तेसे गुज़रते भी नहीं,
हम उन रास्तोमें भी आपका इंतज़ार करते हैं...

5257
दिल, तू धड़कना बंद कर...
जब जब तू धड़कता हैं,
तब तब उनकी याद आती हैं;
वो तो खुश हैं अपनी दुनियामें,
जान तो पल पल हमारी जाती हैं...

5258
प्यारके रास्ते बेवफा हो नहीं सकते,
हम आपसे खफा हो नहीं सकते;
आप बेशक हमें भूलकर सो जाओ,
मगर हम आपको याद किये बिना सो नहीं सकते...

5259
किताबोंकी अहमियत,
अपनी जगह जनाब...
सबक वही याद रहता हैं,
जो वक़्त और लोग सिखाते हैं...

5260
भूलने वाली सारी बातें,
याद हैं.......
इसीलिए ज़िन्दगीमें,
विवाद हैं...

28 December 2019

5251 - 5255 प्यार रिश्ता दिल दर्द साँस धड़कन कत्ल वक़्त सबूत तलाश इबादत याद शायरी


5251
ऐसा भी क्या,
रिश्ता हैं तुमसे...
दर्द कोई भी हो,
याद तुम्हारी ही आती है...!

5252
उनकी याद आयी है,
साँसों जरा धीरे चलो...
धड़कनों से भी इबादतमें,
खलल पड़ता है.......

5253
मेरे कत्लमें,
जब सबूतोंकी तलाश हुई...
मौका--वारदात पर,
बरामद तेरी याद हुई...!

5254
सिर्फ याद बनकर,
रह जाये प्यार मेरा...
कभी कभी कुछ वक़्तके लिए,
आया करो.......

5255
तुम्हें भूलने कि जिदमें,
खुद को भूल गया हूँ...
कहाँ मुमकिन - तू याद आये,
और मैं रो दूँ.......

5246 - 5250 दुनिया शिकवा खामोश बात आँख गुज़ारिश याद शायरी


5246
तुमसे ही रूठकर,
तुम्ही को याद करते हैं...
हमे तो ठीकसे,
नाराज़ होना भी नही आता...!

5247
बस इतनाही याद रखना की,
दुनियाके किसी कोनेमें,
एक इन्सान है;
जो बहोत खुश है,
क्योंकी तुम खुश हो...!

5248
नींदको आज भी,
शिकवा है मेरी आँखोंसे...
मैने आने दिया उसको,
कभी तेरी याद से पहले...!

5249
खामोश रहकर भी,
मुझे हर बात बताते है तेरी...
कुछ फूल किताबो के,
आज भी याद दिलाते हैं तेरी...!

5250
मुझे कुछ नहीं कहना,
बस इतनी गुज़ारिश है...
मुझे तुम उतने ही मिल जाओ,
जितने याद आते हो.......!

27 December 2019

5241 - 5245 दिल कसमें रस्में फ़रियाद सिमट बिखर दर्द बरकत याद शायरी


5241
ये ,
ये ज़माने का डर...
रुलाएगी मुझे बहुत,
तेरी याद उमर भर...

5242
टूटे हुए दिल भी,
धड़कते है उम्र भर...     
चाहे किसी की यादमें,
या फिर किसी फ़रियादमें...

5243
खुदको समेटके,
खुदमें सिमट जाते हैं हम...
एक याद उसकी आती है,
फिरसे बिखर जाते हैं हम...

5244
कह दो ना इस दर्दको,
तुम्हारी तरह बन जाये...
ना मुझे याद करें,
और ना मेरे करीब आये...

5245
जलने वाले की दूआसे ही,
सारी बरकत हैं...
वरना अपना कहने वाले तो,
याद भी नही करते.......

25 December 2019

5236 - 5240 जिंदगी मेहरबान वक्त आँसु सवाल मासूमियत रोशनी हौंसले लौटना शायरी


5236
मेहरबान होके,
बुला लेना मुझको...
मैं गया वक्त नहीं,
जो लौटकर नहीं आए...!

5237
बुलाते रह जाते है,
बुलाने वाले...
फिर कब लौटकर आते है,
छोड़कर जाने वाले.......

5238
एक आँसु भी गिरता है,
तो लोग हजार सवाल पुछते है;
बचपन लौट आ,
मुझे खुलके रोना है.......

5239
जिंदगी वहीं लौटना चाहती है,
जहां दुबारा जाना मुमकिन नहीं होता;
जैसे बचपन मासूमियत,
पुराना घर, पुराने दोस्त...

