19 February 2017

987 दिल तड़प लम्हे याद खामोश नज़र भीगी पलक मुस्करा शायरी


987
दिल तड़पता रहा और वो जाने लगे,
संग गुज़रे हर लम्हे याद आने लगे,
खामोश नज़रों से देखा जो उसने मुडकर,
भीगी पलकों से हम भी मुस्कराने लगे !

988 नब्ज हँस मर्जकी दवा हकीम महफिल पुराने दोस्त शायरी


988
देखी जो नब्ज मेरी,
हँसकर बोला वो हकीम,
जा जमा ले महफिल पुराने दोस्तोंके साथ..
तेरे हर मर्जकी दवा वहीं हैं…

986 दिल लाख शिकायत बयाँ शायरी


986
लाख शिकायतें हैं,
मगर कैसे करूँ बयाँ...
इधर दिल अपना,
उधर वो अपने......!

17 February 2017

985 दिल मुहब्बत आलम जरूरत साँस शायरी


985
ये दिल ही तो जानता हैं,
मेरी पाक मुहब्बतका आलम फ़राज़।
के मुझे जीनेके लिए साँसोंकी नहीं, 
तेरी जरूरत हैं......

984 सोच टूट चाह शायरी


984
सोचा था की  वो बहुत,
टूटकर चाहेगा हमे फ़राज़...
लेकिन चाहा भी हमने,
और टूटे भी हम......

983 बेशक खूबसूरत चेहरे मुस्कान शायरी


953
बेशक वो खूबसूरत,
आज भी हैं फ़राज़।
पर चेहरेपर वो मुस्कान नहीं,
जो हम लाया करते थे......

982 मोहब्बत सफर किफाय दाम आँसू बिक शायरी


982
तेरी मोहब्बतका सफर,
ऐसा लग रहा हैं फ़राज़।
जैसे किफायती दामपर
आँसू बिक रहे हो......

980 तोहमते हसीन इल्ज़ाम नाम शायरी


980
तोहमते तो लगती रहीं,
रोज नयी नयी हम पर फ़राज़।
मगर जो सबसे हसीन इल्ज़ाम था…
वो तेरा नाम था......

981 सूरज चौखट खैरात उजाले शायरी


981
जिनको सूरज मेरी चौखटपें,
मिला करता था फ़राज़।
वो आज देते हैं,
खैरातमें उजाले मुझको......

979 अक्सर हैरत शायरी


979
अक्सर वो कहते हैं,
वो बस मेरे हैं फ़राज़।
अक्सर क्यों कहते हैं...
हैरत होती हैं......

978 हसीन होठ नजर चुम गुस्ताख पर्दे शायरी


978
अपने हसीन होठोंको,
किसी पर्देमें छिपा लिया करो फ़राज़।
हम गुस्ताख लोग हैं,
नजरोंसे चुम लिया करते हैं......

977 मोहोब्बत काश बेसब्री तसल्ली शायरी


977
काश वो आकर कहें,
किसी दिन मोहोब्बतसे फ़राज़।
ये बेसब्री कैसी...
तेरी ही हूँ मैं तसल्ली रख......

976 भुला वक़्त सब्र कदर रुह शायरी


976
भुला देंगे तुझे,
जरा तो सब्र कर फ़राज़।
बसे हो इस कदर रुहमें,
कुछ तो वक़्त लगेगा......

15 February 2017

975 जिक्र महफ़िल नाम ग़ैर लब शायरी


975
जिक्र तेरा हुआ तो,
हम महफ़िल छोड़ आये फ़राज़।
हमे ग़ैरोंके लबपें...
तेरा नाम अच्छा नहीं लगता......

974 दिल बुरा बाज़ार मकान दिन शायरी


974
ये दिल बुरा ही सही,
सरे बाज़ार तो ना कहो फ़राज़।
आखिर तुमने इस मकानमें...
कुछ दिन गुजारे भी थे......

973 हजार दुआ माँग खुशनसीब शायरी


973
हजार दुआओंमें माँगकर भी,
वो हमारी ना हो सकी फ़राज़।
खुशनसीबने बिना मांगे ही,
उन्हें अपना बना लिया......

972 दिल गलत सुन इश्क़ आँख पलके शायरी


972
गलत सुना था की,
इश्क़ आँखोंसे होता हैं फ़राज़।
दिल तो वो भी ले जाते हैं...
जो पलके तक नहीं उठाते......

