8 May 2017

1300 दिल प्यार फिरयाद शायरी


1300
मुझे कोई प्यार करे...
ऐसी फिरयाद नहीं हैं मेरी l
पर मैं सबसे प्यार करू...
ऐसा दिल जरूर दिया हैं रबने...

1299 अर्थ शब्द शायद बात इरशाद शायरी


1299
अर्थ लापता हैं,
या फिर शायद शब्द खो गए हैं...
रह जाती हैं मेरी हर बात क्यूँ,
इरशाद होते होते...

1298 हमसफ़र दोस्त मोहब्बत समझौते शायरी


1298
क्या हुआ जो हमसफ़र ना बन सके,
दोस्त ही सहीं,
ये मोहब्बत भी ना जाने...
कितने समझौते करवाती हैं. . .

1296 खुद छुपा धड़कन सीने जीना ख्वाहिश शायरी


1296

धड़कन, Heartbeats

खुदसे भी छुपाई हैं,
धड़कन अपने सीनेकी,
हमको जीना पड़ता हैं,
ख्वाहिश कब हैं जीनेकी...?

I have hidden it even from myself,
The beating of my heart,
We have to live,
When is the wish to live...?

1297 दिल ज़िंदगी ज़ख़्म लाख फूल कसम काँटे गहरी चुभन शायरी


1297
एक दिल मेरे दिलको ज़ख़्म दे गया,
ज़िंदगीभर ना मिलनेकी कसम दे गया!
लाख फूलोंमेंसे चुना था एक फूल,
जो काँटोसे भी गहरी चुभन दे गया !

6 May 2017

1295 बेशक मंजिल ऊँचाई काम दोस्त शायरी


1295
बेशक अपनी मंजिलतक जाना हैं,
लेकिन जहाँसे अपना दोस्त ना दिखे;
वो ऊँचाई किस कामकी...!

1294 दुनियाँ खत्म रंग गुलाल शोखियाँ यार बेरंग लौट शायरी


1294

रंग, Colours

लो खत्म हुई,
रंग-ऐ-गुलालकी शोखियाँ;
चलो यारो फिर,
बेरंग दुनियाँमें लौट चले . . . ।

It's over,
The joys of colours;
Come on guys,
Let's go back to the colorless world. . .

1293 ज़िन्दगी मुफ्त हुनर खुशियाँ सौदा शायरी


1293
मुफ्तमें नहीं आता,
यह शायरीका हुनर…
इसके बदले ज़िन्दगी हमसे,
हमारी खुशियोंका सौदा करती हैं…!

1292 बंद आँख साये आवाज महफ़िल मेरे नाम अनसुना शायरी


1292
कभी बंद आँखोंसे पढ़ लेती थी,
तुम मेरे सायेकी आवाजको…
आज भरी महफ़िलमें मेरे नामको,
अनसुनासा कर दिया तुमने...

1291 जिंदगी मर तन्हा छोड़ जरूरत हमसफर रास्ता मोड़ साथ शायरी


1291

हमसफर, Companion

जिंदगी देने वाले, मरता छोड़ गये;
अपनापन जतानेवाले तन्हा छोड़ गये;
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफरकी;
वो जो साथ चलनेवाले रास्ता मोड़ गये।

The one who gave life, left to die;
Those who expressed their affection were left alone;
When we needed our companion;
Those companions turned away from their path.

1289 गलती जान चाह लापरवाह शायरी


1289
गलती इतनी हुई की,
तुझे जानसे ज्यादा चाहने लगे हम...
क्या पता था की मेरी इतनी परवाह,
तुझे लापरवाह कर देगी...

1290 मोहब्बत चाहत ज़माना जहाँ अपनाना बताना शायरी


1290
"तेरी चाहतमें हम ज़माना भूल गये,
किसी औरको हम अपनाना भूल गये,
तुमसे मोहब्बत हैं बताया सारे जहाँको,
बस एक तुझे ही बताना भूल गये......"

1288 गलती जान चाह लापरवाह शायरी


1288
हम इतने बदनाम हैं कि,
लडकियाँ हमें खुद फोन लगाकर बोलती हैं...
आप हमारी गलीमें मत आया करो,
लोग शक बहुत करते हैं . . .

1287 ज़िन्दगी होली दिन खुशियाँ रंग ख्वाहिश शायरी


1287
होलीके दिन तू मुझे मिलना ज़रूर,
ऐ ज़िन्दगी l
तुझे खुशियोंके रंगोसे,
रंग देनेकी ख्वाहिश हैं ll

1286 ज़िन्दगी होली दिन खुशियाँ रंग ख्वाहिश शायरी


1286
संभलकर रहना जीवनमें,
उन लोगोंसे दोस्तों...
जिनके दिलके अंदर भी,
दिमाग रहता हैं...!

