15 June 2017

1397 दिल प्यार बोल हक़ छीन खामोशि घर पता शायरी


1397
वो मेरे बोलनेका हक़ छीन सकते हो...
मेरी खामोशियोंका नहीं...
सोचा था उनको प्यार लुटाकर,
उनके दिलमें घर बनायेंगे l
हमे क्या पता था दिल देकर भी,
हम बेघर रह जाएँगे...!

1398 पंख दरवाज़े मुस्कुरा होंठ फड़फड़ बीती सफलता वक़्त चेहरा दोस्त शायरी


1398
शाम-ए-महेफिल !

चलो कुछ पुराने दोस्तोंके,
दरवाज़े खटखटाते हैं,
देखते हैं उनके पंख थक चुके हैं,
या अभी भी फड़फड़ाते हैं,
हँसते हैं खिलखिलाकर,
या होंठ बंद कर मुस्कुराते हैं,
वो बता देतें हैं सारी आपबीती,
या सिर्फ सफलताएं सुनाते हैं,
हमारा चेहरा देख वो,
अपनेपनसे मुस्कुराते हैं,
या घड़ीकी और देखकर,
हमें जानेका वक़्त बताते हैं,
चलो कुछ पुराने दोस्तोंके,
दरवाज़े खटखटाते हैं !

1396 दिल झलक तरस खुशकिस्मत दीदार शायरी


1396
तेरी इक झलक पानेको,
तरस जाता हैं दिल मेरा...!
खुशकिस्मत हैं वो लोग,
जो तेरा दीदार रोज करते हैं...!

13 June 2017

1395 रूह तड़प मोहब्बत खुश जिस्म शायरी


1395
खुश तो वो रहते हैं जो,
"जिस्मों" से मोहब्बत करते हैं ...
क्युँकि...
"रूह" से मोहब्बत करने वालोंको अक्सर ...
"तड़पते" ही देखा हैं...

1394 जिंदगी सजा वक़्त यादें शायरी


1394
सजा बन जाती हैं,
गुजरे हुए वक़्तकी यादें...
न जाने क्यों छोड़ जानेके लिए,
जिंदगीमें आते हैं लोग.......

1393 रोना शायरी

1393
हमने उन्हें कहां की,
तुम नहीं होते तो रोना आता हैं...
वो बोले रोते तो सब हैं,
क्या मैं सबका हो जाऊँ...

1392 ज़िंदगी वक़्त मंज़िल तज़ुर्बा शायरी


1392
क्यों डरें कि ज़िंदगीमें क्या होगा;
हर वक़्त क्यों सोचें कि बुरा होगा;
बढ़ते रहें मंज़िलोंकी ओर हम;
कुछ ना मिला तो क्या हुआ,
तज़ुर्बा तो नया होगा...।

1391 रूह घर मतलब मय्यत शायरी


1391
अपने मतलबके अलावा,
कौन किसीको पूछता हैं,
बिना रूहके तो घर वाले,
मय्यतको भी नहीं रखते...

12 June 2017

1390 सवाल फूल जवाब मिट्टी शायरी


1390
आजकल सवाल ही सवाल खिलते हैं,
फूलोंकी तरह . . . ,
जवाब गुम-सुमसे मिट्टीमें,
दबे रहते हैं . . . !

1389 मुस्कुरा आँखें दर्द बात शायरी


1389
कभी मुस्कुराती आँखें भी,
कर देती हैं कई दर्द बयाँ,
हर बातको रोकर ही बताना,
जरूरी तो नहीं ...

1388 ज़िंदगी ख्वाब सवाल जवाब झूठा अपना पराया चेहरे नकाब शायरी


1388
ज़िंदगी जीनेको एक यहाँ ख्वाब मिलता हैं,
यहाँ हर सवालका झूठा जवाब मिलता हैं,
किसे समझे अपना किसे पराया,
यहाँ हर चेहरेपें एक नकाब मिलता हैं !