971 मुहब्बत अजीब कश्मकश धड़कन संभल जान शायरी


971
अजीब कश्मकशसी होती हैं,
मुहब्बतमें फ़राज़।
धड़कने संभलती नहीं
और जान निकलती नहीं......

14 February 2017

970 दिल चाह जुदा नाता टूटे जोड़े शायरी


970
दिलसे चाहने वाला कभी जुदा नहीं होता,
जो होता हैं वो अपना नहीं होता,
किसी टूटे हुए तो नाता जोड़ो,
जो टूटे हुए दिल जोड़े...
उससे बड़ा खुदा नहीं होता l

969 महबूब खुदा कबूल शायरी


969
उसने महबूब ही तो बदला हैं,
फिर ताज्जुब कैसा …
दुआ कबूल ना हो तो लोग,
खुदा तक बदल लेते हैं !!!

968 दिल खूबसूरत चेहरे दुनियाँ खूबसूरत तलाश उमर गुजर शायरी


968
खूबसूरत "चेहरे",
तो बहुत देखे इस दुनियाँमें मगर...
खूबसूरत "दिल",
तलाशनेमें उमर गुजर गयी...!

967 खिल मसले कुचले फूल शर्त सीने शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


967
खिल भी सकते हैं,
ये मसले कुचले हुए फूल.....
शर्त यह हैं की,
सीनेसे लगाना होगा ।।

966 दिल सस्ते दौलत जिस्म खर्च शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


966
दिल तो आज भी
सस्ते हैं साहब ...
दौलत तो जिस्मोंपर 
खर्च होती हैं…

965 दिल खत सफर जज़्बात बात शायरी


965
खतोंसे मीलों सफर करते थे
जज़्बात कभी...
अब घंटों बातें करके भी
दिल नहीं मिलते…

964 हिम्मत समुन्दर मजबूर बूँद आँसु शायरी


964
हिम्मत इतनी थी कि,
समुन्दर भी पार कर सकते थे,
मजबूर इतने हुए कि,
दो बूँद आँसुओंने डुबो दिया…

963 दिल काँच हाथ जख्म ख्याल शायरी


963
 "बनाने वालेने दिल काँचका बनाया होता,
तोड़ने वालेके हाथमें जख्म तो आया होता…
जब बी देखता वो अपने हाथोंको,
उसे हमारा ख्याल तो आया होता…"

961 प्यार आँख दीवाने बात इंकार कसूर गुनहगार नाम शायरी


961
“दीवाने हैं तेरे नामके,
इस बातसे इंकार नहीं,
कैसे कहें कि तुमसे प्यार नहीं...
कुछ तो कसूर हैं आपकी आँखोंका,
हम अकेले तो गुनहगार नहीं l

962 तस्वीर सिने जुदाई गम जिक्र पलक शायरी


962
"उनकी तस्वीरको सिनेसे लगा लेते हैं,
इस तरह जुदाईका गम मिटा देते हैं,
किसी तरह कभी उनका जिक्र हो जाये तो,
भिगी पलकोंको हम झुका लेते हैं l"

11 February 2017

960 रात शाम याद बात साँस खामोश आवाज़ शायरी


962
रात हुई जब शामके बाद,
तेरी याद आई हर बातके बाद,
हमने खामोश रहकर भी देखा,
तेरी आवाज़ आई हर साँसके बाद !

959 दिल शाम चराग़ याद शायरी


959
शाम होते ही,
चराग़ोंको बुझा देता हूँ…
दिल ही काफ़ी हैं,
तेरी यादमें जलनेके लिए !

958 शक मुहब्बत सबूत बदनाम शायरी


958
शक ना कर,
मेरी मुहब्बतपर पगली......
अगर मैं सबूत देनेपर आया तो...
तु बदनाम हो जायेगी...!!!

957 दिल नाम उलझ होंठ शायरी


957
हमने लिया सिर्फ होंठोंसे,
जो तेरा नाम…
दिल होंठोंसे उलझ पड़ा,
कि ये सिर्फ मेरा हैं !

956 दिल प्यार वादे जिक्र मोहब्बत बाजार डर सोच रुसवाई ऐतबार शायरी


956
वादेपें वो ऐतबार नहीं करते,
हम जिक्र मोहब्बत सरे बाजार नहीं करते;
डरता हैं दिल उनकी रुसवाईसे,
और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते ।।

10 February 2017

955 उदासी वजह इजाजत नाम शायरी


955
लोग मुझसे मेरी,
उदासीकी वजह पूछते हैं फ़राज़।
इजाजत हो तो...
तेरा नाम बता दूँ......

