6976
सफ़ेद-पोशी-ए-दिलका,
भरमभी रखना हैं;
तिरी ख़ुशीके लिए,
तेरा ग़म भी रखना हैं ll
6977एक वो हैं कि जिन्हें,अपनी ख़ुशी ले डूबी...एक हम हैं कि जिन्हें,ग़मने उभरने न दिया.......
6978
तेरे बिना ख़ुशियोंका,
चिराग जलता नहीं l
शहरकी रौशनीसे,
ये दिल बहलता नहीं ll
6979उस ख़ुशीका,हिसाब कैसे हो...जो तुम पूछ लो,जनाब कैसे हो.......
6980
ख़ुश हूँ कि मुझको जलाके,
तुम हँसे तो सही...
मेरे न सही किसीके दिलमें,
बसे तो सही.......!