1387 जिंदगी अलविदा पनाह दुआ शायरी


1387
सोया तो था मैं,
जिंदगीको अलविदा कहकर दोस्तो…
किसीकी बे-पनाह दुआओने मुझे,
फिरसे जगा दिया…

1386 पता दर्द कर्ज शायरी


1386
तुम्हे क्या पता,
किस दर्दमें हूँ मैं,
जो लिया नहीं...
उस कर्जमें हूँ मैं.......

8 June 2017

1385 मनुष्य ख़्वाहिश पहचान साथ डर शायरी

1385
मनुष्यकी ख़्वाहिश होती हैं,
उसे सब "पहचाने"......
साथमें उसे डर सताता हैं कि,
कोई उसे सहीमें "पहचान" न ले ।।

1384 दिल दुनियाँ रस्म उल्फ़त सिख आग कयामत वक्त रुखसत हंसते रुला शायरी


1384
रस्म-ए-उल्फ़त सिखा गया कोई,
दिलकी दुनियाँपें छा गया कोई... 

ता कयामत किसी तरह न बुझे,
आग ऐसी लगा गया कोई... 

दिलकी दुनियाँ उजड़ीसी क्युँ हैं,
क्या यहांसे चला गया कोई... 

वक्त-ए-रुखसत गले लगाकर दाग़.
हंसते-हंसते रुला गया कोई...!

1383 दिल शीशे घुबार शायरी


1383
दिलके शीशेपें घुबार बहुत हैं,
आज कुछ देर रो लिया जाए...

1382


किस ख़त में लिख कर भेजूं
अपने इंतज़ार को तुम्हें;
बेजुबां हैं इश्क़ मेरा और

ढूंढता है ख़ामोशी से तुझे।

1381


शब्द मेरे सुनकर
वाह वाह सब करते हे...

मौन मेरा सुन सके,
काश ऐसा कोई मिले।

7 June 2017

1379 चैन मशवरा मजा जिन्दगी मुश्किलें शायरी


1379
चैनसे रहनेका हमको,
मशवरा मत दीजिये l
अब मजा देने लगी हैं,
जिन्दगीकी मुश्किलें...!

1380 पतझड़ हिस्सा जिंदगी मौसम फर्क कुदरत पत्ते सूख हकीकत रिश्ते शायरी


1380
पतझड़ भी हिस्सा हैं,
जिंदगीके मौसमका...
फर्क सिर्फ इतना हैं,
कुदरतमें पत्ते सूखते हैं और,
हकीकतमें रिश्ते।

1378 सुन खामोश सिसकियाँ आवाज़ रोना शायरी


1378
तू सुन पाता,
खामोश सिसकियाँ मेरी...
आवाज़ करके रोना तो मुझे,
आज भी नहीं आता...।

1377 वक़्त बदल बातें आँख नमी कमी मोहब्बत शायरी


1877
बदल गया वक़्त,
बदल गयी बातें,
बदल गयी मोहब्बत. . . ;
कुछ नहीं बदला तो वो हैं,
इन आँखोंकी नमी और
तेरी कमी।

1376 प्यार दुनियाँ चल रूक कमी पता दूर शायरी


1376
चलती नहीं दुनियाँ, किसीके आनेसे,
रूकती नहीं दुनियाँ, किसीके जानेसे...
प्यार तो सबको मिल जाता हैं,
कमीका पता तो चलता हैं,
किसीके दूर जानेसे...

6 June 2017

1374 दिल उजड़ कब्र ज़िंदा शायरी


1374
फिर नहीं बसते वो दिल,
जो एक बार उजड़ जाते हैं...
कब्रें जितनी भी सजालो पर...
कोई ज़िंदा नहीं होता...

1375 शिकायतें घर नाम शायरी


1375
बहुत शिकायतें आती हैं,
तुम्हारे घरसे...
यूँ सोते हुए,
मेरा नाम ना लिया करो.......!

1373 बात उम्र इंतज़ार शाम वादे शायरी


1373
उनकी बातोंपर यक़ीं,
हम उम्रभर करते रहें,
इंतज़ार-ए-शामके वादे,
उम्र भर होते रहें...

