28 February 2017

1025 दिल दरमियान हौंसला पलक दूरियाँ ख्वाब हिचकियाँ शायरी


1025
कुछ तो अपने और मेरे दरमियान रहने दे,
दूरियाँ चुभती हैं फिर भी रहने ही दे l
ख्वाब है तू तो टूट भी जायेगा ,
थोड़ी देर तू मेरी पलकोंपे अपनी अंगुलियाँ रहने भी दे l
इनका भी जब जब अपनोंसे दिल भर जायेगा,
हौंसला देंगी तुझे, ये हिचकियाँ रहने भी दे ...ll

1024 दिल सुन अश्क साथ पास चाँदनी रात हसीन मुलाक़ात बार दोहरा शायरी


1024
हाल दिलका तुम्हे सुनाते,
अगर तुम पास होते,
अश्क तुम्हारे साथ बहाते,
अगर तुम पास होते,
चाँदनी रातकी उन हसीन मुलाक़ातोको,
फिरसे एक बार दोहराते,
अगर तुम पास होते...

1022 गम हँस भुला पानी लहर हटा शायरी


1022
गमोमें हँसनेवालोंको भुलाया नहीं जाता,
पानीको लहरोंसे हटाया नहीं जाता,
बननेवाले बन जाते हैं अपने कहकर,
किसीको अपना बनाया नहीं जाता ।

1023 दिल ज़िंदगी निगाह जान जीने इशारा सहारा फ़ना बंधन ज़माने पुकार शायरी


1023
आपकी निगाहोंसे काश कोई इशारा होता,
ज़िंदगीमे मेरी जान जीनेका सहारा होता,
फ़ना कर देते हम हर बंधन ज़मानेके,
आपने एक बार दिलसे पुकारा होता...

1021 खुशनुमा कल रात तन्हा गुज़र ख्याल साथ शायरी


1021
बहुत खुशनुमा...कलकी रात गुज़री,
कुछ तन्हा. . .
पर कुछ...खास गुज़री,
बस उनके ही ख्यालोंके साथ गुज़री. . . . . . . !

27 February 2017

1020 शिकायत बीते कल याद शायरी


1020
यूँ तो कोई शिकायत नहीं मुझे...
मेरे आजसे...
मगर...
कभी कभी...
बीते हुए कलमें बसी हुई वो,
बहुत याद आती हैं......

1019 प्यार निभा शायरी


1019
प्यार वो नहीं,
जो कोई कर रहा हैं,
प्यार वो हैं,
जो कोई निभा रहा हैं...!

1018 चुप-चाप सफ़र हयात नज़र गुमराह शायरी


1018
चुप-चाप चल रहे थे,
सफ़र-ए-हयातमें...,
फिर तुमपर नज़र पड़ी,
तो गुमराह हो गए...!

1017 साथ रिश्ते वक्त धुंध लम्हे सपने टूट बेखबर नींद शायरी


1017
साथ छुटनेसे रिश्ते नहीं टूटा करते,
वक्तक़ी धुंधसे लम्हे नहीं टूटा करते,
लोग कहते हैं मेरा सपना टू गया,
बेखबर हैं वोह उन्हें क्या पता,
टूटती नींदसे सपने नहीं टूटा करते.......

1016 तन्हा एहसास घंटे दिन शायरी


1016
आज तन्हा हुए तो,
एहसास हुआ,
कई घंटे होते हैं,
एक दिनमें !

26 February 2017

1015 दिल आसान लफ्ज़ शायर दोस्त लफ्ज़ जोड़ टूट शायरी


1015
आसान नहीं हैं,
शायर बनना दोस्तो,
लफ्ज़ जोड़नेसे पहले...
दिल टूटना ज़रूरी हैं।

1013 दिल नादान हरकतें निकम्मे कदर शायरी


1013
बड़ी नादान हैं...,
इस निकम्मे दिलकी हरकतें...,
जो मिल गया उसकी कदरही नहीं,
और जो ना मिला उसे भूलता हीं...!

1014 दिल रोज सजता नादान दुलहन गम रोज बारात शायरी


1014
दिल तो रोज सजता हैं,
एक नादान दुलहनकी तरह;
और गम रोज चले आते हैं,
बाराती बनकर......!!!

