30 May 2017

1365 ज़िन्दगी साँचे अज़ल घडी़ वक़्त शाम साँस उम्र हलक़ शायरी


1365
साँचेमें अज़लक़े हर घडी़ ढलती हैं।
हर वक़्त यह शाम-ए-ज़िन्दगी ज़लती हैं॥
आती-ज़ाती हैं साँस अन्दर-बाहर।
या उम्रक़े हलक़पर छुरी चलती हैं॥

1364 प्यार चाहत तकदीर शायरी


1364
सिर्फ चाहतसे क्या होता हैं...,"
तकदीरभी होनी चाहिए...
प्यारको पानेके लिए...!!!

1363 ज़िंदगी रफ़्ता वक़्त साँचे पेंच शायरी


1363
वक़्तके साँचेमें ढलकर
हम लचीले हो गए...
रफ़्ता-रफ़्ता ज़िंदगीके
पेंच ढीले हो गए !

1362 मोहब्बत बडे शौक बेताब बदल शायरी


1362
बडे बेताब थे वो,
मोहब्बत करनेको...
जब मैने भी कर ली तो,
उन्होने शौक बदल लिया...

1361 मैक़दे अजीब मंज़र मैकश आदतन बहक हाल आरज़ू ज़िद्द हाल होश शेर शायरी


1361
हर एक मैक़देमें,
कुछ अजीब मंज़र होता हैं,
कुछ मैकश आदतन,
हर रोज़ बहक जाते हैं,
फिरभी हर हालमें,
आरज़ू भरी ज़िद्दसे,
जानेसे पहले होशपर,
इक शेर सुनाते हैं l

29 May 2017

1360 साँचे वक्त ढल बदल शायरी


1360
कुछ एसे थे,
जो वक्तके साँचेमें ढल गये...
कुछ एसे हु,
जो वक्तके साँचे बदल गये !!!

1359 रात महफ़िल दीवार तस्वीर शायरी


1359
रात महफ़िलमें तेरी,
हम भी खड़े थे ऐसे...
जैसे तस्वीर लगा दे कोई,
दीवारके साथ…

1358 इश्क़ उंचाई नाम मौत जिक्र शायरी


1358
इश्क़ उस उंचाईका नाम हैं...!
जहाँसे गिरनेके बाद.....!!
मौतका कभी,
कोई जिक्र नहीं हुआ.....!!!

1357 जीवन नया उड़न खुशबु फुल याद शायरी


1357
जी लुंगा नया जीवन,
तेरी यादोंमें बैठकर...
खुशबु जैसे फुलोमें,
उड़नेपें रह जाये...!

1356 आह वाह दर्द शायरी


1356
मेरी हर "आह" को
"वाह" मिली हैं यहाँ…!
कौन कहता हैं...
दर्द बिकता नहीं...!!!

26 May 2017

1355 दिन ख्वाब थक आँख रोया शायरी


1355
इक दिन हमारी आँखोंने भी,
थककर कह दिया...
की ख्वाब वो देखा करो जो पूरा हो,
रोज रोज हमसे भी,
रोया नहीं जाता......

1354 साँसे मुद्दत बाद आजकल बेफ़िक्री शायरी


1354
मुद्दतों बाद उसने पूछ ही लिया,
क्या चल रहा आजकल.....???
हमने भी बेफ़िक्रीसे कह दिया...

साँसे.......

1353 ज़िन्दगी माँग दिया सिवा शायरी


1353
मैने ज़िन्दगीसे कुछ नहीं माँगा,
“तेरे सिवा” और . . . . . . .
ज़िन्दगीने मुझे सब कुछ दिया,
“तेरे सिवा'......

1352 दुनियाँ आँख महबूब आखिरी वसीयत दफन शायरी


1352
दुनियाँवालो,
मेरी आखिरी वसीयत सुनलो,
मुझे मेरे महबूबकी,
आँखोंमें दफन होना हैं...!

