17 January 2021

7051 - 7055 दिल मोहब्बत तमन्ना हसरत आँखें उम्मीद शायरी

 

7051
एक उम्मीदसे,
दिल बहलता रहा...
इक तमन्ना,
सताती रहीं रातभर.......
             फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

7052
सरमाया--उम्मीद,
हैं क्या पास हमारे...
इक आह हैं सीनेमें,
सो -उम्मीद असरसे...

7053
ना पूछना कैसे गुज़रता हैं,
इक पल भी तेरे बिना...
कभी देखनेकी हसरतमें,
कभी मिलनेकी उम्मीदमें...!

7054
अभी उसके लौट आनेकी,
उम्मीद बाकी हैं...
किस तरहसे मैं अपनी,
आँखें मूँद लूँ.......

7055
अब के उम्मीदके शोलेसे भी,
आँखें जलीं...
जाने किस मोड़ पे ले आयी,
मोहब्बत हमको.......

16 January 2021

7046 - 7050 ख़याल चिराग़ रौशनी राह जिंदगी खुशियाँ उम्मीद शायरी

 

7046
उम्मीद कीजिए अगर,
उम्मीद कुछ नहीं...
ग़म खाइए बहुत जो,
ख़याल--सुरूर हैं.......
                      इस्माइल मेरठी

7047
मुतमइन हैं वो,
मुझे देके उम्मीदोंके चिराग़...
तिफ़्ल--मक़तब हूँ,
खिलौनोंसे बहल जाऊँगा.......!

7048
उम्मीदकी किरणके सिवा,
कुछ नहीं यहाँ !
इस घरमें रौशनीका बस,
यहीं इंतज़ाम हैं...!!!

7049
सूनी राहोंके तकाज़ोंपें,
जिंदगी अब भी;
तेरी उम्मीदमें,
खुशियोंकी तलबगार रहें...

7050
खुदसे उम्मीद रखना,
बेहतर हैं, मग़र...
अपनोंसे नाउम्मीदी,
अच्छी नही लग़ती.......

15 January 2021

7041 - 7045 मंज़िल ख़्वाब यार ज़िद्द तसल्ली जिन्दगी उम्मीद शायरी

 

7041
मंज़िल हैं, मंज़िलकी हैं,
कोई दूर तक उम्मीद...
ये किस रस्तेपें मुझको,
मेरा रहबर लेके आया हैं.......

7042
ख़्वाब--उम्मीदका हक़,
आहका फ़रियादका हक़...
तुझपें वार आए हैं,
ये तेरे दिवाने क्या क्या...

7043
मुद्दतें बीत गयी आज,
पर यार--ज़िद्द ना गयी...
बंद कर दिए गए दरवाजे,
मगर उम्मीद ना गयी.......!

7044
आस क्या अब तो,
उम्मीद--ना-उम्मीदी भी नहीं...
कौन दे मुझको तसल्ली,
कौन बहलाए मुझे.......
अमीरुल्लाह तस्लीम

7045
तुम भुला दो मुझे,
ये तुम्हारी अपनी हिम्मत हैं ;
पर मुझसे तुम ये उम्मीद,
जिन्दगी भर मत रखना.......!

14 January 2021

7036 - 7040 प्यार इंतज़ार मुह्ब्बत साँस रूह लफ्ज जहान दुनिया दास्ताँ हसरत उम्मीद शायरी

 

7036
तेरे जहानमें ऐसा नहीं कि,
प्यार हो...
जहाँ उम्मीद हो इसकी,
वहाँ नहीं मिलता.......!
                          निदा फ़ाज़ली

7037
तेरी उम्मीद,
तेरा इंतज़ार करते हैं l
हैं सनम हम तो सिर्फ,
तुमसे प्यार करते हैं ll

7038
कहनेको लफ्ज दो हैं,
उम्मीद और हसरत...
लेकिन निहाँ इसीमें,
दुनियाकी दास्ताँ हैं...