1012 रात गुमसुम चाँद खामोश होश आँख गहराई हाथ जाम शायरी


1012
रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,
ऐसे डूबा तेरी आँखोंकी गहराईमें आज,
हाथमें जाम हैंमगर पिनेका होश नहीं l

1011 ज़िन्दगी खूबशूरत लम्हा तन्हाई खुश भीड़ अकेला शायरी


1011
दोस्ती ज़िन्दगीका,
एक खूबशूरत लम्हा हैं l
जिसे मिल जाये वो,
तन्हाईमें भी खुश हैं l
जिसे न मिले वो,
भीड़में भी अकेला हैं…ll

25 February 2017

1009 ज़िन्दगी हकीकत दर्द अकेले ख़ुशी जमाना शायरी


1009
ज़िन्दगीकी हकीकतको बस...
इतना जाना हैं,
दर्दमें अकेले हैं...
और ख़ुशीमें जमाना हैं...!!!

1010 माचिस तीलियाँ घर दिये जला शायरी


1010
एक जैसी ही दिखती थी, 
माचिसकी वो तीलियाँ…
कुछने दिये जलाये.. .
और कुछने घर..!

1008 आसमां ढुँढ सपना ज़मीं जीने मज़ा कमी शायरी


1008
क्या खूब कहा हैं...
"आसमांमें मत ढुँढ अपने सपनोंको,
सपनोंके लिए तो ज़मीं जरूरी हैं,
सब कुछ मिल जाए तो जीनेका क्या मज़ा,
जीनेके लिये एक कमी भी जरूरी हैं l"

1007 उलफ़त नीयत सीरत ख़ुदगर्ज़ क़ुसूर सोच हक़ीक़त शायरी


1007
उलफ़त बदल गयी......
कभी नीयत बदल गयी !!!
ख़ुदगर्ज़ जब हुए......
तो फिर सीरत बदल गयी !!!
अपना क़ुसूर.........
दूसरोंके सरपें डालकर,,,
कुछ लोग सोचते हैं...
हक़ीक़त बदल गयी !!!!!

1006 मोहब्बत सफ़र मंज़िल वफ़ा कागज़ घर ख्वाहिश तूफां शायरी


1006
मोहब्बतके सफ़रमें,
मंज़िल वफ़ाकी थी,
कागज़का घर बनाकर भी,
ख्वाहिश तूफांकी थी...

24 February 2017

1005 जिन्दगी साथ बसंत शायरी


1005
"तेरा साथ हैं तो जिन्दगीमें "बसंत" हैं.,
बिन तेरे मेरी जिन्दगीका "बस-अंत" हैं l"

1003 जिंदगी जुगनु दिया अंधेरे दोस्त पता शायरी


1003
जुगनु भी तो दिया हैं मेरे दोस्त,
अंधेरेमेही जिंदगी अपना पता बताती हैं

1004 दिल धडकन बदनाम शायरी


1104
दिलका नाम धडकन हैं,
जो खुदाने दी हैं,
धडकन रुक जाय तो…
खुदा बदनाम न हो जाएँ…?

1002 चिराग दिपक आँधी दम शायरी


1002
चिराग का दुसरा नाम दिपक भी हैं,
दिपक तो जलतेही रहते हैं।
आँधीमें इतना दम कहाँ
जो दिपक को बुझा दे।

1001 जिंदगी बँदगी गिरना संभल सँवर शायरी


1001
गिरकर संभलना,
संभलकर जिंदगी सँवरना;
यहीं तो जिंदगी हैं,
बँदगी इससे बढकर क्या होती हैं।

20 February 2017

1000 नफरत प्यार थक मौका शायरी


1000
जब नफरत करते करते थक जाओ,
तो एक मौका प्यार को भी दे देना !

999 मोहब्बत दिल्लगी आखरी ख्वाहिश शायरी


999
न जाने ऐसी भी क्या,
दिल्लगी थी तुमसे...
मैने आखरी ख्वाहिशमें भी,
तेरी मोहब्बत मांगी !!!

998 हौसला याद मेहनत हासिल तख्तोताज मंज़िल अंधेरा जुगनू रौशनी मोहताज़ शायरी


998
जब टूटने लगे हौसला,
तो बस ये याद रखना,
बिना मेहनतके,
हासिल तख्तोताज नहीं होते,
ढूंढ लेना अंधेरोमें,
मंज़िल अपनी,
जुगनू कभी रौशनीके,
मोहताज़ नहीं होते !