3 May 2017

1285 अनकही बातें हसरतें साथ लोग झूठ खाली हाथ शायरी


1285
न जाने कितनी अनकही बातें,
कितनी हसरतें साथ ले जाएंगे...
लोग झूठ कहते हैं कि,
खाली हाथ आये थे,
खाली हाथ जाएंगे . . . 

1283 - 1284 कदर करीब अलग सोचूं अजीब याद बर्बादी भूल शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


1283
तु इस कदर मुझे,
अपने करीब लगता हैं ।
तुझे अलगसे जो सोचूं तो,
अजीब लगता हैं . . .
                                  परवीन शाकिर

1284
वो बोली क़्या अब भी,
हमारी याद आती हैं...?
हमने भी हसक़र बोला ,
अपनी बर्बादीक़ो क़ौन भूल सक़ता हैं...

1282 समझौता चाह गलत अजीब बात न्याय शायरी


1282
"कितनी अजीब बात हैं;
जब हम गलत होते हैं,
तो समझौता चाहते हैं...,
और दुसरे गलत होते हैं तो,
हम न्याय चाहते हैं...!

1281 हाल डरता आवाज सुनी कम्बख्त मोहोब्बत शायरी


1281
हाल तो पुछ लूँ तेरा...
पर डरता हूँ आवाजसे तेरी,
जब जब सुनी हैं...
कम्बख्त मोहोब्बत ही हुई हैं...!

2 May 2017

1280 जिंदगी तसवीर हँसते पलक आँसू शायरी


1280
जिंदगीने कैसी खिंची,
यह तसवीर हमारी l
छुपा न सकी वो,
हँसते हुए पलकोंके पिछेके आँसूभी ll

1278 मोहब्बत घर किराये सजा शायरी


1278
तेरी मोहब्बत भी,
किरायेके घरकी तरह थी . . .
कितना भी सजाया,,,
पर मेरी न हो सकी...

1279 किस्मत जिक्र पन्ना गुम किताब शायरी


1279
किस्मतकी किताब तो,
खूब लिखी थी मेरे रबने,
बस वहीं पन्ना गुम था . . .
जिसमे तेरा जिक्र था।

1276 दीवार कच्चे मकान लोग आँगन रास्ते शायरी


1276
दीवार क्या गिरी,
मेरे कच्चे मकानकी…
लोगोंने मेरे आँगनसे,
रास्ते बना लिए…

1277 दिल तोड़ रिश्तें साँस डोरी प्रेम बंधन शायरी


1277
दिल तोड़के जानेवाले, सुन...
दो और भी रिश्तें बाक़ी हैं;
एक साँसकी डोरी अटकी हैं,
एक प्रेमका बंधन बाक़ी हैं...!

1275 दीवार कच्चे मकान लोग आँगन रास्ते शायरी


1275
ए बुरे वक्त,
जरा आदबसे पेश आ...
वक्त ही कितना लगता हैं ,
वक्त बदलनेमें !

1273 इंतेज़ार दोस्त जान लुट मालूम शायरी


1273
बैठे बैठे ज़िन्दगी बरबाद ना किजिए,
ज़िन्दगी मिलती हैं कुछ कर दिखानेके लिए l
रोके अगर आसमान हमारे रस्तेको,
तो तैयार हो जाओ आसमान झुकानेके लिए ll

1274 इंतेज़ार दोस्त जान लुट मालूम शायरी


1274
क्या मांगू खुदासे मैं,
आपको पानेके बाद l
किसका करू इंतेज़ार मैं,
आपके आनेके बाद l
क्यूँ दोस्तोंपर जान लुटाते हैं लोग,
मालूम हुआ आपको दोस्त बनानेके बाद !

1271 दिल जुबान सच्चे रिश्ते अकेले बाजार शायरी


1271
क्या करे, रिश्तोंके बाजारमें आजकल…
वो लोग हमेशा अकेले पाये जाते हैं,
जैसे हम हैं साहेब...
जो दिल और जुबानके सच्चे होते हैं . . . !

1272 कोशिश हस्ती रूतबा तिनका शायरी


1272
कभी इनका हुआ हूँ मैं,
कभी उनका हुआ हूँ मैं,
खुदके लिए कोशिश नहीं की,
मगर सबका हुआ हूँ मैं…
मेरी हस्ती बहुत छोटी,
मेरा रूतबा नहीं कुछ भी,
लेकिन डूबतेके लिए सदा,
तिनका हुआ हू मैं 

29 April 2017

1270 ज़िंदगी वक़्त प्यार ख़ास शायरी


1270
वक़्त और प्यार ज़िंदगीमें
बहुत ख़ास होते हैं।
लेकिन वक़्त किसीका नहीं होता;
और प्यार हर किसीसे नहीं होता...!

