12 May 2017

1310


एक अजीब सा मंजर नज़र आता है,
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,

हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं…

1309


बड़ी अजीबो-गरीब हैं
नादाँ दिल की ख्वाहिश।
या रब मेरे !
अमल में कुछ भी नहीं और

दिल तलब्गार हैं जन्नत का।

1308


अपने हर आह की दास्तां अर्ज किया है हमने l
अपने हर जुर्म का बयां दर्ज किया है हमने ll

मुजरिम हुआ ऐ हुस्न, सूली पे लटका दो मुझे l
गुनाह कुबूल है मुझे, तुमसे इश्क किया है हमने ll

मेरे गजल सुबूत हैं, देख लो ऐ दिल के मालिक l
अपने हर आंसू की कीमत वसूल किया है हमने ll

तेरे दर पे मुझे कुछ न मिलेगा, ये जानकर भी l

इस दिल के सहारे तेरी बंदगी किया है हमने ll

1307


कैसा अजीब रिश्ता है
ये दिल आज भी
धोखे में हैं...
और

धोखेबाज आज भी दिल में....!!!

1306


प्रेम कोई व्यवहार थोड़े ही ना है,

कि तू करे,
तो ही मैं करुँ ?

9 May 2017

1305


आ, लिख दूं आज कुछ तेरे बारे में...
मुझे पता है,
तू रोज ढूंढती हैं,

खुद को मेरे अल्फाज़ो में . . . !

1304


वफ़ा करने से मुकर गया है दिल;
अब प्यार करने से डर गया है दिल !
अब किसी सहारे की बात मत करना;

झूठे दिलासों से भर गया है अब यह दिल !!

1303


नादानगी की हद तो देखो...,
मेरे सनम की.......

मुझे खोकर आजकल,
मेरे जैसा ढूँढ रही है !

1302


साक़ी को गिला है कि
उसकी बिकती नहीं शराब...

और एक तेरी आँखें हैं कि
होश में आने नहीं देतीं...

1301



रुठुंगी अगर तुजसे
तो इस कदर रुठुंगी की ,

ये तेरी आँखे मेरी एक
झलक को तरसेंगी !!

8 May 2017

1300


मुझे कोई प्यार करे...
ऐसी फिरयाद नही है मेरी

पर में सबसे प्यार करू...
ऐसा दिल जरूर दिया है रब ने...

1299


अर्थ लापता हैं
या फिर शायद शब्द खो गए हैं,

रह जाती है मेरी हर बात क्यूँ
इरशाद होते होते...

1298


क्या हुआ जो हमसफ़र ना बन सके,
दोस्त ही सही,

ये मोहब्बत भी ना जाने ...
कितने समझौते करवाती है . . .

1297


एक दिल मेरे दिल को ज़ख़्म दे गया
ज़िंदगी भर ना मिलने की कसम दे गया!
लाख फूलों में से चुना था एक फूल

जो काटो से भी गहरी चुबन दे गया !

1296


खुद से भी छुपाई है,
धड़कन अपने सीने की,

हम को जीना पड़ता है,
ख्वाईश कब है जीने की..!!

6 May 2017

1295


बेशक अपनी मंजिल तक जाना है,
लेकिन जहाँ से अपना दोस्त ना दिखे;

वो ऊँचाई किस काम की ...!

1294


लो खत्म हुई,
रंग-ऐ-गुलाल की शोखियां;

चलो यारो फिर,
बेरंग दुनिया में लौट चले . . . ।

1293


मुफ्त में नहीं आता,
यह शायरी का हुनर…
इसके बदले ज़िन्दगी हमसे,

हमारी खुशियों का सौदा करती है…!

1292


कभी बंद आँखों से पढ़ लेती थी,
तुम मेरे साये की आवाज को…
आज भरी महफ़िल में,
मेरे नाम को अनसुना सा कर दिया...

1291


जिंदगी देने वाले, मरता छोड़ गये;
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये;
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की;

वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये।

1290


"तेरी चाहत में हम ज़माना भूल गये,
किसी और को हम अपनाना भूल गये,
तुम से मोहब्बत हैं बताया सारे जहाँ को,

बस एक तुझे ही बताना भूल गये......"

1289


गलती इतनी हुई की
तुझें जान से ज्यादा चाहने लगे हम
क्या पता था की मेरी इतनी परवाह

तुझें लापरवाह कर देगी!

1288


हम इतने बदनाम है कि
लडकिया हमें खुद फोन लगाकर बोलती है
आप हमारी गली मे मत आया करो
लोग शक बहुत करते है . . .

