24 March 2017

1131


यूँ तो अकेला भी अक्सर,
गिर के संभल सकता हूँ मैं...
तुम जो पकड़ लो हाथ मेरा,
दुनिया बदल सकता हूँ मैं.......

23 March 2017

1130


अधिकतर खामोशसा रहता हूँ !
मुझमे बोलती रहती हैं यादें उनकी !!

1129


हँसते हुए लोगों की संगत
इत्र की दुकान जैसे होती है,
कुछ ना खरीदो फिर भी...
रूह महका देते हैं।

1128


हम उनके जैसे मतलबी और
धोखे बाज़ नहीं है,
जो की चाहने वालो को धोखा दे,
बस वो ये समझ ले,
की हमें समझना,
हर किसी के बस की बात नहीं.....

1127


इश्क भी अजीब होता है।
अपनोको खोकर मीलता है।
फिर भी इश्क मे ही इन्सान जिता है।
तभी तो उसे इश्क कहते है।
इश्क इश्क है
ये इश्क इश्क ये इश्क इश्क है इश्क ।

1126


वाकीफ तो हम भी हैं,
मशहूर होने के तौर तरीकों से
पर जिद तो,
अपने अंदाज से जीने की है

22 March 2017

1125


हमारा अदांज ही कुछ ऐसा हैँ कि...
हम बोलते है,
तो बरस जाते हैँ !
और
खामोश रहते हैँ,
तो लोग तरस जाते है ...!!!

1124


ना तंग करो इतना, हम सताऐ हुऐ हैं,
मुहोब्बत का गम दिल पे उठाऐ हुऐ हैं,
खिलौना समझ कर हम से ना खेलो,
हम भी उसी खुदा के बनाऐ हुऐ हैं ||

1123


"तेरी आँखों के जादू से,
तू ख़ुद नहीं है वाक़िफ़ ,
यह उसे भी जीना सिखा दे,
जिसे मरने का शौक़ हो"

1122


किताबों में कहते हैं फूल तोडना मना है,
बागों में कहते हैं फूल तोड़ना मना है,
फूलों से कीमती चीज़ है दिल,
कोई नहीं कहता दिल तोड़ना मना है !

1121


तुम आए थे,
पता लगा,
सुन कर अच्छा भी लगा,
पर गैरों से पता चला,
बेहद बुरा लगा !!

21 March 2017

1120


जिन की ऑखें बात बात में
भीग जाती है,
वो कमजोर नहीं...
दिल से सच्चे होते हैं…!

1119


उम्र बर्बाद कर दी हमने,
औरों में नुक़्स निकालते निकालते.......
इतना कभी खुद को तराशते तो,
कब के खुदा तो हो गए होते.......।

1118


इतने बरसों का सफर,
यूँ ही ख़ाक हुआ...
जब उन्होंने कहा
“कहो...कैसे आना हुआ ?”

1117


लिख दू तो लफ्ज़ तुम हो,
सोच लू तो ख्याल तुम हो,
मांग लू तो मन्नत तुम हो, और
चाह लू तो मोहोब्बत भी तुम ही हो

1116


मुस्कराहट का कोई मोल नहीं होता ,
कुछ रिश्तों का कोई तोल नहीं होता ,
लो तो मिल जाते है हर मोड़ पर...
लेकिन हर कोई आप की तरह अनमोल नहीं होता !!!

20 March 2017

1115

तेरा हुआ ज़िक्र
तो हम तेरे सजदे में झुक गये,
अब क्या फर्क पड़ता है
मंदिर में झुक गये या मस्जिद में झुक गये !!!

1114


सारे ताबीज,
गले में पहन कर देख लिए...
आराम तो बस,
तेरे दीदार से ही मिला . . . !!!

1113


इश्क़ वो नहीं जो
तुझे मेरा कर दे...
इश्क़ वो है जो
तुझे किसी और का ना होने दे !!!

1112


तीनका तीनका सासो को जोडते रहे हम,
नके इंतजl में...
.......
न्होने एक नजर में 
जान ही ले ली . . . !

1111


तेरी हर बात
"ख़ामोशी" से मान लेना,
यह भी अन्दाज़ है,
मेरी नाराज़गी का..!!

19 March 2017

1110


तन्हा आँसू बहाने का हुनर
सबके पास नही होता,
जज्बात दफन करने पङते है
किसी अपने की खातिर।

1109


मुस्कुराहटें झूठी भी
हुआ करती हैं यारों...
इंसान को देखना नहीं
बस समझना सीखो.. .!!!

1108


अल्फ़ाज़ के कुछ तो,
कंकर फ़ेंको... ..
यहां झील सी गहरी,
ख़ामोशी है....