1351 दिल सोच अपने शायरी


1351
दिल सोचता हैं तो फिर,
सोचता ही रह जाता हैं,
ये जो अपने होते हैं वो...
अपने क्यूँ नहीं होते ?

25 May 2017

1349 हिम्मत दर्द सहने थक शायरी


1349
हममें तो हिम्मत हैं,
दर्द सहनेकी...
तुम इतना दर्द देते हो,
कहीं थक तो नहीं जाते...?

1350 दुनियाँ कदर मशरूफ दिन मेहमान बुरा शायरी


1350
इस कदर हो गयी,
मशरूफ दुनियाँ...
एक दिन ठहरे तो,
मेहमान बुरा लगता हैं...

1348 साथ रास्ते बदल दूर वादा ख़ातिर शायरी


1348
तुम तो कुछ दूर भी,
साथ ना चले वादा करके...!
और हमने रास्ते बदल लिए,
तुम्हारे साथकी ख़ातिर...!!!

1347 जुदाई बर्बाद तल्ख़ लहज़े हज़ार शायरी


1347
जब मैने कहां तुम्हारी जुदाई,
बर्बाद कर देगी मुझे......
तो उसने बड़े तल्ख़ लहज़ेमें कहां,
बर्बाद हज़ारों हैं,
एक तुमभी सहीं......!

1346 इंतजार टूटा हसते पत्थर शायरी


1346
लोग इंतजार करते रहें,
कि हमें टूटा हुआ देखें,
और हम थे कि,
हसते-हसतेपत्थरके हो गए. . .

24 May 2017

1345 गाल खातिर बिखर जमीन शायरी


1345
तेरे गालोमें लगनेके खातिर,
गिर गया जमीनपर...
हाँ, होलीका वहीं,
बिखरा हुआ गुलाल हूँ मैं…

1344


अजीब सी बस्ती में
ठिकाना है मेरा,

जहाँ लोग मिलते कम,
झांकते ज़्यादा है...!

1343


जिंदगी में अपनापन तो
हर कोई दिखाता है…
पर अपना हैं कौन ?

यह वक़्त ही बताता है…

1342


हम दिल के सच्चे ज़ज़्बात लिखते है ,

अपनी नहीं सबके मन की बात लिखते है...!!

1341


जब वो अपने हांथो की लकीरों में,
मेरा नाम ढूंढ कर थक गयी...
"तो सिर झुकाकर बोली...
लकीरें तो झूठ बोलती है...

तुम सिर्फ मेरे हो…....

23 May 2017

1340 सजदे दुआएँ हमदम खुशी जिंदगी शायरी


1340
मेरे सजदेकी दुआएँ,
तुम क्या जानो हमदम…
सर झुका तो तेरी खुशी माँगी,
हाथ उठे तो तेरी जिंदगी . . .

1339 बात फितरत खता याद शायरी


1339
कुछ तो बात हैं
तेरी फितरतमें ऐ यार;
वरना तुझको याद करनेकी
खता हम बार-बार न करते !

1338 क़द्र तनहाई दिल्लगी शायरी


1338
हमारी "क़द्र" होगी उन्हें,
"तनहाईयों" में...
अभी तो बहुत लोग हैं,
उनके पास दिल्लगीके लिए...!!!

1337 क़द्र तनहाई दिल्लगी शायरी


1337
सभी पुराने ठौर ठिकाने,
टोक रहे हैं आते - जाते,
मैं भी खुश हूँ, तुम भी खुश हो ,
काश के "हम" भी खुश हो पाते.....!

1336 जिंदगी खत्म बाद याद शायरी


1336
लो खत्म कर रहें हैं जिंदगी,
तेरे जानेके बाद l
पर तुम याद तो आओगे ही मुझे,
मर जानेके बाद…ll

22 May 2017

1335 यार बाजार गम शायरी


1335
ये आप कहाँ घूमते हो यार...
ये तो बस गमका हैं बाजार...