7039
अभी कुछ वक्त बाकी हैं,
अभी उम्मीद कायम हैं,
कहींसे लौट आओ तुम,
मुह्ब्बत साँस लेती हैं ll

7040
बिछड़के तुझसे मुझे हैं,
उम्मीद मिलनेकी...
सुना हैं रूहको आना हैं,
फिर बदनकी तरफ़.......!

13 January 2021

7031 - 7035 ज़माना मुलाक़ात मोहब्बत दीदार चराग़ उम्मीद शायरी

 

7031
फूटनेको थी,
उम्मीदकी इक किरन...
हो गई फिर,
उनकी मेहरबानी नई...
                     क़ैसर ख़ालिद

7032
एक रात आपने,
उम्मीदपें क्या रक्खा हैं...
आज तक हमने,
चराग़ोंको जला रक्खा हैं...!

7033
नजरमें शोखियाँ,
लबपर मोहब्बतका तराना हैं...
मेरी उम्मीदकी ज़दमें,
अभी सारा ज़माना हैं.......

7034
बे-क़रारी थी सब,
उम्मीद--मुलाक़ातके साथ;
अब वो अगलीसी दराज़ी,
शब--हिज्राँ में नहीं ll

7035
उसके दीदारकी उम्मीद,
दोबारा कैसी...
कहीं होती हैं तजल्लीको भी,
तकरार ग़लत.......
                           मुर्लीधर शाद

12 January 2021

7026 - 7030 दिल मायूस सफ़र ज़िंदगी आशिक कत्ल कातिल उम्मीद शायरी

 

7026
मीठासा होता हैं,
सफ़र यह ज़िंदगीका...
बस कड़वाहट तो,
किसीसे ज़्यादा उम्मीद,
रखनेसे होती हैं.......

7027
दिल गवारा नहीं करता,
शिकस्ते-उम्मीद...
हर तगाफुलपै,
नवाजिशका गुमाँ होता हैं...
रविश सिद्दकी

7028
कहती हैं ये दुनिया,
बस अब हार मान जा;
उम्मीद पुकारती हैं,
बस एक बार और सही ll

7029
मेरे दिले-मायूसमें,
क्यों कर हो उम्मीद...
मुरझाये हुए फूलमें,
क्या बू नहीं होती.......
अख्तर अंसारी

7030
खींचकर लाई हैं सबको,
कत्ल होनेकी उम्मीद...
आशिकोंका आज जमघट,
कूचा--कातिलमें हैं.......

11 January 2021

7021 - 7025 दिल ज़िंदगी गम मोहब्बत धोख़ा कसम वफा उम्मीद शायरी

 

7021
ना रख किसीसे,
मोहब्बतकी उम्मीद...
कसमसे लोग खुबसूरत बहुत हैं,
पर वफादार नहीं.......!

7022
आधे दुःख गलत लोगोंसे,
उम्मीद रखनेसे होते हैं...l
और...
बाकी आधे सच्चे लोगोंपें,
शक करनेसे होते हैं.......ll

7023
दिल नाउम्मीद तो नहीं,
नाकाम ही तो हैं...
लंबी हैं गमकी शाम,
मगर शाम ही तो हैं.......!
                  फैज अहमद फैज

7024
मिरी उम्मीदका सूरज,
कि तेरी आसका चाँद...!
दिए तमामही रुख़पर,
हवाके रक्खे थे.......!!!
ज़फ़र मुरादाबादी

7025
कमसे कम मौतसे ऐसी,
मुझे उम्मीद नहीं...
ज़िंदगी तू ने तो,
धोकेपें दिया हैं धोख़ा.......
                  फ़िराक़ गोरखपुरी

10 January 2021

7016 - 7020 लम्हा हयात ज़िन्दगी जीवन हकीकत दुनिया मुक़द्दर ख़ुशी शायरी


7016
काश की मिल जाए,
मुझे मुक़द्दरकी कलम...
लिख दूँ लम्हा लम्हा ख़ुशी,
एक अजनबी की ज़िन्दगीके लिए...!