997 सुकून लफ्ज़ कागज आवाज़ शायरी


997
सुकून मिलता हैं,
दो लफ्ज़ कागजपर उतार कर...
कह भी देता हूँ और...
आवाज़ भी नहीं होती l

996 निगाह मंज़िल हवा संभल चिराग आँधि कोशिश शायरी


996
निगाहोंमें मंज़िल थी;
गिरे और गिरकर संभलते रहें;
हवाओंने तो बहुत कोशिश की;
मगर चिराग आँधियोंमें भी जलते रहें।

995 मोहब्बत इजाजत नजर तबाह शायरी


995
इजाजत तो हमने भी नहीं दी थी,
मोहब्बत करनेकी उन्हें…
बस वो नजर उठाते गए,
और हम तबाह होते गए……

994 इश्क अकल मुकद्दर जुनून चीज शायरी


994
अकलवालोंके मुकद्दरमें,
ये जुनून कहाँ...
हम इश्कवाले हैं,
जो हर चीज लुटा देते हैं......!

993 हैरान सब्र आसूँ जमीं दिल चीर शायरी


993
जो हैरान हैं मेरे सब्रपर,
उनसे कह दो...
जो आसूँ जमींपर नहीं गिरते,
दिल चीर जाते हैं

992 मोहब्बत खाली हाथ दुआ शायरी


992
बिन मांगे ही मिल जाती हैं,
मोहब्बत किसीको...
कोई खाली हाथ रह जाता हैं,
हजारों दुआओंके बाद !!!

991 अहसास पास शायरी


991
तुम चले गए,
पर तेरा अहसास रह गया...
चलो कुछ न कुछ तो,
मेरे पास रह गया…...

19 February 2017

990 जानता पूछना चाहता बताना आईना पसंद शायरी


990
जानता हूँ,
मगर फिर भी पूछना चाहता हूँ...
आप आईना देखकर बताना...
मेरी पसंद कैसी हैं......!

989 मोती माला तारीफ़ धागा जोड़ शायरी


989
मालाकी तारीफ़ तो करते हैं सब,
क्योंकि मोती सबको दिखाई देते हैं...
काबिल-ए-तारीफ़ धागा हैं जनाब,
जिसने सबको जोड़ रखा हैं

987 दिल तड़प लम्हे याद खामोश नज़र भीगी पलक मुस्करा शायरी


987
दिल तड़पता रहा और वो जाने लगे,
संग गुज़रे हर लम्हे याद आने लगे,
खामोश नज़रों से देखा जो उसने मुडकर,
भीगी पलकों से हम भी मुस्कराने लगे !

988 नब्ज हँस मर्जकी दवा हकीम महफिल पुराने दोस्त शायरी


988
देखी जो नब्ज मेरी,
हँसकर बोला वो हकीम,
जा जमा ले महफिल पुराने दोस्तोंके साथ..
तेरे हर मर्जकी दवा वहीं हैं…

986 दिल लाख शिकायत बयाँ शायरी


986
लाख शिकायतें हैं,
मगर कैसे करूँ बयाँ...
इधर दिल अपना,
उधर वो अपने......!

17 February 2017

985 दिल मुहब्बत आलम जरूरत साँस शायरी


985
ये दिल ही तो जानता हैं,
मेरी पाक मुहब्बतका आलम फ़राज़।
के मुझे जीनेके लिए साँसोंकी नहीं, 
तेरी जरूरत हैं......

984 सोच टूट चाह शायरी


984
सोचा था की  वो बहुत,
टूटकर चाहेगा हमे फ़राज़...
लेकिन चाहा भी हमने,
और टूटे भी हम......

983 बेशक खूबसूरत चेहरे मुस्कान शायरी


953
बेशक वो खूबसूरत,
आज भी हैं फ़राज़।
पर चेहरेपर वो मुस्कान नहीं,
जो हम लाया करते थे......

982 मोहब्बत सफर किफाय दाम आँसू बिक शायरी


982
तेरी मोहब्बतका सफर,
ऐसा लग रहा हैं फ़राज़।
जैसे किफायती दामपर
आँसू बिक रहे हो......

980 तोहमते हसीन इल्ज़ाम नाम शायरी


980
तोहमते तो लगती रहीं,
रोज नयी नयी हम पर फ़राज़।
मगर जो सबसे हसीन इल्ज़ाम था…
वो तेरा नाम था......

981 सूरज चौखट खैरात उजाले शायरी


981
जिनको सूरज मेरी चौखटपें,
मिला करता था फ़राज़।
वो आज देते हैं,
खैरातमें उजाले मुझको......

979 अक्सर हैरत शायरी


979
अक्सर वो कहते हैं,
वो बस मेरे हैं फ़राज़।
अक्सर क्यों कहते हैं...
हैरत होती हैं......

978 हसीन होठ नजर चुम गुस्ताख पर्दे शायरी


978
अपने हसीन होठोंको,
किसी पर्देमें छिपा लिया करो फ़राज़।
हम गुस्ताख लोग हैं,
नजरोंसे चुम लिया करते हैं......