1372 रास्ते आजकल मुस्कुरा नशा शायरी


1372
आज वो मिली थी रास्तेपर,
पूछ रही थी कहाँ रहते हो आजकल...
हमने भी मुस्कुराके कह दिया,
"नशे" में...!

1371 दिल प्यार इंतजार बेकरार काश समझ चुप शायरी


1371
तेरा इंतजार होता हैं,
रोज ये दिल बेकरार होता हैं,
काश तुम समझ सकते की…
चुप रहनेवालोंको भी
किसीसे प्यार होता हैं !

5 June 2017

1370 कमी एहसास शायरी


1370
कुछ लोगोंमें सब कुछ होता हैं,
बस एक कमी होती हैं.....
"एहसासकी"

1369 हाथ रिज़्क़ लोग शायरी


1369
अच्छा हुआ के रिज़्क़ हैं,
हाथोमें ख़ुदाके,
वरना यहाँ कुछ लोग,
ख़ुदा हो गए होते...

1368 पता सामने चुप धोका शायरी


1368
कभी कभी पता होता हैं की...
सामनेवाला हमको धोका दे रहा हैं,
फिरभी हम चुप रहते हैं...
क्योंकी हम जानते हैं की,
हम उसके धोकेके साथ जी सकते हैं,
पर उसके बिना नहीं......

1367 फ़िक़र बेवजह रात यक़ीन चैन शायरी


1367
जिन्हें फ़िक़र थी कलकी,
बेवजह वो रोए रातभर...
जिन्हें यक़ी खुदापर
चैनसे वो सोए रातभर...!!!

1366 जिंदगी ताल्लुक रिश्ते लिबास शायरी


1366
हम रखते हैं ताल्लुक,
तो निभाते हैं जिंदगीभर l
हमसे बदले नहीं जाते रिश्ते,
लिबासोंकी तरह...!!!

30 May 2017

1365 ज़िन्दगी साँचे अज़ल घडी़ वक़्त शाम साँस उम्र हलक़ शायरी


1365
साँचेमें अज़लक़े हर घडी़ ढलती हैं।
हर वक़्त यह शाम-ए-ज़िन्दगी ज़लती हैं॥
आती-ज़ाती हैं साँस अन्दर-बाहर।
या उम्रक़े हलक़पर छुरी चलती हैं॥

1364 प्यार चाहत तकदीर शायरी


1364
सिर्फ चाहतसे क्या होता हैं...,"
तकदीरभी होनी चाहिए...
प्यारको पानेके लिए...!!!

1363 ज़िंदगी रफ़्ता वक़्त साँचे पेंच शायरी


1363
वक़्तके साँचेमें ढलकर
हम लचीले हो गए...
रफ़्ता-रफ़्ता ज़िंदगीके
पेंच ढीले हो गए !

1362 मोहब्बत बडे शौक बेताब बदल शायरी


1362
बडे बेताब थे वो,
मोहब्बत करनेको...
जब मैने भी कर ली तो,
उन्होने शौक बदल लिया...

1361 मैक़दे अजीब मंज़र मैकश आदतन बहक हाल आरज़ू ज़िद्द हाल होश शेर शायरी


1361
हर एक मैक़देमें,
कुछ अजीब मंज़र होता हैं,
कुछ मैकश आदतन,
हर रोज़ बहक जाते हैं,
फिरभी हर हालमें,
आरज़ू भरी ज़िद्दसे,
जानेसे पहले होशपर,
इक शेर सुनाते हैं l

29 May 2017

1360 साँचे वक्त ढल बदल शायरी


1360
कुछ एसे थे,
जो वक्तके साँचेमें ढल गये...
कुछ एसे हु,
जो वक्तके साँचे बदल गये !!!