1107


सोच रहा हूँ की,
कुछ दोस्तों पर मुक़दमा कर हीं दूँ...!!
कम से कम इसी बहाने,
हर तारीख़ पर उनसे
मुलाक़ात तो हो ही जाया करेगी...!!!

1106


इस शहर में मजदूर जैसा
दर बदर कोई नहीं,
सैंकड़ों घर बना दिये
पर उसका कोई घर नहीं...

18 March 2017

1105


हवा से कह दो की,
खुद को आजमा के दिखाये;
बहुत चिराग बुझाती है,
एक जला के दिखाये...

1104


ज़िंदगी है नादान इसलिए चुप हूँ...
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ...
कह दूँ जमाने से दास्तां अपनी...
उसमें आयेगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ...!

1103


ये दुनिया वाले भी बडे अजीब है ...
दर्द आँखो से निकले ,
तो कायर कहते हैं ...
और बाँतो से निकले ,
तो शायर कहेते हेँ .......

1102


जमा करने में लगा हूँ यारों...
..... सुना है…..
दौलत और शोहरत साथ नही जाते...

1101


सोचते हैं कह तो दें,
हाले दिल तुमसे,
पर डरते हैं कहीं फिर से तुम्हें ...
हमसे मुहब्बत हों जायें !

17 March 2017

1100 खूबसूरत शायरी


खूबसूरत सा एक पल किस्सा बन जाता है
जाने कब कौन जिंदगी का हिस्सा बन जाता है ।
कुछ लोग जिंदगी मे मिलते है ऐसे,
जिससे कभी ना टूटने वाला रिस्ता बन जाता है।।

1099


किस्मत से लड़ने में
मजा आ रहा है दोस्तों !
ये मुझे जीतने नहीं दे रही,
और हार मैं मान नहीं रहा !

1098


हमने ये शाम चराग़ों से सजा रक्खी है;​​
आपके इंतजार में पलके बिछा रखी हैं;
​हवा टकरा रही है शमा से बार-बार;​​
और हमने शर्त इन हवाओं से लगा रक्खी है।

1097


"शाम के बाद मिलती है रात,
हर बात में समाई हुई है तेरी याद...
बहुत तनहा होती ये जिंदगी,
अगर नहीं मिलता जो आपका साथ."

1096


कहने को खुली किताब हूँ मैँ  !
मगर सच कहूँ तो एक राज़ हूँ मैँ,
सब को लगता है...
लहर हूँ,
नदी हूँ,
या समन्दर हूँ मैँ,
मगर सच कहूँ तो बस...
प्यास हूँ मैँ ! ! !

16 March 2017

1095


"कोहराम मचा रखा है सर्द हवाओं ने...
और एक तुम्हारे दिल का मौसम है,
जो बदलने का नाम ही नही लेता...!"

1094


उतर ही आते है,
कलम के सहारे,
कागज पर..!
तेरे ख्याल…
कमबख़्त ये जिद्दी बहुत है !!

1093


इतनी यादें तेरी
पर तू मेरे पास ही नही,
इतनी बातें हैं करने को
पर तू साथ नही...

1092


मुझे कहाँ से आएगा
लोगो का "दिल" जीतना...
मै तो अपना भी
"हार" बैठा हुँ...!

1091


धड़कने टूटकर बिखर जाती है…
जब तुम बेहिसाब याद आते हो।

1090


उसकी मुहब्बत का सिलसिला भी
क्या अजीब है . . .
अपना भी नहीं बनाती और
किसी का होने भी नहीं देती . . . !

15 March 2017

1089


मिलावट है तेरे इश्क में,
इत्र और शराब की...,
वरना हम कभी महक,
तो कभी बहक क्यों जाते...!

1088


छोटासा तालिका है
मेरी "ख़्वाहिशों" का l
पहले भी "तुम" और
आख़िरी भी "तुम" ll

1087


मेरे जितना प्यार तुमसे
किसी से नही किया होगा,
अगर इसे ठुकराओगे तो
सोच लो क्या होगा

1086


मोहब्बत की आजतक बस
दो ही बातें अधूरी रही,
इक मै तुझे बता नही पाया,
और दूसरी तूम समझ नही पाये…

13 March 2017

1085

हम तो फूलों की तरह
अपनी आदत से बेबस हैं...
तोडने वाले को भी
खुशबू की सजा देते हैं...!!!

1084


खुशियां तो
तकदीर में होनी चाहिये,
तस्वीरों में तो,
हर कोई मुस्कुराता है...

1083


रखा करो नजदीकीयाँ
जिन्दगी का कुछ भरोसा नहीं ...
फिर कहना चले भी गये
और बताया भी नहीं

1082


तुम्हारे बदल जाने पर
मुझे आज भी यकीन नहीं आता,
ज़िन्दगी सांस लेने को मना कर दे,
यह कौन मानेगा...