977 मोहोब्बत काश बेसब्री तसल्ली शायरी


977
काश वो आकर कहें,
किसी दिन मोहोब्बतसे फ़राज़।
ये बेसब्री कैसी...
तेरी ही हूँ मैं तसल्ली रख......

976 भुला वक़्त सब्र कदर रुह शायरी


976
भुला देंगे तुझे,
जरा तो सब्र कर फ़राज़।
बसे हो इस कदर रुहमें,
कुछ तो वक़्त लगेगा......

15 February 2017

975 जिक्र महफ़िल नाम ग़ैर लब शायरी


975
जिक्र तेरा हुआ तो,
हम महफ़िल छोड़ आये फ़राज़।
हमे ग़ैरोंके लबपें...
तेरा नाम अच्छा नहीं लगता......

974 दिल बुरा बाज़ार मकान दिन शायरी


974
ये दिल बुरा ही सही,
सरे बाज़ार तो ना कहो फ़राज़।
आखिर तुमने इस मकानमें...
कुछ दिन गुजारे भी थे......

973 हजार दुआ माँग खुशनसीब शायरी


973
हजार दुआओंमें माँगकर भी,
वो हमारी ना हो सकी फ़राज़।
खुशनसीबने बिना मांगे ही,
उन्हें अपना बना लिया......

972 दिल गलत सुन इश्क़ आँख पलके शायरी


972
गलत सुना था की,
इश्क़ आँखोंसे होता हैं फ़राज़।
दिल तो वो भी ले जाते हैं...
जो पलके तक नहीं उठाते......

971 मुहब्बत अजीब कश्मकश धड़कन संभल जान शायरी


971
अजीब कश्मकशसी होती हैं,
मुहब्बतमें फ़राज़।
धड़कने संभलती नहीं
और जान निकलती नहीं......

14 February 2017

970 दिल चाह जुदा नाता टूटे जोड़े शायरी


970
दिलसे चाहने वाला कभी जुदा नहीं होता,
जो होता हैं वो अपना नहीं होता,
किसी टूटे हुए तो नाता जोड़ो,
जो टूटे हुए दिल जोड़े...
उससे बड़ा खुदा नहीं होता l

969 महबूब खुदा कबूल शायरी


969
उसने महबूब ही तो बदला हैं,
फिर ताज्जुब कैसा …
दुआ कबूल ना हो तो लोग,
खुदा तक बदल लेते हैं !!!

968 दिल खूबसूरत चेहरे दुनियाँ खूबसूरत तलाश उमर गुजर शायरी


968
खूबसूरत "चेहरे",
तो बहुत देखे इस दुनियाँमें मगर...
खूबसूरत "दिल",
तलाशनेमें उमर गुजर गयी...!

967 खिल मसले कुचले फूल शर्त सीने शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


967
खिल भी सकते हैं,
ये मसले कुचले हुए फूल.....
शर्त यह हैं की,
सीनेसे लगाना होगा ।।

966 दिल सस्ते दौलत जिस्म खर्च शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


966
दिल तो आज भी
सस्ते हैं साहब ...
दौलत तो जिस्मोंपर 
खर्च होती हैं…

965 दिल खत सफर जज़्बात बात शायरी


965
खतोंसे मीलों सफर करते थे
जज़्बात कभी...
अब घंटों बातें करके भी
दिल नहीं मिलते…

964 हिम्मत समुन्दर मजबूर बूँद आँसु शायरी


964
हिम्मत इतनी थी कि,
समुन्दर भी पार कर सकते थे,
मजबूर इतने हुए कि,
दो बूँद आँसुओंने डुबो दिया…

963 दिल काँच हाथ जख्म ख्याल शायरी


963
 "बनाने वालेने दिल काँचका बनाया होता,
तोड़ने वालेके हाथमें जख्म तो आया होता…
जब बी देखता वो अपने हाथोंको,
उसे हमारा ख्याल तो आया होता…"

961 प्यार आँख दीवाने बात इंकार कसूर गुनहगार नाम शायरी


961
“दीवाने हैं तेरे नामके,
इस बातसे इंकार नहीं,
कैसे कहें कि तुमसे प्यार नहीं...
कुछ तो कसूर हैं आपकी आँखोंका,
हम अकेले तो गुनहगार नहीं l

962 तस्वीर सिने जुदाई गम जिक्र पलक शायरी


962
"उनकी तस्वीरको सिनेसे लगा लेते हैं,
इस तरह जुदाईका गम मिटा देते हैं,
किसी तरह कभी उनका जिक्र हो जाये तो,
भिगी पलकोंको हम झुका लेते हैं l"

11 February 2017

960 रात शाम याद बात साँस खामोश आवाज़ शायरी


962
रात हुई जब शामके बाद,
तेरी याद आई हर बातके बाद,
हमने खामोश रहकर भी देखा,
तेरी आवाज़ आई हर साँसके बाद !