1359 रात महफ़िल दीवार तस्वीर शायरी


1359
रात महफ़िलमें तेरी,
हम भी खड़े थे ऐसे...
जैसे तस्वीर लगा दे कोई,
दीवारके साथ…

1358 इश्क़ उंचाई नाम मौत जिक्र शायरी


1358
इश्क़ उस उंचाईका नाम हैं...!
जहाँसे गिरनेके बाद.....!!
मौतका कभी,
कोई जिक्र नहीं हुआ.....!!!

1357 जीवन नया उड़न खुशबु फुल याद शायरी


1357
जी लुंगा नया जीवन,
तेरी यादोंमें बैठकर...
खुशबु जैसे फुलोमें,
उड़नेपें रह जाये...!

1356 आह वाह दर्द शायरी


1356
मेरी हर "आह" को
"वाह" मिली हैं यहाँ…!
कौन कहता हैं...
दर्द बिकता नहीं...!!!

26 May 2017

1355 दिन ख्वाब थक आँख रोया शायरी


1355
इक दिन हमारी आँखोंने भी,
थककर कह दिया...
की ख्वाब वो देखा करो जो पूरा हो,
रोज रोज हमसे भी,
रोया नहीं जाता......

1354 साँसे मुद्दत बाद आजकल बेफ़िक्री शायरी


1354
मुद्दतों बाद उसने पूछ ही लिया,
क्या चल रहा आजकल.....???
हमने भी बेफ़िक्रीसे कह दिया...

साँसे.......

1353 ज़िन्दगी माँग दिया सिवा शायरी


1353
मैने ज़िन्दगीसे कुछ नहीं माँगा,
“तेरे सिवा” और . . . . . . .
ज़िन्दगीने मुझे सब कुछ दिया,
“तेरे सिवा'......

1352 दुनियाँ आँख महबूब आखिरी वसीयत दफन शायरी


1352
दुनियाँवालो,
मेरी आखिरी वसीयत सुनलो,
मुझे मेरे महबूबकी,
आँखोंमें दफन होना हैं...!

1351 दिल सोच अपने शायरी


1351
दिल सोचता हैं तो फिर,
सोचता ही रह जाता हैं,
ये जो अपने होते हैं वो...
अपने क्यूँ नहीं होते ?

25 May 2017

1349 हिम्मत दर्द सहने थक शायरी


1349
हममें तो हिम्मत हैं,
दर्द सहनेकी...
तुम इतना दर्द देते हो,
कहीं थक तो नहीं जाते...?

1350 दुनियाँ कदर मशरूफ दिन मेहमान बुरा शायरी


1350
इस कदर हो गयी,
मशरूफ दुनियाँ...
एक दिन ठहरे तो,
मेहमान बुरा लगता हैं...

1348 साथ रास्ते बदल दूर वादा ख़ातिर शायरी


1348
तुम तो कुछ दूर भी,
साथ ना चले वादा करके...!
और हमने रास्ते बदल लिए,
तुम्हारे साथकी ख़ातिर...!!!

1347 जुदाई बर्बाद तल्ख़ लहज़े हज़ार शायरी


1347
जब मैने कहां तुम्हारी जुदाई,
बर्बाद कर देगी मुझे......
तो उसने बड़े तल्ख़ लहज़ेमें कहां,
बर्बाद हज़ारों हैं,
एक तुमभी सहीं......!

1346 इंतजार टूटा हसते पत्थर शायरी


1346
लोग इंतजार करते रहें,
कि हमें टूटा हुआ देखें,
और हम थे कि,
हसते-हसतेपत्थरके हो गए. . .

24 May 2017

1345 गाल खातिर बिखर जमीन शायरी


1345
तेरे गालोमें लगनेके खातिर,
गिर गया जमीनपर...
हाँ, होलीका वहीं,
बिखरा हुआ गुलाल हूँ मैं…

1344


अजीब सी बस्ती में
ठिकाना है मेरा,

जहाँ लोग मिलते कम,
झांकते ज़्यादा है...!

1343


जिंदगी में अपनापन तो
हर कोई दिखाता है…
पर अपना हैं कौन ?

