31 August 2020

6411 - 6415 दिल दर्द ज़िक्र मिज़ाज जिन्दगी याद इलाज शायरी

 

6411
गोया तुम्हारी यादही,
मेरा इलाज हैं...!
होता हैं पहरों,
ज़िक्र तुम्हारा तबीबसे...!
                 आग़ा हश्र काश्मीरी

6412
मौतका तो इलाज हो शायद,
जिन्दगीका कोई इलाज नहीं...

6413
क्या मुस्तकिल इलाज किया,
दिलके दर्दका...
वह मुस्कुरा दिये,
मुझे बीमार देखकर.......
                अब्दुल हमीद अदम

6414
"मर्दाना कमजोरीके इलाज" पर,
रंगी हुई हैं शहरोंकी दीवारें...
और लोग कहते हैं कि,
"औरतें कमज़ोर हैं".......

6415
पूछ लेते वो बस,
मिज़ाज मिरा...
कितना आसान था,
इलाज मिरा.......!
           फ़हमी बदायूंनी

6406 - 6410 दिल ज़ख्म ज़िक्र मशहूर आशिक़ मिज़ाज फ़साने कफन तोहफे इलाज शायरी


6406
मैं अपना सब्र आजमाता हूँ,
उस गलीमें कम ही जाता हूँ;
देखता हूँ कुरेदकर खुदको,
कि कितने ज़ख्म झेल पाता हूँ;
दिलका शहर मरहम समझता हैं हमें,
चोट खाये आशिक़ों में ऐसे मशहूर हूँ ll
                                              आजाद शायरी

6407
चिंगारियाँ ना डाल मेरे दिलके घावमें,
मैं खुद ही जल रहा हूँ दुखोंके अलावमें...
हैं कोई अहले दिल जो खरीदे मेरा मिजाज़,
मैं ज़ख्म बेचता हूँ मोहब्बतके भावमें.......

6408
अब ना मैं हूँ ना बाकी हैं, ज़माने मेरे;
फिरभी मशहूर हैं, शहरोंमें फ़साने मेरे;
ज़िन्दगी हैं तो नए ज़ख्मभी लग जाएंगे...
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे.......

6409
एहसान किसीका वो रखते नहीं,
मेरा भी लौटा दिया...
जितना खाया था नमक मेरा,
मेरे ही ज़ख्मोंपर लगा दिया.......

6410
डालना अपने हाथोंसे,
कफन मेरी लाशपर...
की तेरे दिए ज़ख्मोंके तोहफे,
कोई और ना देख लें.......

29 August 2020

6401 - 6405 दिल दर्द जिन्दगी प्यार नफरत तकलीफ़ दवा मोहब्बत शायरी

 

6401
नफरत करनेकी दवा,
बता दो यारो...
वरना मेरी मौतकी वजह,
मेरा प्यार ही होगा.......!

6402
माना मेरी मोहब्बतमें,
कोई कसर हैं...
तेरे मुस्कुरानेका असर,
मेरे चेहरेपर दिखता हैं...!

6403
हारको जीतकी इक दुआ मिल गई,
तप्त मौसममें ठंडी हवा मिल गई,
आप आये श्रीमान जी यूँ लगा,
जैसे तकलीफ़को कुछ दवा मिल गई ll

6404
दवाकी खपत हम,
गजबका बढ़ा रहे हैं...l
जिन्दगी तुझपर अजीब,
कहर ढा रहे हैं...ll

6405
ताबींजोमे क्या पू़ंछू,
इलाज दर्द--दिलका...
मर्ज जब ज़िंदगी खुद हो,
तो दुआ कैसी दवा कैसी...!

28 August 2020

6396 - 6400 दिल दर्द जख्म याद इश्क़ चारागर वफा शायरी

 

6396
इस मरज़से कोई बचा भी हैं,
चारागर इश्क़की दवा भी हैं...

6397
दर्दकी भी एक दवा हैं,
बेदर्द बन जाइये, जनाब...