7017
लाई हयात आई, कजा ले चली चले l
अपनी ख़ुशी आये, अपनी खुशी चले ll
अच्छा तो हैं यही कि, जहाँमें दिल लगे l
लेकिन तो क्या करें, जो ये बेदिली चले ll
दुनियाने किसका, राहे-फनामें दिया हैं साथ l
तुम भी चले चलो, यूँ ही जब तक चली चले ll
अब्राहम जौंक

7018
जरासी बात देरतक रूलाती रहीं,
ख़ुशीमें भी आँखे आँसू बहाती रहीं,
कोई खोके मिल गया, तो कोई मिलके खो गया...
जिन्दगी हमको बस, ऐसेही आजमाती रहीं.......

7019
कहनेके तो बहोत सारे हैं लोग हमारे,
पर जब वही लोग हमें आप कहके बुलाते हैं...
खुदा क़सम दुनिया भरकी ख़ुशी मिल जाती हैं,
सचका तलबगार होता हैं कभी.......

7020
ख़ुशीकी आशा, कभी मनकी निराशा,
कभी ख़ुशियोंकी धूप, कभी हकीकतकी छाँव...
कुछ ख़ोकर कुछ पानेकी आशा,
शायद यहीं हैं जीवनकी परिभाषा...!

8 January 2021

7011 - 7015 दिल तसल्लि सब्र हौसले चराग़ चेहरे ख़ुशी शायरी

 

7011
सच्ची ख़ुशीकी आस,
टूटे दुआ करो...
झूटी तसल्लियोंसे,
बहलते रहा करो.......
             अय्यूब फ़हमी

7012
इतने ग़ौरसे देख़.
तू मेरे चेहरेकी ख़ुशीको...
अंदरसे बिखरे लोग,
ऊपरसे ऐसेही होते हैं.......!

7013
सब्र कर जरा दिल,
ख़ुशीका पहर भी आएगा...l
ढूँढ़ता रहा तू जिसको,
उसका शहरभी आएगा...ll

7014
शब--विसाल हैं गुल,
कर दो इन चराग़ोंको...
ख़ुशीकी बज़्ममें,
क्या काम जलने वालोंका...?
दाग़ देहलवी

7015
ये कहके दिलने,
मेरे हौसले बढ़ाए हैं...
ग़मोंकी धूपके आगे,
ख़ुशीके साए हैं.......!

7 January 2021

7006 - 7010 दिल इश्क ज़िंदगी नसीब ज़माना ऐश ग़म ख़ुशी शायरी

 

7006
ऐशही ऐश हैं,
सब ग़म हैं...
ज़िंदगी इक,
हसीन संगम हैं...

7007
जिनके मिलतेही दिलको,
ख़ुशी मिल जाती हैं l
वो लोग क्यों जिन्दगीमें,
कम मिला करते हैं.......ll

7008
बड़े घरोमें रहीं हैं,
बहुत ज़मानेतक...
ख़ुशीका जी नहीं लगता,
ग़रीब ख़ानेमें.......!

7009
मैं बदनसीब हूँ,
मुझको दे ख़ुशी इतनी...
कि मैं ख़ुशीको भी लेकर,
ख़राब कर दूँगा.......

7010
पता चला कि,
इश्कके जालमें फँसे कब थे ;
मरते वक्त याद आया,
कि हँसे कब थे.......ll

6 January 2021

7001 - 7005 मसर्रत सजा बात तमन्ना ज़िंदगी रिश्तें ख़ुशी ग़म शायरी

 

7001
मसर्रत ज़िंदगीका,
दूसरा नाम...
मसर्रतकी तमन्ना,
मुस्तक़िल ग़म.......

7002
अहबाबको दे रहा हूँ धोका,
चेहरेपें ख़ुशी सजा रहा हूँ...!

7003
छोटीसी ज़िन्दगी हैं,
हर बातमें खुश रहो l
कल किसने देखा हैं,
बस अपने आजमें ख़ुश रहो ll
               
7004
जरुरी नहीं की,
हर रिश्तोंका अंत लड़ाई ही हो;
कुछ रिश्तें किसीकी,
ख़ुशीके लिएभी छोड़ने पड़ते हैं ll

7005
कोई काश उनसे पूछे,
जो ग़मोंसे भागते हैं...
वो कहाँ पनाह लेंगे,
जो ख़ुशी रास आई...