1268 मीठा नशा झुठी बात वक्त गुज़र आदी शायरी


1268
कुछ मीठासा नशा था,
उसकी झुठी बातोंमें...
वक्त गुज़रता गया और
हम आदी हो गये...!

1269 सीख वक्त चाहत कदर थक एहसास शायरी


1269
सीख जाओ वक्तपर,
किसीकी चाहतकी कदर करना...
कहीं कोई थक ना जाये तुम्हें,
एहसास दिलाते दिलाते...

1267 गुमान दुश्मन वार जान ख्याल शायरी


1267
गुमान था कि कोई दुश्मन,
जान नहीं ले सकता...
तेरे वारका तो,
ख्याल तक नहीं था......

1266 एहसास सागर लहरें मचल साहिल मजधार आँख बात होठ प्यार शायरी


1266
एहसासोंके सागरमें,
आज लहरें हैं मचल रहीं,
समझ नहीं रही हैं की,
साहिल हैं या मजधार हैं,
हम कह चुके हज़ारों बार,
आँखोंसे अपने यह बात,
कहना हैं आज होठोंसे की,
हमको उन्हीसे प्यार हैं…

28 April 2017

1265 होठ उगलियाँ लिख दिन शायरी


1265
कोई होंठोंपें,
उगलियाँ रख गया था,
उसी दिनसे,
मैं लिखकर बोलता हूँ . . . !

1264 दिल दर्द आईना रिश्वत हँसता चेहरा शायरी


1264
आईना फिर आज,
रिश्वत लेते पकड़ा गया...
दिलमें दर्द था, फिरभी...
चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया...!

1262 दिल मोहब्बत ज़िन्दगी हासिल शायरी


1262
मोहब्बत दिलमें कुछ ऐसी होनी चाहिये...
की हासिल भले दुसरेको हो,
पर कमी उसको ज़िन्दगीभर,
अपनी होनी चाहिये...!

1263 मोहब्बत इश्क अलफाज खुबसूरत इशारा पहचान पत्थर ताज महल शायरी


1263
इशारोंमें होती मोहब्बत अगर,
इन अलफाजोंको खुबसूरती कौन देता,
बस पत्थर बनके रह जाता ‘ताज महल’,
अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता...

1261 दिल रिश्ते निभाने वास्ता रास्ता शायरी


1261
नहीं छोड़ी कमी,
किसीभी रिश्तेको निभानेमें हमने...
आनेवालेको दिलका रास्ता भी दिया हमने... और...
जानेवालेको रबका वास्ताभी दिया हमने...

27 April 2017

1260 नकाब पर्दा कयामत यकीन शायरी


1260
नकाब कहती हैं,
मैं पर्दा-ए-कयामत हूँ,
अगर यकी न हो तो,
देखलो उठाके मुझे . . .

1259 दिल वहम आहट दिन काट याद शायरी


1259
तेरे आनेकी आहट. . .
और मेरे दिलका वहम...
बस दोनों मिलकर एक यादों भरा,
दिन काट लेते हैं . . .

1257 लिखते हाथ रुक लम्हे याद भूल साथ दोस्त शायरी


1257
लिखते लिखते आज हाथ रुक से गए ,
कुछ लम्हे याद आये कुछ भूल से गए ,
जो साथ ना होकर भी साथ हो हमारे ,
ऐसे दोस्त कहाँ खो से गए ???

1258 समझ वफा मिट्टी लोग कागज टुकडे बिक शायरी


1258
समझ नहीं आता,
वफा करें तो किससें करें...
मिट्टीसें बने ये लोग,
कागजके टुकडोंपें बिक जाते हैं !!!

1256 दिल सच्चे एहसास मामूली शब्द खास शायरी


1256
दिलके सच्चे,
कुछ एहसास लिखते हैं,
मामूली शब्दोंमें ही सहीं,
कुछ खास लिखते हैं . . . !

25 April 2017

1255 मर मिटे पगली रूठ संभल शायरी


1255
कैसे ना मर मिटे,
उनपर हम.......
पगली रूठकर भी,
कहती हैं...
सुनो......
संभलके जाना...!!!

1254 बेरुखी ऐतराज़ हाल शायरी


1254
तेरी बेरुखीपें कोई,
ऐतराज़ नहीं हैं हमें...
किस हालमें हैं हम...
इतना तो पूँछ लिया करो . . .