6398
किसीके दर्दकी दवा बनो,
जख्म तो हर इन्सान देता हैं...

6399
गलत कहते हैं लोग... की,
सफेद रंगमें वफा होती हैं...
यारों अगर ऐसा होता तो आज,
नमक जख्मोंकी दवा होती.......

6400
अमीर--शहरके कुछ,
कारोबार याद आयें...
मैं रात सोच रहा था,
हराम क्या क्या हैं.......?
                    राहत इन्दौरी

27 August 2020

6391 - 6395 जीवन ख्वाब दवा जहर जाम विश्वास इतंजाम मेहनत असर दवा शायरी

 

6391
अपनोंपर भी उतना ही विश्वास रखो,
जितना दवाईयोंपर रखते हो...
बेशक कड़वे होंगे, पर...
आपके सेहतके लिए फायदेमंद होंगे...

6392
गुलाब ख्वाब दवा जहर जाम क्या क्या हैं,
मैं आ गया हूँ बता इतंजाम क्या क्या हैं,
फ़कीर शाख़ कलंदर इमाम क्या क्या हैं,
तुझे पता नही तेरा गुलाम क्या क्या हैं ll

6393
दवाईयोंके बैशाखीपर,
जीवनको संवारा हैं;
नई अविष्कारोंने,
छीन लिया बचपन हमारा हैं...

6394
तेरे मुस्कुरानेका असर,
सेहतपर होता हैं...
लोग पूछ लेते हैं,
दवाका नाम क्या हैं...!!!

6395
अमीरोंने बनाई,
ऐसी दवाई...
जो चुरा लेती हैं मेरे,
मेहनतकी सारी कमाई...

26 August 2020

6386 - 6390 जिन्दगी खफा ख्व़ाब बेवफा जहर मुश्किलें जख्म आँख दर्द जीत हौसला दवा शायरी

 

6386
बेकारके ख्व़ाब,
आँखोंमें ऐसे बस जाती हैं;
बिना दवाई खाएं,
रातको नींद नही आती हैं...

6387
तेरे मर्जकी,
सबने दी दवाई हैं...
मैंने सिर्फ तुम्हें,
मुस्कुरानेकी अदा सिखाई हैं...!

6388
हर दर्दकी दवा,
यहाँपर हैं...
अगर हारके बाद जीतका,
हौसला रख सको.......

6389
मौत माँगते हैं तो जिन्दगी खफा हो जाती,
जहर लेते हैं तो वो भी दवा हो जाती हैं;
तूही बता ऐ दोस्त क्या करूँ...
जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती हैं...

6390
दर्द भी वो दर्द जो दवा बन जाये,
मुश्किलें बढ़ें तो आसान बन जाये,
जख्म पाकर सिर झुका देता हूँ,
जाने कौन पत्थर खुदा बन जाये ll

25 August 2020

6381 - 6385 दिल जीवन कदर इश्क़ इलाज आशिक बात चैन दर्द दवा शायरी

 

6381
महँगाईके दौरमें,
दुआएं मिल जाएँ तो काफी हैं;
दवाएं तो कीमत अदा करनेपर,
मिल ही जाती हैं.......

6382
जिन्दा रहनेके लिए हवा चाहिए,
मरीजको जिन्दा रहनेके लिए दवा चाहिए;
इश्क़का कोई इलाज नहीं,
इश्क़के मरीजको सिर्फ़ दुआ चाहिए...!

6383
जो किसीके दर्दकी,
दवा बन गया...
समझो उसका जीवन,
सफल हो गया.......!

6384
दिल टूट जायें,
तो मुझे बताना...
दवा रखते हैं,
आशिकोके शहर आना...

6385
उनसे बात करके,
जिस कदर दिलको चैन आता...
इतना असर तो,
दवा भी नही दिखा पाता हैं.......!