5 January 2021

6996 - 7000 ज़माना ख़ुशी मसर्रत अरमान ख़ुशी ग़म शायरी

 

6996
सुनते हैं ख़ुशीभी हैं,
ज़मानेमें कोई चीज़...
हम ढूँडते फिरते हैं,
किधर हैं ये कहाँ हैं...

6997
ख़ुशियाँ छुपी हैं,
छोटी-छोटी अरमानोंमें...
पता नही क्यों ढूढ़ते हैं,
इसे महंगी दुकानोंमें.......

6998
ना ख़ुशी खरीद पाता हूँ,
ना ही गम बेच पाता हूँ;
फिर भी ना जाने मैं क्यूँ,
हर रोज कमाने जाता हूँ...

6999
ख़ुशी नहीं,
ग़म चाहते हैं,
ख़ुशी उन्हें दें दें...
जिन्हें हम चाहते हैं...!

7000
अगर तेरी ख़ुशी हैं,
तेरे बंदोंकी मसर्रतमें...
तो मेरे ख़ुदा,
तेरी ख़ुशीसे कुछ नहीं होता...!

4 January 2021

6991 - 6995 ज़िंदगी ज़माने ख़बर आँख आँसू ख़ुशी ग़म शायरी

 

6991
ख़ुशीकी आँखमें,
आँसूकी भी ज़गह रखना...
बुरे ज़माने कभी,
पूछकर नहीं आते.......

6992
फिर देके ख़ुशी,
हम उसे नाशाद करें क्यूँ...?
ग़महीसे तबीअत हैं,
अगर शाद किसीकी.......

6993
ढूँड लाया हूँ, ख़ुशीकी छाँव...
जिसके वास्ते,
एक ग़मसे भी उसे,
दो-चार करना हैं मुझे...

6994
वस्लकी रात,
ख़ुशीने मुझे सोने दिया;
मैं भी बेदार रहा,
ताले--बेदारके साथ ll

6995
मुझे ख़बर नहीं,
ग़म क्या हैं और ख़ुशी क्या हैं...
ये ज़िंदगीकी हैं सूरत,
तो ज़िंदगी क्या हैं.......?

3 January 2021

6986 - 6990 ज़िंदगी दुनिया खुशियाँ तलाश ख़ामुशी ख़ुशी ग़म शायरी

 

6986
अब तो ख़ुशीका ग़म हैं,
ग़म की ख़ुशी मुझे...
बे-हिस बना चुकी हैं,
बहुत ज़िंदगी मुझे.......

6987
सौत क्या शय हैं,
ख़ामुशी क्या हैं...
ग़म किसे कहते हैं,
ख़ुशी क्या हैं.......!

6988
खुशियाँ बहुत सस्ती हैं.
इस दुनियामें !
हमही ढूंढते हैं उसे,
महंगी दुकानोंमें...!!!

6989
तमाम उम्र ख़ुशीकी,
तलाशमें गुज़री...
तमाम उम्र तरसते रहें,
ख़ुशीके लिए.......

6990
ग़म हैं अब ख़ुशी हैं,
उम्मीद हैं यास...
सबसे नजात पाए,
ज़माने गुज़र गए.......!

2 January 2021

6981 - 6985 दिल बहार तसवीर दौलत ख़ुशी ग़म शायरी

 

6981
तेरे आनेसे,
यूँ ख़ुश हैं दिल...
जूँ कि बुलबुल,
बहारकी ख़ातिर...!

6982
माँगकर तुझसे ख़ुशी लूँ,
मुझे मंज़ूर नहीं;
माँगी हुई दौलतसे,
भला होता हैं किसीका...

6983
तू अचानक मिल गयी तो,
कैसे पहचानूंगा मैं...
खुशी तू अपनी,
तसवीर तो ज़रा भेज दे.......

6984
ख़ुशी कहाँ हम तो,
गम चाहते हैं...!
ख़ुशी उसको दे दो,
जिसको हम चाहते हैं...!

6985
वो दिल लेके ख़ुश हैं...
मुझे ये ख़ुशी हैं कि,
पास उनके रहता हूँ,
मैं दूर होकर.......!