5240
रोशनी मुकद्दरमें हो,
तो अंधेरे लौट ही जाते है;
हौंसले बुलंद हो,
तो रास्ते फिर खुल ही जाते है...!

24 December 2019

5231 - 5235 दिल चाह मोहब्बत तकल्लुफ़ सितम रहगुज़र दर्द भीड लौटना शायरी


5231
तुम लौटके आनेका,
तकल्लुफ़ मत करना...
हम एक मोहब्बतको,
दोबारा नहीं करते.......

5232
मिज़ाज़ अच्छा है आज हमारा,
सितम करना है तो लौट आओ...!

5233
तुम्हें पसंद थी ना,
शायरियाँ मेरी...
सुनो लौट आओ,
कुछ लिखा है तुम्हारे लिये...!

5234
बैठे है रहगुज़र पर,
दिलका दीया जलाये...
शायद वो दर्द जाने,
शायद वो लौट आये...!

5235
तैरता हुआ कागज मेरा,
लौट आया वापस;
उस किनारे पर भीड बहुत थी,
उनके चाहने वालोकी.......

23 December 2019

5226 - 5230 दिल धडकन यार ताल्लुकात आदतें हुस्न तारीफ दिवाना महफिल शायरी


5226
ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो,
कुछ आदतें बुरी भी सीख ले गालिब...
ऐब हों तो,
लोग महफ़िलों में नहीं बुलाते...!

5227
अगर दे तु हमको,
अपने हुस्नकी तारीफका एक मौका...
कसमसे,
पूरी महफिलको तेरा दिवाना ना कर दुँ,
तो लानत है मैरी शायरीपर.......!

5228
दिल, तेरी हर धडकनसे निकले,
दुआ मेरे यारके लिए...
महफिलसे उठने तक करूँगी,
उसकी हर तरह खातिर...
                                               भाग्यश्री

2529
एक महफ़िलमें,
कई महफ़िलें होती हैं शरीक...
जिसको भी पाससे देखोगे,
अकेला होगा.......!

5230
लौट आये हम,
शायरोकी महफ़िलमें...
पता तो चले हमारे बाद,
कितने दिवाने और गए यहाँ...!

5221 - 5225 दिल लफ्ज दहलीज घायल ज़ुबान तन्हाई फुरसत वक्त मुद्दत आरज़ू नज़्म महफिल शायरी


5221
लफ्जोकी दहलीजपर,
घायल ज़ुबान है...
कोई तन्हाईसे तो,
कोई महफ़िलसे परेशान है...

5222
फुरसत निकालकर आओ,
कभी हमारी महफ़िलमें...
लौटते वक्त दिल नही पाओगे,
अपने सीनेमें.......!

5223
बड़ी मुद्दतोंमें सीखा था हमनें,
तन्हा जीने का हुनर...
आप ने आकर फिर,
महफ़िलोंकी आरज़ू जगा दी...!

5224
मेरी महफ़िलमें नज़्मकी,
इरशाद अभी बाकी है...
कोई थोड़ा भीगा है,
अभी पूरी बरसात बाकी हैं...!

5225
महफ़िल में जो हमे,
दाद देने से कतराते हैं...
सुना है तन्हाईयोंमें वो,
हमारी शायरी गुनगुनाते हैं...!

22 December 2019

5216 - 5220 दिल ज़िंदगी मौजूदगी पल खत डोर रिश्ता ख्वाहिश कत्ल महसूस शायरी


5216
पढ लेते हो, जब खत मेरा,
खिंच लेते हो दिल;
जाने कौनसी डोर है जो दिखती नही,
पर महसूस बेपनाह होती है.......!
                                                संदीप कदम

5217
किसी से रिश्ता क्या है,
ये हमें मालूम हो जरुरी तो नहीं...
हाँ उस रिश्ते में कितना अपनापन है,
ये महसूस होना जरुरी है.......!

5218
कुछ ख्वाहिशोंका,
कत्ल करके मुस्कुरा दो...
ज़िंदगी खुद खुद,
बेहतर हो जायेगी...!

5219
किसीकी कमी जब,
महसूस होने लगे...
तो समझो ज़िंदगीमें उसकी मौजूदगी,
बहुत .गहरी हो चुकी है.......!

5220
फिसलती ही चली गई,
एक पल भी रुकी नहीं...
अब जा के महसूस हुआ,
रेत के जैसी है जिंदगी...