24 August 2020

6376 - 6380 दिल दुआ इश्क़ मोहब्बत ज़ीस्त बात दर्द दवा शायरी

 

6376
इश्क़से तबीअतने,
ज़ीस्तका मज़ा पाया...
दर्दकी दवा पाई,
दर्द--बे-दवा पाया...
                  मिर्ज़ा ग़ालिब

6377
मोहब्बतको हवा दो,
दुआ दो और दवा दो...
इतनी भी नफरत मत करो,
कि किसीको बद्दुआ दो.......

6378
लोग कहते हैं,
जो दर्द देता हैं, वही दवा देता हैं...
पता नही फ़िजूलकी बातोंको,
हवा कौन देता हैं.......

6379
मोहब्बतका मरीज,
जो बन जाता हैं,
दवा और दुआ...
वहाँ काम नहीं आता हैं.......

6380
दवासे ठीक हो या,
दुआसे ठीक हो,
खुदा करे,
हर दिल--बीमार ठीक हो...

23 August 2020

6371 - 6375 असर तन्हा अदा जुदा दर्द दुख ग़लतफ़हमी दवा शायरी

 

6371
मेरे दुखकी कोई,
दवा करो l
मुझको मुझसे अभी,
जुदा करो ll
              सुदर्शन फ़ाख़िर

6372
कुछ दुआ भी तो,
हो मरीज़के नाम...
कब दवाका हुआ,
असर तन्हा.......
एलिज़ाबेथ कुरियन मोना

6373
उसने मुस्कुराकर,
इस अदासे दवा दी...
ऐसा लगा जैसे,
ग़लतफ़हमीको हवा दी...!

6374
मैं मसीहा उसे समझता हूँ;
जो मेरे दर्दकी दवा न करे ll
मुज़्तर ख़ैराबादी

6375
सर मिरा तनसे,
जुदा करते हैं...
दर्दकी आप,
दवा करते हैं.......!
          गोया फ़क़ीर मोहम्मद

22 August 2020

6366 - 6370 इश्क़ जिन्दगी कोशिश ख्वाहिश प्यार दुआ ज़हर इलाज निगाह वक्त दर्द दवा शायरी

 

6366
दवा दो, दुआ दो,
या सब कुछ वार दो;
कुछ मर्ज ठीक नही होते,
अगर प्यार दो.......!

6367
वो ज़हर देते तो,
सबकी निगाहमें आ जाते...
तो यूँ किया कि मुझे,
वक्तपें दवा ना दी.......
अख्तर निजामी

6368
जिन्दगीने मेरे मर्जका,
एक बढ़िया इलाज बताया...
वक्तको दवा कहा और,
ख्वाहिशोंका परहेज बताया...

6369
दुआ और दवासे,
क्या फ़ायदा होगा...
जिसने इश्क़का,
मर्ज पाल रखा हो...!

6370
ना कर तू इतनी कोशिशें,
मेरे दर्द को समझनेकी...
पहले इश्क़ कर, फिर चोट खा,
फिर लिख दवा मेरे दर्दकी.......!

21 August 2020

6361 - 6365 दिल दुनिया हौसला मुसाफिर वक़्त दर्द दवा शायरी

 

6361
कोई क्यूँ किसीका लुभाए दिल,
कोई क्या किसीसे लगाए दिल;
वो जो बेचते थे दवा--दिल,
वो दुकान अपनी बढ़ा गए...
                         बहादुर शाह ज़फ़र

6362
हौसला मत हार,
गिरकर ऐ मुसाफिर...
अगर दर्द यहाँ मिला हैं तो,
दवा भी यहीं मिलेगी.......

6363
मैं खुद कभी बेचा करता था,
दर्द--दिलकी दवा...
आज वक़्त मुझे अपनी ही,
दुकानपर ले आया.......

6364
इक दर्द-ए-मोहब्बत हैं,
कि जाता नहीं, वर्ना.......
जिस दर्दकी ढूँडे कोई,
दुनियामें दवा हैं.......
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी

6365
उल्टी हो गईं सब तदबीरें,
कुछ दवा ने काम किया...
देखा इस बीमारी--दिलने,
आख़िर काम तमाम किया...
                                मीर तक़ी मीर

20 August 2020

6356 - 6360 मजबूर दुआ इश्क़ गुज़ारिश शायरी

 

6356
दुआओंको भी अजीब,
इश्क़ हैं मुझसे यारा...
वो कबूल तक नहीं होती,
मुझसे जुदा होनेके डरसे.......!