1334 तक़दीर सिलसिला वक़्त गुजार शायरी


1334
अपनी तक़दीरमें तो कुछ,
ऐसा ही सिलसिला लिखा हैं,
किसीने वक़्त गुजारनेके लिए अपना बनाया,
तो किसीने अपना बनाकर,
वक़्त गुज़ार लिया.......

1333 अनजान गुज़र दूर पहचान शायरी


1333
वो अब पाससे अनजान बनकर,
गुज़र जाते हैं !
जो कभी हमको दूरसे पहचान,
लिया करते थे.......

1332 हक़ दुआ चाह शायरी


1332
वैसे इतना हक़ तो बनता हैं
मेरा तुमपर... बस,
यहीं दुआ हैं कि...
मेरी तरह कोई और न चाहे तुम्हें...

1331 दिल इजाजत गुलजार गुलशन बिरान बाद दरबाजे शायरी


1331
इजाजत किसे दें दिलमें आनेकी,
सब दरबाजे बन्द कर लिये,
तेरे जानेके बाद;
गुलजार था जो गुलशन,
तुजे पानेके बाद,
बिरान हैं हबेली,
तेरे जानेके बाद...

21 May 2017

1330 ज़िन्दगी खोना याद ग़म खोया ख्वाब कम लाजवाब शायरी


1330
“​ज़िन्दगीमें कुछ खोना पड़े तो...
यह दो लाइन याद रखना ,
"जो खोया हैं उसका ग़म नहीं,
जो पाया हैं वह किसीसे कम नहीं,
जो नहीं हैं वह एक ख्वाब हैं,
और जो हैं वह लाजवाब हैं…!"

1328 साँस दुनियाँ जरूरत रुख़्सत पता शायरी


1328
साँसोंकी जरूरत उन्हें होती हैं,
जिन्हें पता होता हैं,
की अब वो इस दुनियाँसे
रुख़्सत होने वाले हैं

1329 दिल उतर शायरी


1329
दिल करता हैं
तेरे दिलमें उतरकर देखू…….
कौन हैं उसमे जो,
मुझे बसने नहीं देता . . . !

1327 दर्द सुना जमाना तालियाँ गूँज महफ़िल शायरी


1327
यह भी एक जमाना,
देख लिया हमने...
दर्द जो अपना सुनाया,
तो तालियाँ गूँज उठी महफ़िलमें ।

1326 साथ लोग जलते खाक आस-पास शायरी


1326
रहते हैं आस-पास ही,
लेकिन साथ नहीं होते…
कुछ लोग जलते हैं मुझसे...
बस खाक नहीं होते l

20 May 2017

1325 मोहब्बत रिहा ज़रूरी वफ़ाके तुज़ुर्बे जुदा उम्र गुज़र बेवफा शायरी


1325
मोहब्बतसे रिहा होना,
ज़रूरी हो गया हैं...!
मेरा तुझसे जुदा होना,
जरूरी हो गया हैं...
वफ़ाके तुज़ुर्बे करते हुए तो,
उम्र गुज़री हैं...
ज़रासा बेवफा होना,
जरूरी हो गया हैं . . . !

1323 दर्द हाथ गम आँसू रौशनी जला दुआ शायरी


1323
दर्दसे हाथ न मिलाते,
तो और क्या करते,
गमके आँसू न बहते,
तो और क्या करते,
उसने माँगी थी हमसे,
रौशनीकी दुआ,
हम खुदको न जलाते,
तो और क्या करते . . . !

1324 वजह तलाश बेवजह याद आदत शायरी


1324
वजहकी तलाश,
न तब थी, न अब हैं . . .
बेवजह तुझे याद करना,
आदत हैं मेरी . . . . . . .