959 दिल शाम चराग़ याद शायरी


959
शाम होते ही,
चराग़ोंको बुझा देता हूँ…
दिल ही काफ़ी हैं,
तेरी यादमें जलनेके लिए !

958 शक मुहब्बत सबूत बदनाम शायरी


958
शक ना कर,
मेरी मुहब्बतपर पगली......
अगर मैं सबूत देनेपर आया तो...
तु बदनाम हो जायेगी...!!!

957 दिल नाम उलझ होंठ शायरी


957
हमने लिया सिर्फ होंठोंसे,
जो तेरा नाम…
दिल होंठोंसे उलझ पड़ा,
कि ये सिर्फ मेरा हैं !

956 दिल प्यार वादे जिक्र मोहब्बत बाजार डर सोच रुसवाई ऐतबार शायरी


956
वादेपें वो ऐतबार नहीं करते,
हम जिक्र मोहब्बत सरे बाजार नहीं करते;
डरता हैं दिल उनकी रुसवाईसे,
और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते ।।

10 February 2017

955 उदासी वजह इजाजत नाम शायरी


955
लोग मुझसे मेरी,
उदासीकी वजह पूछते हैं फ़राज़।
इजाजत हो तो...
तेरा नाम बता दूँ......

954 वाकिफ हार कमजोरी शायरी


954
वाकिफ हैं वो मेरी,
हर कमजोरीसे फ़राज़।
वो रो देती हैं...
और मैं हार जाता हूँ......

953 दिल कोशिश सूखे परिन्दे बसेरा शायरी


953
टूटे हुए दिलमें रहनेकी,
कोशिश ना कर फ़राज़।
क्योंकी सूखे हुए पेड़पर तो,
परिन्दे भी बसेरा नहीं करते......

952 मलाल ग़ैर छत परिन्दे शायरी


952
जो उड़ गए परिन्दे,
उनका मलाल क्या करूँ फ़राज़। 
यहां तो पाले हुए भी,
ग़ैरोंके छतोंपर उतरते हैं......

951 फायदा बारिश बरस सीने शख्स बिजलि डर शायरी


951
अब क्या फायदा,
बारिशोंके बरसनेका फ़राज़,
वो शख्स ही पास नही,
जो सीनेसे लगता था...
बिजलियोंकी डरसे II

9 February 2017

950 कम सज़ा पेशेवर मुज़रिम गलती इश्क़ शायरी


950
उससे कह दो मेरी सज़ा,
कुछ कम करदे फ़राज़।
मैं पेशेवर मुज़रिम नहीं हूँ......
गलतीसे इश्क़ हुआ हैं ll

949 खुबसुरत रिश्ता शायरी


949
कितना खुबसुरत हैं,
उसका मेरा रिश्ता...
उसने कभी बांधा,
हमने कभी छोड़ा......

948 लफ्ज़ कहर असर खामोश शायरी


948
अपने हर लफ्ज़में,
कहर रखते हैं हम,
रहें खामोश फिरभी,
असर रखते हैं हम...!

947 जीना सब कुछ शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


947
जी चुके हैं उनके लिये,
जो मेरे लिये सब कुछ थे...
अब जीना हैं उनके लिये,
जिनके लिये मैं सब कुछ हूँ...

946 जिंदगी कदम समझौता शौक मरमर शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


946
"जिंदगी तुझसे हर कदमपर,
समझौता क्यों किया जाए...
शौक जीनेका हैं मगर,
इतना भी नहीं,
की मरमरके जिया जाए..."

945 यकीनन फर्क खास नजरअंदाज़ शायरी


945
आ गया हैं फर्क,
तुम्हारी नजरोंमें यकीनन...
अब एक खास अंदाज़से,
नजरअंदाज़ करते हो हमे...

944 किस्मत आसमान चमक सितारे टूट तमन्ना इंतज़ार शायरी


944
हैं किस्मत हमारी,
आसमानमें चमकते सितारे जैसी
लोग अपनी तमन्नाके लिए,
हमारे टूटनेका इंतज़ार करते हैं…

943 इश्क बात बूरा पहचान राहत शायरी


943
इश्क, एक बात कहूँ,
बूरा तो नहीं मानोगे
बहुत राहतके दिन थे,
तेरी पहचानसे पहले