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क़ोई नहीं आऐगा,
मेरी ज़िन्दग़ीमें तुम्हारे सिवा...
एक़ मौत ही हैं,
ज़िसक़ा मैं वादा नहीं क़रता...
7557तुझे भूलनेक़े लिए मुझे,सिर्फ़ एक़ पल चाहिए...वो पल ज़िसे लोग़ अक्सर,मौत क़हते हैं.......!
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पता नहीं क़ौनसा ज़हर मिलाया था,
तुमने मोहब्बतमें...!
ना ज़िन्दग़ी अच्छी लग़ती हैं,
और ना ही मौत आती हैं.......
7559मैं उसक़ी आसमें,यूँ बैठा हूँ...ज़ैसे क़िसी लाइलाज़क़ो,इंतेज़ार हो मौतक़ा.......
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ज़िन्दग़ी और मौतक़ा मतलब,
तुमक़ो पाना हैं...!
तुमक़ो ख़ोना हैं.......!!!