954 वाकिफ हार कमजोरी शायरी


954
वाकिफ हैं वो मेरी,
हर कमजोरीसे फ़राज़।
वो रो देती हैं...
और मैं हार जाता हूँ......

953 दिल कोशिश सूखे परिन्दे बसेरा शायरी


953
टूटे हुए दिलमें रहनेकी,
कोशिश ना कर फ़राज़।
क्योंकी सूखे हुए पेड़पर तो,
परिन्दे भी बसेरा नहीं करते......

952 मलाल ग़ैर छत परिन्दे शायरी


952
जो उड़ गए परिन्दे,
उनका मलाल क्या करूँ फ़राज़। 
यहां तो पाले हुए भी,
ग़ैरोंके छतोंपर उतरते हैं......

951 फायदा बारिश बरस सीने शख्स बिजलि डर शायरी


951
अब क्या फायदा,
बारिशोंके बरसनेका फ़राज़,
वो शख्स ही पास नही,
जो सीनेसे लगता था...
बिजलियोंकी डरसे II

9 February 2017

950 कम सज़ा पेशेवर मुज़रिम गलती इश्क़ शायरी


950

सज़ा, Punishment

उससे कह दो मेरी सज़ा,
कुछ कम करदे फ़राज़।
मैं पेशेवर मुज़रिम नहीं हूँ......
गलतीसे इश्क़ हुआ हैं ll

Tell him my punishment,
Faraz, do something less.
I am not a professional criminal...
I fell in love by mistake.

949 खुबसुरत रिश्ता शायरी


949

रिश्ता, Relationship

कितना खुबसुरत हैं,
उसका मेरा रिश्ता...
उसने कभी बांधा,
हमने कभी छोड़ा......

How beautiful they are,
Her and my relationship...
Nor did she ever tie it,
Nor did I ever leave...

948 लफ्ज़ कहर असर खामोश शायरी


948

कहर, Havoc

अपने हर लफ्ज़में,
कहर रखते हैं हम,
रहें खामोश फिरभी,
असर रखते हैं हम...!

In every word of yours,
We wreak havoc,
Still remain silent,
We have influence...!

947 जीना सब कुछ शायरी


947

जीना, Living

जी चुके हैं उनके लिये,
जो मेरे लिये सब कुछ थे...
अब जीना हैं उनके लिये,
जिनके लिये मैं सब कुछ हूँ...

Have lived for them,
Who were everything to me...
Now I have to live for them,
For whom I am everything..

946 जिंदगी कदम समझौता शौक मरमर शायरी


946

समझौता, Compromise

"जिंदगी तुझसे हर कदमपर,
समझौता क्यों किया जाए...
शौक जीनेका हैं मगर,
इतना भी नहीं,
की मरमरके जिया जाए..."

"Life meets you at every step,
Why compromise...
My passion is to live but,
Not even that much,
That one may live by dying moment by moment..."

945 यकीनन फर्क खास नजरअंदाज़ शायरी


945

नजरअंदाज़, Ignore

आ गया हैं फर्क,
तुम्हारी नजरोंमें यकीनन...
अब एक खास अंदाज़से,
नजरअंदाज़ करते हो हमे...

There has been a difference,
Surely in your eyes...
Now in a special way,
You ignore me...

944 किस्मत आसमान चमक सितारे टूट तमन्ना इंतज़ार शायरी


944

किस्मत ,Luck

हैं किस्मत हमारी,
आसमानमें चमकते सितारे जैसी
लोग अपनी तमन्नाके लिए,
हमारे टूटनेका इंतज़ार करते हैं…

It's our luck,
Like the stars shining in the sky…
People for their wishes,
Wait for us to break…

943 इश्क बात बूरा पहचान राहत शायरी


943

राहत, Relief

इश्क, एक बात कहूँ,
बूरा तो नहीं मानोगे
बहुत राहतके दिन थे,
तेरी पहचानसे पहले

O love, let me tell you one thing,
You won't feel bad...
Those were days of great relief,
Before I knew you...

942 जिन्दगी जख्म जुबां खामोश आँख नमी दस्तान शायरी


942

कमी. Missing

जुबां खामोशआँखोंमें नमी होगी,
यहीं बस मेरी दस्तान--जिन्दगी होगी...
भरनेको तो हर जख्मभर जाऐगा,
कैसे भरेगी वो जगह हां तेरी कमी होगी...

