6321
जो दिलमें हैं,
उसे कहनेकी हिम्मत रखिए;
और जो दुसरोंके दिलमें हैं,
उसे समझनेका हुनर रखिए...!
6122
कुछ ज़ख्म इंसानके,
कभी नहीँ
भरते...
बस इंसान उन्हें छुपानेका,
हुनर सीख जाता
हैं.......!
उसे ये कैसे बताताके,
कुछ तो मैं भी हूँ...
के उसने अपने
हुनरसे,
कमाल हैं लिया।.......
कमाल हैं लिया।.......
6324
वो दौर क़रीब
आ रहा हैं,
जब दाद-ए-हुनर न
मिल सकेगी...
अतहर नफ़ीस
6325
ज़िंदगी कभी आसान नही होती;
इसे आसान बनाना पढ़ता है...
कुछ को नज़रअन्दाज़ करके,
कुछ को बर्दाश्त
कर के हैं...