1287


होली के दिन तू मुझे मिलना
ज़रूर ऐ ज़िन्दगी।

तुझे खुशियो के रंगो से
रँगने की ख्वाहिश है ।।

1286


संभल कर रहना जीवन में
उन लोगों सॆ दोस्तों ..,

जिनके दिल के अंदर भी
दिमाग रहता हे ..!!

3 May 2017

1285


न जाने कितनी अनकही बातें,
कितनी हसरतें साथ ले जाएंगे...
लोग झूठ कहते हैं कि
खाली हाथ आये थे,
खाली हाथ जाएंगे . . . 

1283 - 1284


तु इस कदर मुझे,
अपने करीब लगता है ।
तुझे अलग से जो सोचूं तो,
अजीब लगता है . . . ।

परवीन शाकिर

ज़ाने क़ितनी अनक़हीं बातें,
क़ितनी हसरतें साथ ले ज़ाएंग़े...
लोग़ झूठ क़हते हैं क़ि,
ख़ाली हाथ आये थे,
ख़ाली हाथ ज़ाएंग़े......

1282


"कितनी अजीब बात है;
जब हम गलत होते है तो समझौता चाहते हैं...,
और दुसरे गलत होते है तो;

हम न्याय चाहते हैं...!

1281


हाल तो पुछ लूं तेरा...
पर डरता हूँ आवाज से तेरी,
जब जब सुनी है...

कम्बख्त मोहोब्बत ही हुई है...!

2 May 2017

1280


जिंदगीने कैसी खिंची
यह तसवीर हमारी।
छुपा न सकी वो,

हॅसते हुए पलकोंके, पिछे के आंसूभी ।।

1279


किस्मत की किताब तो
खूब लिखी थी मेरे रब ने,

बस वही पन्ना गुम था . . .
जिसमे तेरा जिक्र था।

1278


तेरी मोहब्बत भी,
किराये के घर की तरह थी . . .

कितना भी सजाया,,,
पर मेरी न हो सकी...

1277


दिल तोड़ के जाने वाले सुन...
दो और भी रिश्तें बाक़ी हैं;
एक सांस की डोरी अटकी है,

एक प्रेम का बंधन बाक़ी है...!

1276


दीवार क्या गिरी
मेरे कच्चे मकान की…

लोगों ने मेरे आँगन से
रास्ते बना लिए…

1275


ए बुरे वक्त,
जरा आदब से पेश आ...
वक्त ही कितना लगता है ,

वक्त बदलने में !

1274


क्या मांगू खुदा से में आपको पाने के बाद,
किसका करू इंतेज़ार में आपके आने के बाद,
क्यूँ दोस्तों पर जान लुटाते हैं लोग,

मालूम हुआ आपको दोस्त बनाने के बाद !

1273


बैठे बैठे ज़िन्दगी बरबाद ना की जिए,
ज़िन्दगी मिलती है कुछ कर दिखाने के लिए,
रोके अगर आसमान हमारे रस्ते को,
तो तैयार हो जाओ आसमान झुकाने के लिए |

1272


कभी इनका हुआ हूं मै,
कभी उनका हुआ हूं मै,
खुद के लिए कोशिश नहीं की,
मगर सबका हुआ हूं मै…
मेरी हस्ती बहुत छोटी,
मेरा रूतबा नही कुछ भी
लेकिन डूबते के लिए सदा

तिनका हुआ हू मै

1271


क्या करे रिश्तों के बजार में आजकल…
वो लोग हमेशा अकेले पाये जाते हैं,
साहेब जो दिल और जुबान के सच्चे होते हैं,

जैसे हम . . . !

29 April 2017

1270



वक़्त और प्यार ज़िंदगी में
बहुत ख़ास होते हैं।
लेकिन वक़्त किसी का नहीं होता;
और प्यार हर किसी से नहीं होता...!

1269


सीख जाओ वक्त पर किसी
की चाहत की कदर करना,
कहीं कोई थक ना जाये तुम्हें

एहसास दिलाते दिलाते...

1268


कुछ मीठा सा नशा था
उसकी झुठी बातोंमे...

वक्त गुज़रता गया और
हम आदी हो गये...!

1267


गुमान था कि कोई दुश्मन
जान नहीं ले सकता...
तेरे वार का तो ख्याल तक

नहीं था.......

1266


एहसासों के सागर में आज लहरें हैं मचल रही,
समझ नही रही हैं की साहिल है या मजधार है,
हम कह चुके हज़ारों बार आँखों से अपने यह बात,

कहना है आज होठों से की हम को उन्ही से प्यार है…

28 April 2017

1265


कोई होंठो पे,
उगलियाँ रख गया था,

उसी दिन से,
मैं लिख कर बोलता हूँ . . . !

