18 September 2020

6501 - 6505 खुशी याद ऐतबार मुश्किल नजर यक़ीन धोखा सियासत वादा शायरी

 

6501
तेरे वादेपर जिऐं हम,
तो यह जान छूट जाना...
कि खुशीसे मर जाते,
अगर ऐतबार होता.......
                        मिर्जा गालिब

6502
यक़ीं उनके वादेपें लाना पड़ेगा...
ये धोखा तो दानिस्ता खाना पड़ेगा...
मुनीर भोपाली

6503
नाअहल हैं वह,
अहले-सियासतकी नजरमें...
वादेसे कभी जिसको,
मुकरना नहीं आता.......
                         जोश मल्सियानी

6504
मैं उसके वादेका,
अब भी यक़ीन करता हूँ...
हज़ार बार जिसे,
आज़मा लिया मैंने.......
मख़मूर सईदी

6505
दिन गुज़ारा था,
बड़ी मुश्किलसे...
फिर तिरा वादा--शब,
याद आया.......
                            नासिर काज़मी

17 September 2020

6496 - 6500 दिल मुहब्बत महसूस तकलीफ वजूद बंदगी आदत शिद्दत गजब गम वक़्त कदम फितरत शायरी

 

6496
दिल हैं कदमोंपें किसीके,
सर झुका हो, या हो...
बंदगी तो अपनी फ़ितरत हैं,
ख़ुदा हो, या हो.......

6497
बदलना वक़्तकी फ़ितरतमें हैं,
ये बदल ही जायेगा l
आज गमकी घटायें दिख रही हैं,
कलको सूरज निकल आयेगा ll

6498
अजीबसी आदत और,
गजबकी फितरत हैं मेरी...
मुहब्बत हो या नफरत,
बहुत शिद्दतसे करता हूँ...!

6499
जो मुँह तक उड़ रही थी,
अब लिपटी हैं पाँवसे...
बारिश क्या हुई मिट्टीकी,
फितरत बदल गई.......!

6500
मेरी फितरतमें नहीं,
अपना गम बयाँ करना;
अगर तेरे वजूदका हिस्सा हूँ,
तो महसूस कर तकलीफ मेरी...

16 September 2020

6491 - 6495 ज़माना ख़बर गुनाह आईना आदत गम दर्द फितरत शायरी

 

6491
हर कोई रखता हैं,
ख़बर ग़ैरोंके गुनाहोंकी...
अजब फितरत हैं,
कोई आईना नहीं रखता...!

6492
हजार गम मेरी,
फितरत नहीं बदल सकते...
क्या करू मुझे आदत हैं,
मुस्कुरानेकी.......

6493
ज़माना चाहता क्यों,
मेरी फ़ितरत बदल देना...
इसे क्यों ज़िद हैं आख़िर,
फूलको पत्थर बनानेकी.......

6494
मेरी फितरत ही,
कुछ ऐसी हैं कि;
दर्द सहनेका,
लुत्फ़ उठाता हूँ मैं ll

6495
मैं आईना हूँ,
टूटना मेरी फितरत हैं...
इसलिए पत्थरोंसे मुझे,
कोई गिला नहीं.......

15 September 2020

6486 - 6490 दिल बात इन्तजार तड़प आदत मिज़ाज याद नफरत काबिल फितरत शायरी

 

6486
बात तो की थी आपसे,
किसी औरकी फितरत,
समझनेके लिए...
लेकिन कब आप मेरे,
दिलकी फितरत बनते गए,
पता ही चला.......!

6487
ऐसा नहीं कि,
मेरे इन्तजारकी उन्हें खबर नहीं...
लेकिन तड़पानेकी आदत तो,
उनकी फितरतमें शुमार हैं.......!

6488
उनकी फितरत परिंदोंसी थी,
मेरा मिज़ाज दरख़्तों जैसा...
उन्हें उड़ जाना था, और...
मुझे कायम ही रहना था...!