The tongue will be silent, the eyes will be moist,
This will be my only glove of life...
Every wound will be healed,
How will I fill the place where you are missing?

941 दुनियाँ हमदर्दी उम्मीद प्यार जख्म शिद्दतसे चाह शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


941

जख्म, Wounds

उम्मीद न कर इस दुनियाँमें,
किसीसे हमदर्दी की...
बड़े प्यारसे जख्म देते हैं,
शिद्दतसे चाहनेवाले...!

Don't have hope in this world,
Sympathized with someone...
They give wounds with great love,
Deeply loved...!

8 February 2017

940 दुनियाँ जनाब सोच ख्वाब शायरी


940

ख्वाब, Dream

जो इस दुनियाँमें नहीं मिलते ,
वो फिर किस दुनियाँमें मिलेंगे जनाब...
बस यही सोचकर रबने एक दुनियाँ बनायी ,
जिसे कहते हैं ख्वाब...!!!

Which are not found in this world,
In which world will they meet again, sir?
Just thinking this, God created a world,
Which is called dream...!!!

939 प्यार मालिक हक़ किरायेदार शायरी


939

हक़, Right

माना की उसके प्यारका,
मालिक नहीं हूँ मैं...
पर किरायेदारका भी कुछ,
हक़ तो बनता हैं ना॥

Suppose of her love,
I am not the owner...
But the tenant also has something,
It is a right, isn't it?

938 दिल प्यार बेक़रार नादान पागल अमानत समझ इंतज़ार शायरी


938

अमानत, Trust

कितना समझाया दिलको,
कि तू प्यार ना कर;
किसीके लिए खुदको,
बेक़रार ना कर...
वो तेरे लिए नहीं हैं नादान;
पागल, किसी औरकी अमानतका,
इंतज़ार ना कर

How much did I explain to you, my heart?
That, You don't love;
For someone You,
Don't be impatient...
She is not for you silly person;
O fool, someone else's trust,
Don't wait...

937 आँखें बातें अजनबी शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


937

अजनबी, Stranger

आँखें भिगोने लगी हैं,
अब तेरी बातें...!
काश तुम अजनबी ही रहते...
तो अच्छा था...!

My eyes are getting wet,
Because of your words now...!
I wish you would remained a stranger...
It was good...!

936 दुनियाँ जिंदगी साथ सच्चा प्यार साँसे एहसान बाह राह शायरी


936

एहसान, Favor

साथ देना चाहते हैं, आपकी हर राहमें,
जिंदगी जीना चाहते हैं, आपकी बाहोंमें,
बन जाना साँसे हमारी ओर, कर देना एहसान इतना,
जो हो हमारा प्यार सच्चा इस दुनियाँमें...!

Want to support you in every way,
I want to live my life in your arms,
Become a breath for me, do this one favor,
Whatever our love may be true in this world...!

6 February 2017

935 मुस्कुरा आँखें बात दर्द बयाँ शायरी


935

दर्द, Pain

कभी मुस्कुराती आँखें भी,
कर देती हैं कई दर्द बयाँ,
हर बात रोकर बताना ही,
जरूरी नहीं होता…

Sometimes even smiling eyes,
Expresses many pains,
Telling everything by crying,
It was not necessary…

934 दिल गुस्सा प्यारा तंग शायरी


934
तुम्हारा तो गुस्सा भी,
इतना प्यारा हैं के...!
दिल करता हैं दिनभर तुम्हे,
तंग करते रहें...!!

933 इश्क रुला रोने चाह शायरी


933

इश्क, Love

मत पूछो ये इश्क कैसा होता हैं...
बस जो रुलाता हैं ना,
उसीके गले लगकर...
रोनेको जी चाहता हैं  ll

Don't ask what this love is like...
Just the one who makes you cry, right?
By hugging him...
Wants to cry ll

932 यकीन साथ फर्क खिलाफ शायरी


932

खिलाफ, Against

जब मुझे यकीन हैं,
कि खुदा मेरे साथ हैं l
तो इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता,
कि कौन कौन मेरे खिलाफ हैं…!!!

When I am sure,
that God is with me
So it doesn't matter to me,
Who all are against me…!!!

