12 June 2017

1387


सोया तो था मैं,
जिंदगी को अलविदा कहकर दोस्तो…

किसी की बे-पनाह दुआओ ने मुझे
फिर से जगा दिया… 

1386


तुम्हे क्या पता,
किस दर्द मे हूँ मैं,

जो लिया नही...
उस कर्ज मे हूँ मैं.......

8 June 2017

1385


मनुष्य की ख़्वाहिश होती हैं ,
उसे सब "पहचाने" .......
साथ में उसे डर सताता हैं कि ,

कोई उसे सही में "पहचान" न ले ।।

1384


रस्म-ए-उल्फ़त सिखा गया कोई,
दिल की दुनियां पे छा गया कोई... 

ता कयामत किसी तरह न बुझे,
आग ऐसी लगा गया कोई... 

दिल की दुनियां उजाड़ सी क्यूं हैं,
क्या यहां से चला गया कोई... 

वक्त-ए-रुखसत गले लगाकर ‘दाग़’.

हंसते-हंसते रुला गया कोई...!

1383


दिल के शीशे पे घुबार बहुत हैं

आज कुछ देर रो लिया जाए...

1382


किस ख़त में लिख कर भेजूं
अपने इंतज़ार को तुम्हें;
बेजुबां हैं इश्क़ मेरा और

ढूंढता है ख़ामोशी से तुझे।

1381


शब्द मेरे सुनकर
वाह वाह सब करते हे...

मौन मेरा सुन सके,
काश ऐसा कोई मिले।

7 June 2017

1380


पतझड़ भी हिस्सा है
जिंदगी के मौसम का,
फर्क सिर्फ इतना है कुदरत
में पत्ते सूखते हैं और

हकीकत में रिश्ते।

1379


चैन से रहने का हमको
मशवरा मत दीजिये,
अब मजा देने लगी है

जिन्दगी की मुश्किलें।

1378


तू सुन पाता,
खामोश सिसकियां मेरी,
आवाज़ करके रोना तो मुझे…….
आज भी नहीं आता।

1377


बदल गया वक़्त बदल गयी बातें,
बदल गयी मोहब्बत. . . ;
कुछ नहीं बदला तो वो है,
इन आँखों की नमी और

तेरी कमी।

1376


चलती नहीं दुनिया किसी के आने से,
रूकती नहीं दुनिया किसी के जाने से...
प्यार तो सबको मिल जाता है,

कमी का पता तो चलता है किसी के दूर जाने से...

6 June 2017

1375


बहुत शिकायतें आती हैं,
तुम्हारे घर से...

यूँ सोते हुए,
मेरा नाम ना लिया करो.......!

1374


फिर नहीं बसते वो दिल,
जो एक बार उजड़ जाते है...

कब्रें जितनी भी सजा लो पर...
कोई ज़िंदा नहीं होता...

1373


उन की बातों पर यक़ीं हम
उम्र भर करते रहे,

इंतज़ार-ए-शाम के वादे
उम्र भर होते रहे...

1372


आज वो मिली थी रास्ते पर,
पूछ रही थी कहाँ रहते हो आज कल...

हमने भी मुस्कुरा के कह दिया,
"नशे" में...!

1371


तेरा इंतजार होता है,
रोज ये दिल बेकरार होता है,
काश तुम समझ सकते की…

चुप रहने वालो को भी
किसी से प्यार होता है !!

5 June 2017

1370


कुछ लोगों में सब कुछ होता है,
बस एक कमी होती है.....

""एहसास की""

1369



अच्छा हुआ के रिज़्क़ है
हाथो में ख़ुदा के,
वरना यहाँ कुछ लोग
ख़ुदा हो गए होते...

1368


कभी कभी पता होता है की
सामने वाला हमको धोका दे रहा है,
फिर भी हम चुप रहते है...
क्यों की हम जानते है की
हम उसके धोके के साथ जी सकते है,
पर उसके बिना नही.......

1367


जिन्हें फ़िक़र थी कल की,
बेवजह वो रोए रात भर...
जिन्हें यक़ीं खुदा पर

चैन से वो सोए रात भर ...!!!

1366


हम रखते है ताल्लुक
तो निभाते है जिंदगी भर,

हम से बदले नहीं जाते रिश्ते,
लिबासो की तरह..!!!

30 May 2017

1365


साँचे में अजल के हर घडी़ ढलती है।
हर वक़्त यह शमए-ज़िन्दगी जलती है॥
आती-जाती है साँस अन्दर-बाहर।

या उम्र के हलक़ पर छुरी चलती है॥

1364


सिर्फ "चाहत" से क्या होता है...,"
तकदीर" भी होनी चाहिए...

प्यार को पाने के लिए....!!!

1363


वक़्त के साँचे में ढल कर
हम लचीले हो गए...