6489
मुझे भी सिखा दो,
भूल जानेका फितरत...
मैं थक गयी हूँ,
तुझे याद करते करते.......

6490
ये मेरे दिलकी जिद हैं की,
प्यार करुँ तो सिर्फ तुमसे करूँ...
वरना तुम्हारी जो फितरत हैं,
वो नफरतके भी काबिल नहीं...

14 September 2020

6481 - 6485 अश्क मंजिल कसूर हस्ती शौक सादगी फितरत शायरी

 

6481
आग लगाना,
मेरी फितरतमें नहीं हैं... 
मेरी सादगीसे लोग जलें तो,
मेरा क्या कसूर.......!

6482
फितरत गुलो-बुलबुलकी जो थी,
वही अब भी हैं...
सौ बार खिजाँ आयी,
सौ बार बहार आई.......!

6483
हवादिससे उलझकर,
मुस्कराना मेरी फितरत हैं...
मुझे दुश्वारियोंपें,
अश्क बरसाना नहीं आता...
                 मोहम्मद इकबाल खान

6484
मेरी हस्ती शौके-पैहम,
मेरी फितरत इज्तिराब...
कोई मंजिल हो मगर,
गुजरा चला जाता हूँ मैं...
जिगर मुरादाबादी

6485
ना कहना फिर कि,
साँस हूँ तुम्हारी...
यूँ पलपलका भरकर छोड़ देना,
फितरत बन गयी हैं तुम्हारी.......

13 September 2020

6476 - 6480 दिल इश्क तमन्ना नक़ाब गम खबर फितरत शायरी

 

6476
तमन्ना दिलकी एक हसरत हैं पूरी हो जाए,
तो इंसान खुश किस्मत हैं l
पूरी हो तो गम करना क्योकि,
अधूरी रहना तो तमन्नाओ की फितरत हैं ll

6477
वो इस बातसे खुश था कि,
हमको खबर नहीं...
मैं ये सोचके खुश था कि,
फितरत तो जान ली.......

6478
घड़ीकी फितरत भी अजीब हैं,
हमेशा टिक-टिक कहती हैं...
मगर ना खुद टिकती हैं, और
ना दूसरोंको टिकने देती हैं...

6479
तुम्हें चाहनेकी वजह,
कुछ भी नहीं !
बस इश्ककी फितरत हैं,
बे-वजह होना...!

6480
दिल अगर बे-नक़ाब होते तो,
सोचो कितने फसाद होते...
थी ख़ामोशी फितरत हमारी,
तभी तो बरसों निभा गई.......
                                मिर्जा गालिब

12 September 2020

6471 - 6475 दिल धडकन ख्याल जिन्दगी कोशिश मन्ज़िल लब तमन्ना शायरी

 

6471
तमन्ना करनेसे ही, पुरी होती हैं,
हर तमन्ना दिल धडकनेसे ही, पुरी होती हैं...
हर सपना कोशिश करनेसे, हर राह आसान हो जाती हैं,
और आगे बढनेसे, हर मन्ज़िल मिल जाती हैं.......

6472
फिरसे एक बार दिलमें, तेरा होनेकी तमन्ना हैं...
तुम्हारे ही ख्यालोंमें, खोने की तमन्ना हैं...
मुद्दतसे इन आँखोंमें, तराविश नहीं झलकी,
आकर फिरसे रुला जाओ, के फिर रोनेकी तमन्ना हैं...

6473
खत्म कर देगी किसी दिन ये, तमन्ना--हयात;
रात-दिन कोशिशमें जीनेकी, मरा जाता हूँ मैं...
जिन्दगीके दाम इतने गिर गये, कुछ गम नहीं;
मौतकी बढ़ती हुई कीमतसे, घबराता हूँ मैं.......
                                                           नीरज जैन

6474
लबपें आती हैं दुआ, बनके तमन्ना मेरी...
ज़िन्दगी शम्माकी सूरत, हो ख़ुदाया मेरी...
दूर दुनियाका, मेरे दम अन्धेरा हो जाये...
हर जगह मेरे चमकनेसे, उजाला हो जाये...