1322 खुश-किश्मत ख्वाब चाह इजाजत शायरी


1322
तुम खुश-किश्मत हो,
जो हम तुमको चाहते हैं वरना,
हम तो वो हैं जिनके ख्वाबोंमें भी लोग,
इजाजत लेकर आते हैं।

1321 गम निखर बात जमानेका शुक्रिया शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


1321
गम मिलते हैं तो,
और निखरती हैं शायरी,
बात यह हैं तो...
सारे जमानेका शुक्रिया l

19 May 2017

1320 ज़िंदा मर बात शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


1320
जो कहती थी के तू न मिला . . .
तो मर जाएंगे हम...,
वो आज भी ज़िंदा हैं,
ये बात किसी औरसे कहनेके लिए . . . !

1318 गुनाह सजा बेवफा कबूल शायरी


1318
हर गुनाह कबूल है हमें,
    "बस..."      
सजा देने वाला,
बेवफा न हो...!

1319 दिल अश्क गिला रुला किताब खुशि पन्ना ढूंढ जला शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


1319
ना कर गिला मेरे बहते अश्कोंका,
मेरे दिलको सभीने रुलाया हैं,
न ढूंढो मेरे दिलके किताबमें खुशियोंका पन्ना...
हर एक पन्ना मेरे किसी अपने ने ही जलाया हैं...

1317 दिल खास हिचकियॉं पास याद एहसास शायरी


1317
दिलमें आप हो और कोई खास कैसे होगा;
यादोंमें आपके सिवा कोई पास कैसे होगा;
हिचकियॉं कहती हैं आप याद करते हो;
पर बोलोगे नहीं तो मुझे एहसास कैसे होगा।

1316 अजीब अन्दर तन्हाई याद शायरी


1316
कितनी अजीब हैं,
मेरे अन्दरकी तन्हाई भी,
हजारो अपने हैं,
मगर याद तुम ही आते हो…

14 May 2017

1315 दिल समझ सुनु आँख सोने शायरी


1315
समझ नहीं आ रहा किसकी सुनु...
आँख कह रहीं सोने दे,
दिल कह रहा हैं,
थोडा और रो लेने दे...!

13 May 2017

1313 दिल मजबूर बात जिद्द सिलसिले आग़ाज़ शायरी


1313
दिल मजबूर हो रहा हैं,
तुमसे बात करनेको...
बस जिद्द ये हैं कि,
सिलसिलेका आग़ाज़ तुम करो...

1314 दिल इजहार इकरार बेकरार शायरी


1314
ना कोई इजहार हैं,
ना कोई इकरार हैं,
फिर ना जाने क्यूँ...
ये दिल इतना बेकरार हैं l

1312 आशियाँ मौत गम बात शायरी


1312
मुझे अपनी मौतका,
तो कोई गम नहीं हैं लेकिन...
तेरे आशियाँपें मरते,
तो कुछ और बात होती......

1311 इश्क़ अंधा घर रास्ता शायरी


1311
ऐ इश्क़ सुना था,
तू अंधा हैं...
फिर मेरे घरका रास्ता,
तुझे किसने बताया...?

12 May 2017

1310 दिल अजीबसा मंजर नज़र आँसूं समंदर शीशे हाथ पत्थर शायरी


1310
एक अजीबसा मंजर नज़र आता हैं,
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं,
कहाँ रखूं मैं शीशेसा दिल अपना,
हर किसीके हाथमें पत्थर नज़र आता हैं…

1309 दिल अजीबो-गरीब नादाँ ख्वाहिश अमल तलबगार जन्नत शायरी


1309
बड़ी अजीबो-गरीब हैं,
नादाँ दिलकी ख्वाहिश।
या रब मेरे,
अमलमें कुछ भी नहीं और...
दिल तलबगार हैं जन्नतका।

1308 दिल आह दास्तां अर्ज जुर्म बयाँ दर्ज मुजरिम हुस्न सूली गुनाह कुबूल इश्क शायरी


1308
अपने हर आहकी दास्तां अर्ज किया हैं हमने l
अपने हर जुर्मका बयाँ दर्ज किया हैं हमने ll

मुजरिम हुआ ऐ हुस्न, सूलीपें लटका दो मुझे l
गुनाह कुबूल हैं मुझे, तुमसे इश्क किया हैं हमने ll

मेरे गजल सुबूत हैं, देख लो ऐ दिलके मालिक l
अपने हर आँसूकी कीमत वसूल किया हैं हमने ll

तेरे दरपें मुझे कुछ न मिलेगा, ये जानकर भी l
इस दिलके सहारे तेरी बंदगी किया हैं हमने ll

1307 दिल अजीब रिश्ता धोखे शायरी


1307
कैसा अजीब रिश्ता हैं,
ये दिल आज भी
धोखेमें हैं...
और
धोखेबाज आज भी दिलमें....!!!