1253 दिल आँख हकीकत रिश्ता हमदर्द हाथ दर्द दुआ शायरी


1253
आँखोंमें देखकर,
वो दिलकी हकीकत जानने लगे;
उनसे कोई रिश्ताभी नहीं,
फिरभी अपना मानने लगे;
बनकर हमदर्द कुछ ऐसे,
उन्होंने हाथ थामा मेरा;
कि हम खुदासे,
दर्दकी दुआ मांगने लगे ll

1252 इश्क़ जूनून मयख़ाने सिर दरवाज़ा शायरी


1252
फिर इश्क़का जूनून,
चढ़ रहा हैं सिरपें,
मयख़ानेसे कहदो जरा की...
दरवाज़ा खुला रखे !!! 

1251 मुहब्बत दर्द जान शायरी


1251
कैसे बताऊ तुम्हे...
मुहब्बतका दर्द...
जान जाओगी,
तो जानसे जाओगी.......!

24 April 2017

1250 जिंदगी अजीब खेल याद लफ्ज शायरी


1250
यह अजीब खेल हैं ,
मेरी जिंदगीमें...
जहां यादका लफ्ज आजाये ,
वहां तुम याद आते हो...

1248 कोशिश ख्वाहिश डर जुदाई शायरी


1248
कोशिश तो होती हैं,
की तेरी हर ख्वाहिश पुरी करूं,
पर डर लगता हैं की तू ख्वाहिशमें...
मुझसे जुदाई न मांग ले...

1249 जहर असरदार जनाब राजी मौत शायरी


1249
जहरके असरदार होनेसे,
कूछ नहीं होता जनाब...
खुदा भी राजी होना चाहिए,
मौत देनेके लिए…

1247 मोहब्बत खास रात आखरी खयाल सुबह पहली सोच शायरी


1247
कुछ खास नहीं,
बस इतनीसी हैं मोहब्बत मेरी…!
हर रातका आखरी खयाल और,
हर सुबहकी पहली सोच हो तुम…!!!

1246 मजबूरी समझ मजबूरी वापस शायरी


1246
मैने तुम्हारी मजबूरीयाँ समझी,
और तुम्हे जाने दिया...
अब तुम भी मेरी मजबूरी समझो,
और वापस आ जाओ...

22 April 2017

1245 इश्क होश नशा मजबूरी शायरी


1245
हमने तो इश्कके नशेमें,
उनको खुदा बना डाला,
होश तो तब आया जब उन्होंने कहां,
कि खुदा किसी एकका नहीं होता…

1244 छुपे सरेआम रिश्ते एहसास नाम शायरी


1244
छुपे छुपेसे रहते हैं,
कभी सरेआम नहीं हुआ करते;
कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं,
उनके नाम नहीं हुआ करते…

1243 दिल आँख ख्वाब सुलगते तूफ़ान रास्ते क़दम निशान शायरी


1243
देख मेरी आँखोंमें ख्वाब किसके हैं,
दिलमें मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं,
नहीं गुज़रा कोई आजतक इस रास्तेसे,
फिर ये क़दमोंके निशान किसके हैं...?

1241 इश्क़ आँख आँसू ख्वाब दूर रुला एहसास शायरी


1241
आँसू निकल पड़े ख्वाबमें...
उसको दूर जाते देखकर,
आँख खुली तो एहसास हुआ...
इश्क़ सोते हुए भी रुलाता हैं !

1242 महक फ़िज़ा कलआज शहर शायरी


1242
कुछ तो महक रहा था,
फ़िज़ाओंमें... कलसे...
हमें आज मालूम हूआ,
के वो मेरे शहर आये थे...

21 April 2017

1240 जिंदगी इम्तिहान आसमान मुठ्ठी ज़मीन उड़ान शायरी


1240
जिंदगीकी असली उड़ान अभी बाकी हैं,
जिंदगीके कई इम्तिहान अभी बाकी हैं,
अभी तो नापी हैं मुठ्ठीभर ज़मीन आपने,
आगे अभी सारा आसमान बाकी हैं !

1238 दिल कोशिश याद चाहत फुर्सत बहाने लम्हे शायरी


1238
करिये तो कोशिश हमको याद करनेकी;
फुर्सतके लम्हे तो अपने आप मिल जायेंगे;
दिलमें अगर हैं, चाहत हमसे मिलने की;
बहाने मिलनेके खुद-ब-खुद बन जायेंगे।

1239 दुनियाँ गम फ़साना खुशियाँ ढूढ आशियाना वक़्त उदास मुस्कुराना शायरी


1239
गम न हो वहां, जहाँ हो फ़साना आपका,
खुशियाँ ढूढती रहें आशियाना आपका,
वो वक़्त ही न आये जब आप उदास हों,
ये दुनियाँ भुला न सके मुस्कुराना आपका !

1236 सुकून चौखट सर झुके भटक शायरी


1236
एक ही चौखटपर सर झुके,
तो सुकून मिलता हैं.....
भटक जाते हैं वो लोग,
जिनके हजारो खुदा होते हैं.......