6475
ज़िंदगी बड़ी अजीब होती हैं,
कभी हार, कभी जीत होती हैं l
तमन्ना रखो समंदरकी गहराई छूनेकी,
किनारोंपें तो बस, ज़िंदगीकी शुरुवात होती हैं ll

11 September 2020

6466 - 6470 दिल मुसाफिर महक मतलब जिन्दगी दर्द ग़म वफा तूफां तमन्ना शायरी

 

6466
ये जिदंगी तमन्नाओंका,
गुलदस्ता ही तो हैं...!
कुछ महकती हैं कुछ मुरझाती हैं,
और कुछ चुभ जाती हैं.......

6467
हूँ मैं भी,
तमाशाइ-ए-नैरंगे-तमन्ना;
मतलब नहीं कुछ इससे कि,
मतलब बर आये.......
मिर्जा गालिब

6468
हम आज राह--तमन्नामें,
जी को हार आए...
दर्द--ग़मका भरोसा रहा,
दुनियाका.......
              वहीद क़ुरैशी

6469
न मौजें, न तूफां, न माझी, न साहिल...
मगर मनकी नैया बही जा रही हैं,
चला जा रहा हैं, वफाका मुसाफिर,
जिधर भी तमन्ना लिये जा रही हैं...

6470
हर इक दागे-तमन्नाको,
कलेजेसे लगाता हूँ,
कि घर आई हुई दौलतको,
ठुकराया नहीं जाता.......!
                              मख्मूर देहलवी

10 September 2020

6461 - 6465 दिल आशिक़ प्यार पनाह जन्नत इन्तेज़ार यार क़त्ल किस्मत शायरी

 

6461
प्यार हो तो किस्मतमें हो,
दिलोंमें तो सबके होता हैं...!

6462
कहते हैं कि किस्मत,
खुदा लिखता हैं, लेकिन...
उसे मिटाके खुद गढ़नेका,
मजा ही कुछ और हैं.......!

6463
किस्मत वालोंको ही मिलती हैं,
पनाह यारके दिलमें...
यूँ ही हर शख्स जन्नतका,
हक़दार नहीं होता.......

6464
यह न थी हमारी किस्मत,
जो विसाले यार होता...
अगर और जीते रहते,
यहीं इन्तेज़ार होता.......

6465
इशरते कत्ल गहे अहले तमन्ना मत पूछ,
इदे-नज्जारा हीं शमशीरकी उरियाँ होना;
की तेरे क़त्लके बाद उसने ज़फा होना,
कि उस ज़ुद पशेमाँका पशेमाँ होना;
हैफ उस चारगिरह कपड़ेकी क़िस्मत ग़ालिब,
जिसकी किस्मतमें लिखा हो आशिक़का गरेबां होना...
                                                                       ग़ालिब

9 September 2020

6456 - 6460 जिंदगी इरादे दुआ तनहा बात साथ लकीर काफिला सुकून किस्मत शायरी

 

6456
साथ चलता हैं मेरे,
दुआओंका काफिला...
किस्मतसे जरा कह दो,
अभी तनहा नहीं हूँ मैं...

6457
आज फिरसे छाये हैं,
उनकी रहमतसे बादल...
किस्मतमें भीगना लीखा हैं,
या तरसना... खुदा जाने.......

6458
रहेगा किस्मतसे यहीं,
गिला जिंदगीभर...
जिसको पलपल चाहा,
उसीको पलपल तरसे...

6459
मेरे इरादे, मेरी तक़दीर,
बदलनेको काफी हैं...
मेरी किस्मत मेरी लकीरोंकी,
मोहताज़ नहीं.......

6460
तू मुझे मिले या ना मिले,
ये किस्मतकी बात हैं...
पर तुझे अपना मानकर,
सुकून बहोत मिलता हैं...!