रफ़्ता-रफ़्ता ज़िंदगी के
पेंच ढीले हो गए !

1362


बङे बेताब थे वो
मोहब्बत करने को,

जब मैने भी कर ली तो
उन्होने शौक बदल लिया...

1361


हर एक मैक़दे में कुछ अजीब मंज़र होता है,
कुछ मैकश आदतन हर रोज़ बहक जाते है,
फिर भी हर हाल में आरज़ू भरी ज़िद्द से,

जाने से पहले होश पर इक शे'र सुनाते हैं l

29 May 2017

1360


कुछ एसे थे,
जो वक्त के साँचे में ढल गये ...

कुछ एसे हु,
जो वक्त के साँचे बदल गये !!!

1359


रात महफ़िल में तेरी
हम भी खड़े थे ऐसे,

जैसे तस्वीर लगा दे कोई,
दीवार के साथ…

1358


इश्क़ उस उंचाई का नाम है...!
जहाँ से गिरने के बाद.....!!

मौत का कभी,
कोई जिक्र नहीं हुआ.....!!!

1357


जी लूंगा नया जीवन,
तेरी यादो में बैठ कर...

खुशबु जैसे फुलो मे,
उड़ने पे रह जाये...!

1356


मेरी हर "आह" को
"वाह" मिली है यहाँ…

कौन कहता है
दर्द बिकता नहीं...!!!

26 May 2017

1355


इक दिन हमारी आंखों ने भी,
थक कर कह दिया...
की ख्वाब वो देखा करो जो पूरा हो,

रोज रोज हमसे भी
रोया नही जाता...

1354


मुद्दतों बाद उसने पूछ ही लिया
क्या चल रहा आजकल .....???
हमने भी बेफ़िक्री से कह दिया...

सांसे.......

1353


मैंने ज़िन्दगी से कुछ नहीं माँगा “तेरे सिवा”,
और . . . . . . .

ज़िन्दगी ने मुझे सब कुछ दिया “तेरे सिवा';

1352


दुनिया वालो,
मेरी आखिरी वसीयत सुन लो,,,

मुझे मेरे महबूब की,
आंखों मे दफन होना हे,,,

1351


दिल सोचता है तो फिर,
सोचता ही रह जाता है,

ये जो अपने होते है वो...
अपने क्यूँ नहीं होते ?

25 May 2017

1350


इस कदर हो गयी
मशरूफ दुनिया,

एक दिन ठहरे तो
मेहमान बुरा लगता है !!

1349


हम में तो हिम्मत है,
दर्द सहने की...
तुम इतना दर्द देते हो,
कहीं थक तो नही जाते...?

1348


तुम तो कुछ दूर भी
साथ ना चले वादा करके...!!

और हमने रास्ते बदल लिए
तुम्हारे साथ की ख़ातिर...!!

1347


जब मैंने कहा तुम्हारी जुदाई,
बर्बाद कर देगी मुझे.......!!

तो उसने बड़े तल्ख़ लहज़े में कहा,
बर्बाद हज़ारो है एक तुम भी सही.......!!

1346


लोग इंतजार करते रहे,
कि हमें टूटा हुआ देखें,
और हम थे कि,

हस्ते-हस्तेपत्थर के हो गए. . .

24 May 2017

1345


तेरे गालो में लगने के खातिर...
गिर गया जमीन पर
हाँ, होली का वही…

बिखरा हुआ गुलाल हूँ मैं…

1344


अजीब सी बस्ती में
ठिकाना है मेरा,

जहाँ लोग मिलते कम,
झांकते ज़्यादा है...!

1343


जिंदगी में अपनापन तो
हर कोई दिखाता है…
पर अपना हैं कौन ?

यह वक़्त ही बताता है…

1342


हम दिल के सच्चे ज़ज़्बात लिखते है ,

अपनी नहीं सबके मन की बात लिखते है...!!

1341


जब वो अपने हांथो की लकीरों में,
मेरा नाम ढूंढ कर थक गयी...
"तो सिर झुकाकर बोली...
लकीरें तो झूठ बोलती है...

तुम सिर्फ मेरे हो…....

23 May 2017

1340


मेरे सजदे की दुआएँ
तुम क्या जानो हमदम…

सर झुका तो तेरी खुशी माँगी
हाथ उठे तो तेरी जिँदगी . . .

1339


कुछ तो बात है
तेरी फितरत में ऐ यार;

वरना तुझको याद करने की
खता हम बार-बार न करते !

1338


हमारी "क़द्र" होगी उन्हें
"तनहाइयों" में,

अभी तो बहुत लोग हैं,
उनके पास दिल्लगी के लिए ...!!!

1337


सभी पुराने ठौर ठिकाने,
टोक रहे है आते - जाते,
मैं भी खुश हूँ, तुम भी खुश हो ,

काश के "हम" भी खुश हो पाते.....!