931आसानी ज़िद मुकद्दर ख्वाहिश शायरी


931

मुकद्दर, Destiny

मिल सके आसानीसे ,
उसकी ख्वाहिश किसे हैं ?
ज़िद तो उसकी हैं...
जो मुकद्दरमें लिखा ही नहीं...

Can be found easily,
Whose desires is that?
It's his stubbornness...
Which is not written in his destiny...

930 आसान समझ शायद पन्ने छोड़ पढ़ शायरी


930

आसान, Easy

इतना, आसान हूँ कि,
हर किसीको समझ आ जाता हूँ,
शायद तुमने ही...
पन्ने छोड़ छोड़कर पढ़ा हैं मुझे…!!

I am so easy,
I can understand everyone,
Maybe you yourself...
I have read it leaving pages...!!

929 मोहब्बत दुनियाँ दस्तूर अजीब शायरी


929

मोहब्बत, Love

तेरी दुनियाँका यह दस्तूर भी,
अजीब हैं "ए खुदा"...
मोहब्बत उनको मिलती हैं...
जिन्हें करनी नहीं आती...!

This is also the custom of your world,
Oh God, It's strange...
They get love...
Those who don't know how to do it...!

928 मुलाक़ात वक़्त तक़ाज़ा याद दिल दर्द जुदाई बातें हकीकत अंदाजा ग़ज़ल शायरी


928

हकिकत, Reality

हर मुलाक़ातपर वक़्तका तक़ाज़ा हुआ l
हर यादपर दिलका दर्द ताज़ा हुआ l
सुनी थी सिर्फ ग़ज़लोंमें जुदाई कि बातें l
अब खुद पर बीती तो हकिकतका अंदाजा हुआ ll

There was a need for time at every meeting.
The pain of my heart is refreshed at every memory.
I had only heard about separation in ghazals.
Now after looking at myself, I realized the reality.

927 काश वजह साथ आँखें पल खाव्ब गुजर कल शायरी


427

खाव्ब, Dream

काश फिर वो मिलनेकी वजह मिल जाएँ,
साथ वो बिताया वो पल मिल जाये,
चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें,
क्या पता, खाव्बोंमें गुजराहुआ कल मिल जाएँ…

I wish we could find a reason to meet again,
May we get back that moment we spent together.
Let's close our eyes,
Who knows, we might see our lost past in our dreams…

926 दुनियाँ रुला शायरी


926

रुला, Cry

मुझे कुछ हो गया तो,
इस दुनियाँमें कोई नहीं रोयेगा...
अगर तुझे कुछ हो गया तो,
पूरी दुनियाँको रुलाऊंगा !

If something happens to me,
No one will cry in this world...
If something happens to you,
I will make the whole world cry!

4 February 2017

925 याद शुरु सुबह दिन खराब शायरी


925

याद, Memory

तेरी हर यादसे शुरु होती हैं,
मेरी हर सुबह
फिर ये कैसे कह दुँ कि,
मेरा दिन खराब हैं...!

Every memory starts with you,
My every morning…
Then how can I say this,
I'm having a bad day...

924 प्यार मदहोश आलम याद बेवफ़ा बदनाम धूल चेहरे बरस रोते आईना शायरी


924

आईना, Mirror

उसकी यादमें हम बरसों रोते रहें;
बेवफ़ा वो निकले बदनाम हम होते रहें;
प्यारमें मदहोशीका आलम तो देखिये;
धूल चेहरेपें थी और हम आईना साफ़ करते रहें...

May I continue to cry in her memory for years;
She turns out to be unfaithful and I continue to be disgraced;
Look at the state of intoxication in love;
There was dust on our faces and we kept cleaning the mirror...

923 याद करवटें दर्द झील लफ़्ज रोता खुश शायरी


923

लफ़्ज, Word

कहीं दर्दकी झीलें हैं,
तो कहीं यादों भरी करवटें...
उसे कहना मैं खुश तो हूँ,
मगर मेरा हर लफ़्ज रोता हैं.....!

Somewhere there are lakes of pain,
So, somewhere full of memories...
tell him, that I am happy,
But every word of mine makes me cry...!

922 घोंसला मशगूल उड़ने पंख भूल शायरी


922

पंख, Wings

घोंसला बनानेमें हम,
यूँ मशगूल हो गये...
उड़नेको पंख भी थे,
ये हम भूल ही गये...!!

In making a nest,
Got busy like this...
I had wings to fly,
We forgot also this...!!