1264


आइना फिर आज
रिश्वत लेते पकड़ा गया...
दिल में दर्द था...

फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया...!!

1263


इशारों में होती महोब्बत अगर,
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता,
बस पत्थर बन के रह जाता ‘ताज महल’

अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता...

1262


महोब्ब्त दिल में कुछ ऐसी होनी चाहिये...
की हासिल भले दुसरे को हो,
पर कमी उसको ज़िन्दगी भर,
अपनी होनी चाहिये...!

1261


नहीं छोड़ी कमी,
किसी भी रिश्ते को निभाने में हमने...
आने वाले को,
दिल का रास्ता भी दिया हमने... और...

जाने वाले को, रब का वास्ता भी दिया हमने...

27 April 2017

1260


नकाब कहती है,
मैं पर्दा-ए-कयामत हूँ,
अगर यकीं न हो तो,

देख लो उठा के मुझे . . .

1259


तेरे आने की आहट . . .
और मेरे दिल का वहम ...
बस दोनों मिलकर एक यादों भरा,

दिन काट लेते है . . .

1258


समझ नही आता...
वफा करें तो किस सें करें !

मिट्टी सें बने ये लोग,
कागज के टुकड़ो पे बिक जाते है !!!

1257


लिखते लिखते आज हाथ रुक से गए ,
कुछ लम्हे याद आये कुछ भूल से गए ,
जो साथ ना होकर भी साथ हो हमारे ,
ऐसे दोस्त कहाँ खो से गए ???

1256


दिल के सच्चे
कुछ एहसास लिखते है,

मामूली शब्दों में ही सही,
कुछ खास लिखते हैं . . . !

25 April 2017

1255


कैसे ना मर मिटे
उन पर हम.......
पगली रूठ कर भी
कहती है...
सुनो......

संभल के जाना...!!!

1254


तेरी बेरुखी पे कोई
ऐतराज़ नहीं है हमें...
किस हाल में हैं हम...

इतना तो पूँछ लिया करो . . .

1253


आँखों में देख कर
वो दिल की हकीकत जानने लगे;
उनसे कोई रिश्ता भी नहीं
फिर भी अपना मानने लगे;
बन कर हमदर्द कुछ ऐसे
उन्होंने हाथ थामा मेरा;

कि हम खुदा से
दर्द की दुआ मांगने लगे।

1252


फिर इश्क़ का जूनून,
चढ़ रहा है सिर पे,
मयख़ाने से कह दो जरा की...

दरवाज़ा खुला रखे !!! 

1251


कैसे बताऊ तुम्हे ...
मुहब्बत का दर्द ...
जान जाओगी,

तो जान से जाओगी.......!

24 April 2017

1250


यह अजीब खेल है ,
मेरी जिंदगी में...
जहां याद का लफ्ज आ जाये ,

वहां तुम याद आते हो...

1249


जहर के असरदार होने से
कूछ नहीं होता जनाब,
खुदा भी राजी होना चाहिए

मौत देने के लिए…

1248


कोशिश तो होती है
की तेरी हर ख्वाहीश् पुरी करूं,
पर डर लगता है की तू
ख्वाहीश् में...

मुझसे जुदाई न मांग ले...

1247


कुछ खास नही
बस इतनी सी है मोहब्बत मेरी …!

हर रात का आखरी खयाल और
हर सुबह की पहली सोच हो तुम …!!

1246


मैंने तुम्हारी मजबूरियां समझी
और तुम्हे जाने दिया,
अब तुम भी मेरी मजबूरी समझो

और वापस आ जाओ...

22 April 2017

1245


हमने तो इश्क के नशे में,
उनको खुदा बना डाला,

होश तो तब आया जब उन्होंने कहा,
कि खुदा किसी एक का नहीं होता…

1244


छुपे छुपे से रहते हैं,
कभी सरेआम नहीं हुआ करते;

कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं,
उनके नाम नहीं हुआ करते…

1243


देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं,
दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं,
नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से,

फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं...!

1242


कुछ तो महक रहा था
फ़िज़ाओं में.... कल से,
हमें आज मालूम हूआ

के वो मेरे शहर आये थे...

1241


आँसू निकल पड़े ख्वाब में...
उसको दूर जाते देखकर,
आँख खुली तो एहसास हुआ...

इश्क़ सोते हुए भी रुलाता है !

21 April 2017

1240


जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है,
जिंदगी के कई इम्तिहान अभी बाकी हैं,
अभी तो नापी है मुटठी भर ज़मीन आपने,

आगे अभी सारा आसमान बाकी है !