6357
नाकाम हैं असरसे,
दुआएँ दुआसे हम...
मजबूर हैं कि,
लड़ नहीं सकते ख़ुदासे हम...
अहसन मारहरवी

6358
उठते नहीं हैं अब तो,
दुआके लिए भी हाथ...
किस दर्जा ना-उमीद हैं,
परवरदिगारसे.......
                   अख़्तर शीरानी

6359
दुआएँ मिल जाये आप सबकी,
बस यही काफी हैं...
दवाएँ तो कीमत अदा करने पर भी,
मिल ही जाती हैं.......

6360
जाते हो... ख़ुदा-हाफ़िज़,
हाँ इतनी गुज़ारिश हैं...
जब याद हम जाएँ,
मिलनेकी दुआ करना.......!
                       जलील मानिकपूरी

19 August 2020

6351 - 6355 जमाने होश दिल दुश्मन वफ़ा चोरी बेखबर रहजन दुआ दवा शायरी

 

6351
हवाएँ बदल गई हैं,
इस कदर जमानेकी...
दुआएँ माँग रहा हूँ,
होशमें आनेकी.......

6352
जिसे 'मैं' की हवा लगी...
उसे फिर न दवा लगी,
न दुआ लगी.......

6353
उस दुश्मन-ए-वफ़ाको,
दुआ दे रहा हूँ मैं;
मेरा हो सका वो,
किसीका तो हो गया ll
                  हफ़ीज़ बनारसी

6354
इक नहीं मांगी खुदासे,
आदमीयतकी रविश...
और हर शै के लिए,
बंदे दुआ करते रहें.......
दीवाना मोहन सिंह

6355
लुटता दिनको,
तो कब रातको यूँ बेखबर सोता...
रहा खटका चोरीका,
दुआ देता हूँ रहजनको.......
                                   मिर्जा गालिब

18 August 2020

6346 - 6350 दिल तमन्ना लब मोहब्बत शौक वफा सजा जुर्म खता अंजाम जिन्दगी दवा शायरी

 

6346
मेरे शौके-सजाका यह,
खौफनाक अंजाम तो देखो...
किसीका जुर्म हो,
अपनी खता मालूम होती हैं...
                           आजाद अंसारी

6347
खंदब-ए-लबसे,
न खो बैठो तुम होश अपने...
अंजाम भी कोई चीज हैं,
मुस्कराहट तो फक़त,
दाखिलेका खत होती हैं...

6348
आग़ाज़-ए-मोहब्बतका,
अंजाम बस इतना हैं...
जब दिलमें तमन्ना थी,
अब दिल ही तमन्ना हैं...!
                      जिगर मुरादाबादी

6349
मौत अंजामे जिन्दगी हैं मगर...
लोग मरते हैं जिन्दगीके लिये...
साहिल मानिकपुरी

6350
उनके कर्जदार और वफादार रहिये,
जो आपके लिए अपना वक्त देते हैं l
क्योकि.......
अंजामकी ख़बर तो कर्णको भी थी,
पर बात दोस्ती निभानेकी थी.......ll

17 August 2020

6341 - 6345 दिल इश्क़ बेवफा निशानी ज़ख़्म मरहम शायरी

 

6341
मरहम लगाइए,
कहीं भर ही जाए...
दिलका ये ज़ख्म,
उसकी आख़री निशानी हैं...

6342
देख लो.......
दिलपर कितने ज़ख़्म हैं !
तुम तो कहते थे,
इश्क़ मरहम हैं.......

6343
यहाँ कोई नहीं मिलेगा,
मरहम लगानेके लिये;
शायरी कर लीजिये,
गम आधा हो जायेगा...!