8 September 2020

6451 - 6455 दिल मोहब्ब़त ग़म अदा रिश्ते बेखबर आँख मासूम शायरी

 

6451
उनकी हर अदा ऐसी की,
हर अदापें आह निकले...
और वो मासूम बेखबर,
मिलती रही अंदाज बदले...!

6452
सोचते हैं जान अपनी,
उसे मुफ्त ही दें दें...
इतने मासूम खरीदारसे,
क्या लेना देना.......!

6453
बन्द लिफाफा थी,
अब तो इश्तहार हो गई...
मेरी मासूमसी मोहब्ब़त,
अखबार हो गई.......!

6454
कितना भी गहरा हो,
रिश्तेकी तरफ मत जाना...
उसके मासूमसे चेहरेकी,
तरफ मत जाना........

6455
खिलखिलाती हँसी गर बन सका तू,
तो ग़म वाला बादल ही बन जा;
दिलमें छा तू कोहरे जैसा,
और मासूम आँखोंसे टपककर देख ll

7 September 2020

6446 - 6450 इश्क़ फिराक दीवाना दवा दर्द मरीज चारागर इलाज शायरी

 

6446
सारा जहाँ मरीज,
मरज भी हैं लाइलाज...
पहचाने कौन दर्द,
दवाकी किसे खबर.......

6447
कलतक जो मेरे,
हर मर्जका इलाज थी...
आज वहीं मेरा,
लाइलाज मर्ज हैं.......

6448
इश्क़का इलाज नहीं,
लाइलाज हैं ये मर्ज...
मुठ्ठीभर यादें और,
मिलता हैं बेहिसाब दर्द...

6449
फिराक इक-इकसे बढ़कर,
चारासाजे दर्द हैं लेकिन.......
यह दुनिया हैं यहाँ हर दर्दका,
दरमां नहीं मिलाता.......
फिराक गोरखपुरी

6450
चारागरका चाहिए,
करना इलाज...
उसको भी अपनासा,
दीवाना करें.......
      वहशत रज़ा अली कलकत्वी

6 September 2020

6441 - 6445 इश्क़ जख्म वक़्त यार जख्म नजर इलाज शायरी

 

6441
जिनकी नजरोंमें,
हम अच्छे नहीं l
वो अपनी आँखोंका,
इलाज करवा ले...ll

6442
इस 'नहीं' का,
कोई इलाज नहीं...
रोज कहते हैं,
आप आज नही...

6443
कुछ जख्म सदियों बाततक भी,
ताजा रहते हैं...
वक़्तके पास भी,
हर मर्जका इलाज नहीं होता...

6444
मरहम लगा सको तो,
गरीबके जख्मोंपर लगा देना;
हकीम बहुत हैं बाजारमें,
अमीरोंके इलाज खातिर...

6445
इश्क़ अपना,
इलाज तो बता जरा...
मुझे अपने मासूम यारकी,
जान बचानी.......

5 September 2020

6436 - 6440 जवाब लब बात तन्हाई मजबूर नजर इलाज शायरी

 

6436
जो भी आता हैं,
बताता हैं नया कोई इलाज...
बंट जाए तेरा,
बीमार मसीहाओंमें...!
                       क़तील शिफ़ाई

6437
मर गए उसके,
लब-ए-जाँ-बख़्शपर...
हमने इलाज,
आप ही अपना किया...!
मोमिन ख़ाँ मोमिन

6438
इलाज ये हैं कि,
मजबूर कर दिया जाऊं...
वरना यूँ तो किसीकी,
नहीं सुनी मैंने.......

6439
सुना हैं हर बातका,
जवाब रखते हो तुम...
क्या तन्हाईका भी,
इलाज रखते हो तुम.......

6440
वो चूमकर लबोंको,
हर इलाज भी करती हैं...
वो देखले नजर भर तो,
बीमार भी करती हैं.......!