1306 प्रेम व्यवहार शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


1306
प्रेम कोई व्यवहार,
थोड़े ही ना हैं,
कि तू करे,
तो ही मैं करुँ ?

9 May 2017

1305 लिख पता ढूंढ अल्फाज़ शायरी


1305
आ, लिख दूं आज कुछ तेरे बारेमें...
मुझे पता हैं,
तू रोज ढूंढती हैं,
खुदको मेरे अल्फाज़ोमें . . . !

1304 दिल प्यार डर सहारे बात झूठे दिलासा शायरी


1304
वफ़ा करनेसे मुकर गया हैं दिल;
अब प्यार करनेसे डर गया हैं दिल !
अब किसी सहारेकी बात मत करना;
झूठे दिलासोंसे भर गया हैं अब यह दिल !!

1303 नादानगी हद्द सनम खोकर शायरी


1303
नादानगीकी हद्द तो देखो...,
मेरे सनमकी.......
मुझे खोकर आजकल,
मेरे जैसा ढूँढ रहीं हैं !

1302 साक़ी गिला शराब आँखें होश शायरी


1302
साक़ीको गिला हैं कि,
उसकी बिकती नहीं शराब...
और एक तेरी आँखें हैं कि,
होशमें आने नहीं देतीं...

1301 रुठुंगी कदर आँखे झलक तरस शायरी


1301
रुठुंगी अगर तुजसे,
तो इस कदर रुठुंगी की...
ये तेरी आँखे मेरी एक,
झलकको तरसेंगी !

8 May 2017

1300 दिल प्यार फिरयाद शायरी


1300
मुझे कोई प्यार करे...
ऐसी फिरयाद नहीं हैं मेरी l
पर मैं सबसे प्यार करू...
ऐसा दिल जरूर दिया हैं रबने...

1299 अर्थ शब्द शायद बात इरशाद शायरी


1299
अर्थ लापता हैं,
या फिर शायद शब्द खो गए हैं...
रह जाती हैं मेरी हर बात क्यूँ,
इरशाद होते होते...

1298 हमसफ़र दोस्त मोहब्बत समझौते शायरी


1298
क्या हुआ जो हमसफ़र ना बन सके,
दोस्त ही सहीं,
ये मोहब्बत भी ना जाने...
कितने समझौते करवाती हैं. . .

1296 खुद छुपा धड़कन सीने जीना ख्वाहिश शायरी


1296

धड़कन, Heartbeats

खुदसे भी छुपाई हैं,
धड़कन अपने सीनेकी,
हमको जीना पड़ता हैं,
ख्वाहिश कब हैं जीनेकी...?

I have hidden it even from myself,
The beating of my heart,
We have to live,
When is the wish to live...?

1297 दिल ज़िंदगी ज़ख़्म लाख फूल कसम काँटे गहरी चुभन शायरी


1297
एक दिल मेरे दिलको ज़ख़्म दे गया,
ज़िंदगीभर ना मिलनेकी कसम दे गया!
लाख फूलोंमेंसे चुना था एक फूल,
जो काँटोसे भी गहरी चुभन दे गया !

6 May 2017

1295 बेशक मंजिल ऊँचाई काम दोस्त शायरी


1295
बेशक अपनी मंजिलतक जाना हैं,
लेकिन जहाँसे अपना दोस्त ना दिखे;
वो ऊँचाई किस कामकी...!