3 July 2020

6116 - 6120 मोहब्बत दिल दुनिया अजब बेवफ़ा याद आँखे नग्मा नाज़ ख्वाब किस्मत हाल शायरी


6116
ख्वाब हमारे टूटे तो,
हालात कुछ ऐसी थीं...
आँखे पलपल रोती थीं,
किस्मत हँसती रहती थीं...

6117
हजारों नग्मा-ए-दिलकश,
मुझे आते हैं ऐ बुलबुल...
मगर दुनियाकी हालत देखकर,
चुप हो गया हूँ मैं.......
आसी उल्दानी

6118
इस तौबापर हैं,
नाज़ मुझे इस क़दर...
जो टूट कर शरीक़ हूँ,
खुदके हाल--तबाहमें...

6119
इक अजब हाल हैं,
कि अब उसको...
याद करना भी,
बेवफ़ाई हैं.......
जौन एलिया

6120
तेरा हाल पूछे भी तो,
किस तरह पूछे हम...
सूना हैं मोहब्बत करने वाले,
बोला कम और रोया ज्यादा करते हैं...

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