यह वक़्त ही बताता है…

1342


हम दिल के सच्चे ज़ज़्बात लिखते है ,

अपनी नहीं सबके मन की बात लिखते है...!!

1341


जब वो अपने हांथो की लकीरों में,
मेरा नाम ढूंढ कर थक गयी...
"तो सिर झुकाकर बोली...
लकीरें तो झूठ बोलती है...

तुम सिर्फ मेरे हो…....

23 May 2017

1340 सजदे दुआएँ हमदम खुशी जिंदगी शायरी


1340
मेरे सजदेकी दुआएँ,
तुम क्या जानो हमदम…
सर झुका तो तेरी खुशी माँगी,
हाथ उठे तो तेरी जिंदगी . . .

1339 बात फितरत खता याद शायरी


1339
कुछ तो बात हैं
तेरी फितरतमें ऐ यार;
वरना तुझको याद करनेकी
खता हम बार-बार न करते !

1338 क़द्र तनहाई दिल्लगी शायरी


1338
हमारी "क़द्र" होगी उन्हें,
"तनहाईयों" में...
अभी तो बहुत लोग हैं,
उनके पास दिल्लगीके लिए...!!!

1337 क़द्र तनहाई दिल्लगी शायरी


1337
सभी पुराने ठौर ठिकाने,
टोक रहे हैं आते - जाते,
मैं भी खुश हूँ, तुम भी खुश हो ,
काश के "हम" भी खुश हो पाते.....!

1336 जिंदगी खत्म बाद याद शायरी


1336
लो खत्म कर रहें हैं जिंदगी,
तेरे जानेके बाद l
पर तुम याद तो आओगे ही मुझे,
मर जानेके बाद…ll

22 May 2017

1335 यार बाजार गम शायरी


1335
ये आप कहाँ घूमते हो यार...
ये तो बस गमका हैं बाजार...

1334 तक़दीर सिलसिला वक़्त गुजार शायरी


1334
अपनी तक़दीरमें तो कुछ,
ऐसा ही सिलसिला लिखा हैं,
किसीने वक़्त गुजारनेके लिए अपना बनाया,
तो किसीने अपना बनाकर,
वक़्त गुज़ार लिया.......

1333 अनजान गुज़र दूर पहचान शायरी


1333
वो अब पाससे अनजान बनकर,
गुज़र जाते हैं !
जो कभी हमको दूरसे पहचान,
लिया करते थे.......

1332 हक़ दुआ चाह शायरी


1332
वैसे इतना हक़ तो बनता हैं
मेरा तुमपर... बस,
यहीं दुआ हैं कि...
मेरी तरह कोई और न चाहे तुम्हें...

1331 दिल इजाजत गुलजार गुलशन बिरान बाद दरबाजे शायरी


1331
इजाजत किसे दें दिलमें आनेकी,
सब दरबाजे बन्द कर लिये,
तेरे जानेके बाद;
गुलजार था जो गुलशन,
तुजे पानेके बाद,
बिरान हैं हबेली,
तेरे जानेके बाद...

21 May 2017

1330 ज़िन्दगी खोना याद ग़म खोया ख्वाब कम लाजवाब शायरी


1330
“​ज़िन्दगीमें कुछ खोना पड़े तो...
यह दो लाइन याद रखना ,
"जो खोया हैं उसका ग़म नहीं,
जो पाया हैं वह किसीसे कम नहीं,
जो नहीं हैं वह एक ख्वाब हैं,
और जो हैं वह लाजवाब हैं…!"

1328 साँस दुनियाँ जरूरत रुख़्सत पता शायरी


1328
साँसोंकी जरूरत उन्हें होती हैं,
जिन्हें पता होता हैं,
की अब वो इस दुनियाँसे
रुख़्सत होने वाले हैं

1329 दिल उतर शायरी


1329
दिल करता हैं
तेरे दिलमें उतरकर देखू…….
कौन हैं उसमे जो,
मुझे बसने नहीं देता . . . !