6344
मेरे ज़ख्मोंपर मरहम भी लगाया,
उसने तो ये कहकर...
जल्दी ठीक हो जाओ,
अभी तो और भी देनें हैं.......

6345
एक बेवफाके जख्मोपें,
मरहम लगाने हम गए...
मरहमकी कसम, मरहम मिला,
मरहमकी जगह मर हम गए.......!

16 August 2020

6336 - 6340 वहम ख्याल मजाक आज़ाद वतन शायरी

 

6336
वतन आज़ाद हुआ,
लोग आज़ाद हुए,
आज़ाद हुए ख्याल...
पर इस वहमसे,
कोई ना आज़ाद हुआ,
तू बड़ा की मैं.......

6337
हर कामकी रिश्वत,
ले रहे अब ये नेता...
कही इन्हीके हाथों,
वतन बिक न जाए...

6338
बाबू लोग वेतनपर और,
बाबा लोग तनपर मर रहे हैं...
जतन कुछ उनके लिए भी करो,
जो रोज़ वतनपर मर रहें हैं.......

6339
ये भी कड़वा मजाक हैं,
मेरे आजाद मुल्कका...
आजादीकी मुबारकबाद,
अंग्रेजीमें देते हैं लोग.......

6340
हम बचाते रह गए,
दीमकसे अपना घर...
कुर्सियोंके चन्द कीड़े,
सारा मुल्क खा गए.......

15 August 2020

6331 - 6335 दिल वक्त नज़र तमन्ना ख्याल मजाक आज़ाद भारत भूमि वतन शायरी

 

6331
सरफरोशीकी तमन्ना, अब हमारे दिलमें हैं ।
देखना हैं जोर कितना, बाजुए कातिलमें हैं ।।
वक्त आने दे, बता देंगे तुझे आसमाँ ।
हम अभी से क्या बताएँ, क्या हमारे दिलमें हैं ।।
                                                   राम प्रसाद बिस्मिल

6332
कस ली हैं कमर अब तो,
कुछ करके दिखाएँगे;
आज़ाद ही हो लेंगे,
या सर ही कटा देंगे ।।
अशफ़ाक उल्ला खाँ

6333
मेरी नज़रोंको ऐसी खुदाई दे,
जिधर भी देखूँ मेरा वतन दिखाई दे !
                                          राहत इंदौरी

6334
जब शहीदोंकी डोली उठे धूमसे,
देशवालों तुम आँसू बहाना नहीं ।
पर मनाओ जब आज़ाद भारतका दिन,
उस घड़ी तुम हमें भूल जाना नहीं ।।
शहीद भगत सिंह

6335
नृत्य करेगी रण प्रांगणमें,
फिर-फिर खंग हमारी आज,
अरि शिर गिराकर यही कहेंगे,
भारत भूमि तुम्हारी आज ।।
             अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद

14 August 2020

6326 - 6330 दिल इश्क़ ज़िन्दगी क़र्ज़ फ़िक्र कफन सनम हिज्र नक़ाब सफर वतन शायरी

 

6326
हम ख़ूनकी क़िस्तें तो,
कई दे चुके लेकिन...
ख़ाक-ए-वतन क़र्ज़,
अदा क्यूँ नहीं होता...?

6327
किसे हैं फ़िक्रे वतन,
आज यहाँ पर...
हर कोई अपने आप के लिए,
फ़िक्रमन्द हैं यहाँ.......

6328
सनम तेरे हिज्रमें,
ना सफरके रहे ना वतनके...
गिरे टूकड़े दिलके कहीं,
ना कफनके रहे ना दफनके...!

6329
वतनसे इश्क़ ग़रीबीसे बैर अमनसे प्यार,
सभीने ओढ़ रखे हैं नक़ाब जितने हैं;
समझ सके तो समझ ज़िन्दगीकी उलझनको,
सवाल उतने नहीं हैं जवाब जितने हैं.......
जाँनिसार अख़्तर

6330
मेरे दिलकी हालत भी,
मेरे वतन जैसी हैं...
जिसको दी हुकुमत,
उसीने बर्बाद किया.......