1336


लो खत्म कर रहें हैं जिंदगी
तेरे जाने के बाद,
पर तुम याद तो आओगे ही मुझे

मर जाने के बाद…

22 May 2017

1335


ये आप कहाँ घूमते हो यार

ये तो बस गम का है बाजार...

1334


अपनी तक़दीर में तो कुछ,
ऐसा ही सिलसिला लिखा है,
किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनाया,

तो किसी ने अपना बना कर,
वक़्त गुज़ार लिया.......

1333


वो अब पास से अनजान बनकर
गुज़र जाते है !
जो कभी हम को दूर से पहचान

लिया करते थे.......

1332


वैसे इतना हक़ तो बनता है मेरा तुम पर...!
बस...
यही दुआ है कि...

मेरी तरह कोई और न चाहे तुम्हें ...

1331


इजाजत किसे दें दिल में आने की,
सब दरबाजे बन्द करलिये तेरे जाने के बाद;
गुलजार था जो गुलशन तुजे पाने के बाद,

बिरान है हबेली तेरे जाने के बाद...

21 May 2017

1330


“​ज़िन्दगी में कुछ खोना पड़े तो...
यह दो लाइन याद रखना ,
"जो खोया है उसका ग़म नहीं,
जो पाया है वह किसी से कम नहीं,
जो नहीं है वह एक ख्वाब हैं,

और जो है वह लाजवाब है…!"

1329


दिल करता है
तेरे दिल मे उतरकर देखू …….
कौन है उसमे जो,

मुझे बसने नही देता . . . !

1328


सांसों की जरूरत उन्हें होती हैं

जिन्हें पता होता है
की अब वो इस दुनिया से
रुक्षत होने वाले है…

1327


यह भी एक जमाना
देख लिया हमने,

दर्द जो अपना सुनाया तो
तालियां गूँज उठी महफ़िल में ।

1326


रहते हैं आस-पास ही
लेकिन साथ नहीं होते…
कुछ लोग जलते हैं मुझसे

बस खाक नहीं होते|

20 May 2017

1325


मोहब्बत से रिहा होना ज़रूरी हो गया है...!
मेरा तुझसे जुदा होना जरूरी हो गया है...
वफ़ा के तुज़ुर्बे करते हुए तो उम्र गुज़री है...

ज़रा सा बेवफा होना जरूरी हो गया है . . . !

1324


वजह की तलाश
न तब थी, न अब है . . .
बेवजह तुझे याद करना

आदत है मेरी . . . . . . .

1323


दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते,
गम के आंसू न बहते तो और क्या करते,
उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ,

हम खुद को न जलाते तो और क्या करते . . . !

1322


तुम खुश-किश्मत हो,
जो हम तुमको चाहते है वरना,
हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग,

इजाजत लेकर आते है।

1321


गम मिलते हैं तो,
और निखरती है शायरी,
बात यह है तो...

सारे जमाने का शुक्रिया l

19 May 2017

1320


जो कहती थी के तू न मिला . . .
तो मर जाएंगे हम...,

वो आज भी ज़िंदा है,
ये बात किसी और से कहने के लिए . . . !

1318 गुनाह सजा बेवफा कबूल शायरी


हर गुनाह कबूल है हमें,
    "बस..."      
सजा देने वाला,
बेवफा न हो...!

1319


ना कर गिला मेरे बहते अश्को का,
मेरे दिल को सभी ने रुलाया है,
न ढूंढो मेरे दिल के किताब में खुशियों का पन्ना...

हर एक पन्ना मेरे किसी अपने ने ही जलाया है...

1317


दिल में आप हो और कोई खास कैसे होगा;
यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा;
हिचकियॉं कहती हैं आप याद करते हो;

पर बोलोगे नहीं तो मुझे एहसास कैसे होगा।

1316


कितनी अजीब है
मेरे अन्दर की तन्हाई भी,
हजारो अपने है

मगर याद तुम ही आते हो…

14 May 2017

1315


समझ नही आ रहा किसकी सुनु
आँख कह रही सोने दे,
दिल कह रहा है

थोडा और रो लेने दे...!

13 May 2017

1314


ना कोई इजहार है,
ना कोई इकरार है,
फिर ना जाने क्यूं...

ये दिल इतना बेकरार है l

1313


दिल मजबूर हो रहा है
तुम से बात करने को,

बस जिद ये है कि
सिलसिले का आग़ाज़ तुम करो...

1312


मुझे अपनी मौत का,
तो कोई गम नहीं है लेकिन...
तेरे आशियां पे मरते,

तो कुछ और बात होती…....

1311


ऐ इश्क़ सुना था तू अँधा है...

फिर मेरे घर का रास्ता,
तुझे किसने बताया...?