6161
कोई अजनबी खास,
हो रहा हैं...
लगता हैं आज मूझे फिरसे,
प्यार हो रहा हैं.......!
6162
कभी खमोशीका किस्सा खोल
दु,
लफ्ज अभी परदा
करते हैं हमसे;
कभी बिती बाते
समेट भी लू,
अब सभी अपनोमे
हम अजनबीसे...
6163
यक़ीन उनको नही आता,
वज़ाहत हम नही करते l
लगता हैं उम्र सारी गुज़र जाएगी,
यूँ ही अजनबी बनकर ll
6164
जिंदगी अब तो
तेरा,
हारना लाजिम होगा...
अजनबी बन गये
हैं,
साथ निभाने वाले.......
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मैं खुद भी अपने लिए,
अजनबी हूँ...
मुझे गैर कहने वाले,
तेरी बातमें दम हैं.......