4 September 2020

6431 - 6435 दिल जिगर रूह उल्फ़त जख्म दर्द उम्र इलाज शायरी

 

6431
उल्फ़तके बदले उनसे,
मिला दर्द--ला-इलाज...
इतना बढ़े हैं दर्द,
मैं जितनी दवा करूँ.......
                  असर अकबराबादी

6432
उसका इलाज कोई,
मसीहा न कर सका...
जो जख्म मेरी,
रूहकी गहराईयोंमें था...

6433
इलाज--दिल तो,
तुमसे हो नहीं सकता...
उसपर भी बोलते हो,
मैं रो नहीं सकता.......

6434
हर दर्दका इलाज,
नहीं मिलता दवाखानेसे...
कुछ दर्द चले जाते हैं,
सिर्फ़ मुस्कुरानेसे.......

6435
इलाजकी नहीं हाजत,
दिल--जिगरके लिए...
बस इक नज़र तेरी,
काफ़ी हैं उम्र-भर के लिए.......
                       मुनव्वर बदायुनी

3 September 2020

6426 - 6430 दिल इश्क़ प्यार दर्द जिन्दगी आशिक़ घायल मजबूर तलाश नजर इलाज शायरी

 

6426
इलाज ये हैं कि,
मजबूर कर दिया जाऊँ...
वगरना यूँ तो किसीकी,
नहीं सुनी मैंने.......
                         जौन एलिया

6427
नजरोंके तीरसे,
जो घायल होते हैं...
वही आशिक़ इश्क़में,
पागल होते हैं.......!

6428
मैंने कब कहा,
मुझे तख्तों ताज चाहिए...
हमें तो बस अपने दर्द--दिलका,
इलाज चाहिए.......

6429
प्यार अब अँधा नहीं हैं,
उसने इलाज करवा लिया हैं;
अब वो पैसा, गाड़ी, बंगला,
सब देखता हैं ll

6430
तलाशनेमें इलाज--जिन्दगी,
कई और मर्ज पाल लिए हमने...

2 September 2020

6421 - 6425 दिल इश्क़ जख्म गम दर्द अंदाज मुस्कान इलाज शायरी

 

6421
गमे-हस्तीका असद,
किससे जुज-मर्ग इलाज;
कि शम्अ हर रंगमें,
जलती हैं सहर होनेतक...
                         मिर्जा गालिब

6422
ना जाने पहले जैसा,
हमारा अंदाज कब होगा...
खुदा ही जाने इस बीमारीका,
इलाज कब होगा.......!

6423
इलाज--दर्द--दिल तुमसे,
मसीहा हो नहीं सकता...
तुम अच्छा कर नहीं सकते,
मैं अच्छा हो नहीं सकता...
                       मुज़्तर ख़ैराबादी

6424
तुम्हारी एक मुस्कानसे,
सुधर गई तबियत मेरी...
बताओ ना तुम इश्क़ करते हो,
या इलाज करते हो.......!

6425
जख्म दिए हो तो,
इलाज भी बता दो...
मरीज हूँ तुम्हारे इश्क़का,
अब खुद ही दवा पिला दो...

1 September 2020

6416 - 6420 दिल धड़कन ख्वाहिशें परहेज़ दर्द वक़्त इलाज शायरी

 

6416
कोई बताये कि मैं,
इसका क्या इलाज करूँ...
परेशां करता हैं ये दिल,
धड़क धड़कके मुझे.......!

6417
यूँ इलाज-ए-दिल,
बीमार किया जाएगा l
शर्बत-ए-दीदसे,
सरशार किया जाएगा ll
अफ़ज़ल इलाहाबादी

6418
दर्द-ए-दिलका इलाज हो किससे...
यूँ मसीहा हुआ करे कोई.......!
                                   निज़ाम रामपुरी

6417
अपने दर्दका इलाज,
कुछ इस तरह किया मैंने...
जितनी ख्वाहिशें थी मेरी,
सबको जला दिया मैंने.......

6420
जिन्दगीने मेरे दर्दका,
क्या खूब इलाज सुझाया...
वक़्तको दवा बताया,
ख्वाहिशोंसे परहेज़ बताया...!